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तुंगनाथ धाम के कपाट बंद, फिर भी पर्यटकों का जमावड़ा, सेंचुरी एरिया में अतिक्रमण - तुंगनाथ धाम बंद होने के बाद भी पर्यटक की आवाजाही

रुद्रप्रयाग के तुंगनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भी पर्यटकों के आवागमन का सिलसिला जारी है. इसके साथ ही कई सेंचुरी एरिया में खुलेआम अतिक्रमण भी किया जा रहा है. जबकि कपाट बंद होने के बाद यहां आना भी प्रतिबंधित है. मंदिर के पुजारियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.

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Published : Nov 30, 2022, 12:08 PM IST

Updated : Nov 30, 2022, 2:34 PM IST

रुद्रप्रयाग: तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ (Third Kedar Lord Tungnath) के कपाट शीतकाल के लिए बंद (Doors of Tungnath Dham closed) हो चुके हैं. लेकिन अभी भी यहां सैलानियों का हर रोज जमावड़ा लग रहा है. इसके साथ ही कई सेंचुरी एरिया में खुलेआम अतिक्रमण (encroachment in century area) भी किया जा रहा है. जबकि परंपरानुसार कपाट बंद होने के बाद यहां आना भी प्रतिबंधित है. इस बात को लेकर हकहकूक धारियों ने जोरदार विरोध करना शुरू कर दिया है.

मंदिर के पुजारी रविंद्र मैठाणी (Ravindra Maithani priest of Tungnath temple) का कहना है कि सेंचुरी क्षेत्र में खुलेआम निर्माण कार्य किया जा रहा है, जो सरासर नियमों के विरुद्ध है. इसे रोकने वाला कोई नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों की मिलीभगत से यह कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूर्व में कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ परिसर में उनके मकानों में चोरी की घटनाएं हुई थी. इसके बाद कपाट बंद होने के बाद आवागम पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई थी. लेकिन फिर से यहां हर रोज भारी संख्या में आवागमन होने लगा है.

तुंगनाथ धाम के कपाट बंद, फिर भी पर्यटकों का जमावड़ा.
ये भी पढ़ेंः गेस्ट टीचरों ने सरकार से की गृह जिलों में नियुक्ति देने की मांग, आंदोलन की दी धमकी

उन्होंने कहा कि तत्काल इस पर कार्रवाई की जानी चाहिए. वहीं, एसडीएम ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा का कहना है कि परंपरानुसार कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ धाम में आवगमन नहीं होना चाहिए. लेकिन वन विभाग द्वारा ट्रैकिंग की अनुमति दी जाती है. वह इसलिए कि चोपता पर्यटक स्थल है. उन्होंने कहा कि तुंगनाथ धाम में अतिक्रमण किए जाने की वीडियो के जरिए जानकारी मिली है. इस संबंध मे संबंधित पटवारी को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

रुद्रप्रयाग: तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ (Third Kedar Lord Tungnath) के कपाट शीतकाल के लिए बंद (Doors of Tungnath Dham closed) हो चुके हैं. लेकिन अभी भी यहां सैलानियों का हर रोज जमावड़ा लग रहा है. इसके साथ ही कई सेंचुरी एरिया में खुलेआम अतिक्रमण (encroachment in century area) भी किया जा रहा है. जबकि परंपरानुसार कपाट बंद होने के बाद यहां आना भी प्रतिबंधित है. इस बात को लेकर हकहकूक धारियों ने जोरदार विरोध करना शुरू कर दिया है.

मंदिर के पुजारी रविंद्र मैठाणी (Ravindra Maithani priest of Tungnath temple) का कहना है कि सेंचुरी क्षेत्र में खुलेआम निर्माण कार्य किया जा रहा है, जो सरासर नियमों के विरुद्ध है. इसे रोकने वाला कोई नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों की मिलीभगत से यह कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूर्व में कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ परिसर में उनके मकानों में चोरी की घटनाएं हुई थी. इसके बाद कपाट बंद होने के बाद आवागम पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई थी. लेकिन फिर से यहां हर रोज भारी संख्या में आवागमन होने लगा है.

तुंगनाथ धाम के कपाट बंद, फिर भी पर्यटकों का जमावड़ा.
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उन्होंने कहा कि तत्काल इस पर कार्रवाई की जानी चाहिए. वहीं, एसडीएम ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा का कहना है कि परंपरानुसार कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ धाम में आवगमन नहीं होना चाहिए. लेकिन वन विभाग द्वारा ट्रैकिंग की अनुमति दी जाती है. वह इसलिए कि चोपता पर्यटक स्थल है. उन्होंने कहा कि तुंगनाथ धाम में अतिक्रमण किए जाने की वीडियो के जरिए जानकारी मिली है. इस संबंध मे संबंधित पटवारी को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.

Last Updated : Nov 30, 2022, 2:34 PM IST
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