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केदारनाथ में लगातार क्रैश हो रहे हेलीकॉप्टर, अब तक के हादसों पर एक रिपोर्ट

केदारनाथ में हेली सेवी शुरू होने के बाद से यहां लगातार हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं. अबतक हुए हादसों में 23 लोगों की जान जा चुकी है.

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Published : Sep 23, 2019, 9:04 PM IST

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में सोमवार को हेलिपैड पर लैंडिंग के वक्त एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे के समय हेलीकॉप्टर में पायलट समेत 6 लोग सवार थे. सभी यात्री सुरक्षित हैं. हालांकि उन्हें हल्की चोटें जरूर आई हैं. वहीं, केदारनाथ में जब से हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की गई है, तब से यहां लगातर हादसे हो रहे हैं.

केदारनाथ में लगातार क्रैश हो रहे हेलीकॉप्टर.

बता दें कि केदारनाथ में 2003 में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हुई थी. जिसके बाद पहली बार साल 2010 में केदारनाथ धाम में एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर के पंखे से एक स्थानीय व्यक्ति का सिर कट गया था. तब स्थानीय लोगों में हेली कंपनियों के खिलाफ जबर्दस्त आक्रोश देखा गया. इसके बाद 16 और 17 जून 2013 को आई आपदा के बाद राहत बचाव के लिए वायु सेना के एमआई-17 सहित कई प्राइवेट कंपनियों ने राहत बचाव में योगदान दिया.

पढ़ें: कई बीमारियों में काम आता है मालभोग केला, बाजारों में बढ़ती जा रही डिमांड

इस दौरान 21 जून 2013 को एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर गरुड़चट्टी के पास पहाड़ी से टकराकर क्रैश हो गया. घटना का कारण केदारघाटी का खराब मौसम रहा. इस घटना को चार दिन भी नहीं हुए थे कि 25 जून 2013 को सेना का एक एमआई-17 राहत बचाव के दौरान गौरीकुंड और रामबाड़ा के बीच क्रैश हो गया. इस घटना में सेना के पायलट, कोपायलट सहित 20 जवान शहीद हो गए थे.

इसके बाद 24 जुलाई 2013 को केदारघाटी में एक और हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. इसमें एक को-पायलट और एक इंजीनियर की मौत हो गई. वहीं, 3 अप्रैल 2018 को सेना का एमआई-17 बिजली के तार से उलझकर क्रैश हो गया. हालांकि इस घटना में सभी सुरक्षित बच गए.

इस तरह केदारघाटी में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं से जुड़े मामलों में 23 मौतें हो चुकी हैं. वहीं, यात्रा सीजन और अन्य स्थितियों में चार घटनाएं होते होते बचीं.

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में सोमवार को हेलिपैड पर लैंडिंग के वक्त एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे के समय हेलीकॉप्टर में पायलट समेत 6 लोग सवार थे. सभी यात्री सुरक्षित हैं. हालांकि उन्हें हल्की चोटें जरूर आई हैं. वहीं, केदारनाथ में जब से हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की गई है, तब से यहां लगातर हादसे हो रहे हैं.

केदारनाथ में लगातार क्रैश हो रहे हेलीकॉप्टर.

बता दें कि केदारनाथ में 2003 में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हुई थी. जिसके बाद पहली बार साल 2010 में केदारनाथ धाम में एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर के पंखे से एक स्थानीय व्यक्ति का सिर कट गया था. तब स्थानीय लोगों में हेली कंपनियों के खिलाफ जबर्दस्त आक्रोश देखा गया. इसके बाद 16 और 17 जून 2013 को आई आपदा के बाद राहत बचाव के लिए वायु सेना के एमआई-17 सहित कई प्राइवेट कंपनियों ने राहत बचाव में योगदान दिया.

पढ़ें: कई बीमारियों में काम आता है मालभोग केला, बाजारों में बढ़ती जा रही डिमांड

इस दौरान 21 जून 2013 को एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर गरुड़चट्टी के पास पहाड़ी से टकराकर क्रैश हो गया. घटना का कारण केदारघाटी का खराब मौसम रहा. इस घटना को चार दिन भी नहीं हुए थे कि 25 जून 2013 को सेना का एक एमआई-17 राहत बचाव के दौरान गौरीकुंड और रामबाड़ा के बीच क्रैश हो गया. इस घटना में सेना के पायलट, कोपायलट सहित 20 जवान शहीद हो गए थे.

इसके बाद 24 जुलाई 2013 को केदारघाटी में एक और हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. इसमें एक को-पायलट और एक इंजीनियर की मौत हो गई. वहीं, 3 अप्रैल 2018 को सेना का एमआई-17 बिजली के तार से उलझकर क्रैश हो गया. हालांकि इस घटना में सभी सुरक्षित बच गए.

इस तरह केदारघाटी में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं से जुड़े मामलों में 23 मौतें हो चुकी हैं. वहीं, यात्रा सीजन और अन्य स्थितियों में चार घटनाएं होते होते बचीं.

Intro:केदारनाथ में पहले भी हो चुके हैं हेलीकॉप्टर क्रैश
रुद्रप्रयाग । केदारनाथ धाम के लिए वर्ष 2003 से हेलीकॉप्टर सेवा शुरू होने के बाद पहली बार वर्ष 2010 में केदारनाथ धाम में एक प्राइवेट हेली के पंखे से एक स्थानीय व्यक्ति का सिर कटने की घटना हुई। तब स्थानीय लोगों में हेली कंपनियों के खिलाफ जबर्दस्त आक्रोश देखा गया। इसके बाद 16 और 17 जून 2013 को आई भीषण आपदा के बाद राहत बचाव के लिए वायु सेवा के एमआई-17 सहित कई प्राइवेट कंपनियों ने राहत बचाव में योगदान दिया।Body:इस दौरान 21 जून 2013 को एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर गरुड़चट्टी के पास पहाड़ी से टकराकर क्रैश हो गया। इस घटना का कारण केदारघाटी का खराब मौसम रहा। घटना को चार दिन नहीं हुए कि 25 जून 2013 को सेना का एक एमआई-17 राहत बचाव के दौरान गौरीकुंड और रामबाड़ा के बीच घनी पहाड़ियों में कोहरे और खराब मौसम में क्रैश हो गया। यह हेलीकॉप्टर दुर्घटना सेना के लिए भी बड़ी घटना थी। इस घटना में सेना के पायलट, कोपायलट सहित 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद 24 जुलाई 2013 को केदारघाटी में एक और हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। इसमें एक कोपायलट और एक इंजीनियर की मौत हो गई, जबकि तीन अप्रैल 2018 को सेना का एमआई-17 बिजली के तार से उलझकर क्रैश हो गया। हालांकि इस घटना में सभी सुरक्षित बच गए। इस तरह केदारघाटी में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं से जुड़ी घटनाओं में 23 मौतें हो चुकी हैं। यात्रा सीजन और अन्य स्थितियों में चार घटनाएं होते होते बचीं। सोमवार को यूटी एयर हवाई कंपनी का हेलीकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भर रहा था। तभी अचानक हेलीकॉप्टर अनियंत्रित हो गया और उसका पिछला हिस्सा हैलीपैड पर टकराने से दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिस वक्त ये हादसा हुआ उस समय हेलीकॉप्टर में पायलट समेत छह यात्री सवार थे। हेलीकॉप्टर सवार सभी पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
Conclusion:
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