रुद्रप्रयाग: जिला मुख्यालय के अंतर्गत नरकोटा गांव में आपदा प्रभावित परिवारों के विस्थापन को लेकर भूगर्भीय सर्वेक्षण टीम सवालिया घेरे में आ गई है. आपदा प्रभवित दो परिवारों को विस्थापन की सूची में न रखे जाने से आक्रोशित पीड़ित परिवारों ने मोर्चा खोल दिया है. पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया है कि आपदा से उनके भवनों को भी नुकसान हुआ है. आज भी जबरन उनके साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है.
दरअसल, ग्राम पंचायत नरकोटा के सैंण तोक में इस वर्ष जून माह में पहाड़ी से भूस्खलन होने के कारण चार परिवारों के आवासीय भवनों के अंदर पानी व मलबा घुस गया था, जबकि भवनों के आंगन भी मलबे में तब्दील हो गए थे. उस दौरान जिलाधिकारी मनुज गोयल ने भी मौके का मुआयना कर उचित कार्रवाई के आदेश दिए थे. आपदा के बाद सभी प्रभावित परिवारों ने विस्थापन की मांग की. उनके भवनों के ऊपर पहाड़ी से लगातार दरकने का खतरा बना हुआ है. ऐसे में परिवार विस्थापन पर अडे़ रहे. जिसके बाद भू-गर्भीय टीम को सर्वेक्षण के निर्देश दिए गए.
पढ़ें- PM मोदी गोवा में 600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे
वहीं, टीम द्वारा अन्य परिवारों को तो विस्थापन की सूची में रखा गया है, लेकिन दो परिवारों को छोड़ दिया गया है. जिससे उन परिवारों में आक्रोश बढ़ गया है. प्रभावित ग्रामीण हरीश चन्द्र एवं चक्रधर जोशी का कहना है कि उन्हें विस्थापन की सूची से हटाना सरासर एक भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया गया है. ये गरीब परिवारों के साथ भद्दा मजाक है. उन्होंने कहा उनके अगल-बगल के अन्य परिवारों का विस्थापन किया गया और उन्हें सूची हटा दिया गया, जिससे साफ होता है कि यह एक साजिश है.
पढ़ें- पुलिस ने रोडवेज बस में हुई चोरी का किया खुलासा, गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार
उन्होंने कहा भूगर्भीय सर्वेक्षण टीम द्वारा कुछेक परिवारों को लाभ पहुंचाया गया, लेकिन उनके साथ अन्याय किया गया. जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी से भी मुलाकात की. जिलाधिकारी की तरफ से उच्च स्तरीय जांच की बात कही गयी है.
पूर्व में प्रभावितों ने मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत से भी मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की थी. जिस पर मंत्री ने तत्काल डीएम को कार्रवाई के आदेश दिये थे. मामले में जिलाधिकारी मनुज गोयल का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी. उन्होंने कहा एसडीएम को इसके आदेश दिए गए हैं. अगर इन परिवारों को विस्थापन की आवश्यकता है, तो जरूर उचित कार्रवाई की जायेगी.