रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में सोमवार को हेलिपैड पर लैंडिंग के वक्त एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे के समय हेलीकॉप्टर में पायलट समेत 6 लोग सवार थे. सभी यात्री सुरक्षित हैं. हालांकि उन्हें हल्की चोटें जरूर आई हैं. वहीं, केदारनाथ में जब से हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की गई है, तब से यहां लगातर हादसे हो रहे हैं.
बता दें कि केदारनाथ में 2003 में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हुई थी. जिसके बाद पहली बार साल 2010 में केदारनाथ धाम में एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर के पंखे से एक स्थानीय व्यक्ति का सिर कट गया था. तब स्थानीय लोगों में हेली कंपनियों के खिलाफ जबर्दस्त आक्रोश देखा गया. इसके बाद 16 और 17 जून 2013 को आई आपदा के बाद राहत बचाव के लिए वायु सेना के एमआई-17 सहित कई प्राइवेट कंपनियों ने राहत बचाव में योगदान दिया.
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इस दौरान 21 जून 2013 को एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर गरुड़चट्टी के पास पहाड़ी से टकराकर क्रैश हो गया. घटना का कारण केदारघाटी का खराब मौसम रहा. इस घटना को चार दिन भी नहीं हुए थे कि 25 जून 2013 को सेना का एक एमआई-17 राहत बचाव के दौरान गौरीकुंड और रामबाड़ा के बीच क्रैश हो गया. इस घटना में सेना के पायलट, कोपायलट सहित 20 जवान शहीद हो गए थे.
इसके बाद 24 जुलाई 2013 को केदारघाटी में एक और हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. इसमें एक को-पायलट और एक इंजीनियर की मौत हो गई. वहीं, 3 अप्रैल 2018 को सेना का एमआई-17 बिजली के तार से उलझकर क्रैश हो गया. हालांकि इस घटना में सभी सुरक्षित बच गए.
इस तरह केदारघाटी में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं से जुड़े मामलों में 23 मौतें हो चुकी हैं. वहीं, यात्रा सीजन और अन्य स्थितियों में चार घटनाएं होते होते बचीं.