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केदारनाथ धाम में बारिश और बर्फबारी ने बढ़ाई मुश्किलें, चौपट हुईं फसलें - रुद्रप्रयाग हिंदी समाचार

पिछले दो दिनों से केदारघाटी के हिमालयी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं, फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है.

Rudraprayag
केदारनाथ धाम में हुई बारिश ओर बर्फबारी
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Published : Apr 21, 2021, 8:22 PM IST

रुद्रप्रयाग: केदारघाटी के हिमालयी क्षेत्र के निचले हिस्सों में पिछले दो दिनों से बारिश और बर्फबारी होने के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश होने से रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे कई जगहों पर कीचड़ में तब्दील हो गया है, जिससे राहगीरों को आवाजाही करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है.

दरअसल, पिछले दो दिनों से केदारघाटी के हिमालयी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी से पंवालीकांठा, केदारनाथ, वासुकीताल, खाम, मनणी, मदमहेश्वर, विसुणीताल और चंद्रशिला सहित अधिकांश हिमालयी भूभाग में भारी बर्फबारी हुई है. जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. फसलों का भी नुकसान हुआ है. आने वाले दिनों में अगर यही हालात रहे तो मई के दूसरे सप्ताह से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा प्रभावित हो सकती है.

ये भी पढ़ें: कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच IIT रुड़की ने छात्रों से घर जाने को कहा

उधर बेमौसम बारिश होने से रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे और ऊखीमठ-मनसूना-रांसी मोटरमार्ग का कुछ हिस्सा कीचड़ में तब्दील हो गया है. राहगीरों को आवागमन करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर धाम में वुड स्टोन कंपनी की ओर से शंकराचार्य समाधि स्थल और तीर्थ पुरोहितों के भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन बर्फबारी ने निर्माण कार्यो में बाधा डाल दी है.

ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र : नासिक में ऑक्सीजन लीकेज से 24 लोगों की मौत, पीएम ने जताया शोक

वहीं, वुड स्टोन कंपनी के प्रबंधक मनोज सेमवाल ने बताया कि धाम में बर्फबारी होने के कारण निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है. शंकराचार्य समाधि स्थल का कार्य दूसरे चरण में चल रहा है, जबकि तीर्थ पुरोहितों के भवनों का कार्य भी प्रगति पर चल रहा है. सेमवाल का कहना है कि अगर बारिश और बर्फबारी इसी तरह से होती रही तो निर्माण कार्य होना मुश्किल है.

रुद्रप्रयाग: केदारघाटी के हिमालयी क्षेत्र के निचले हिस्सों में पिछले दो दिनों से बारिश और बर्फबारी होने के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश होने से रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे कई जगहों पर कीचड़ में तब्दील हो गया है, जिससे राहगीरों को आवाजाही करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है.

दरअसल, पिछले दो दिनों से केदारघाटी के हिमालयी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी से पंवालीकांठा, केदारनाथ, वासुकीताल, खाम, मनणी, मदमहेश्वर, विसुणीताल और चंद्रशिला सहित अधिकांश हिमालयी भूभाग में भारी बर्फबारी हुई है. जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. फसलों का भी नुकसान हुआ है. आने वाले दिनों में अगर यही हालात रहे तो मई के दूसरे सप्ताह से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा प्रभावित हो सकती है.

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उधर बेमौसम बारिश होने से रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे और ऊखीमठ-मनसूना-रांसी मोटरमार्ग का कुछ हिस्सा कीचड़ में तब्दील हो गया है. राहगीरों को आवागमन करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर धाम में वुड स्टोन कंपनी की ओर से शंकराचार्य समाधि स्थल और तीर्थ पुरोहितों के भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन बर्फबारी ने निर्माण कार्यो में बाधा डाल दी है.

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वहीं, वुड स्टोन कंपनी के प्रबंधक मनोज सेमवाल ने बताया कि धाम में बर्फबारी होने के कारण निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है. शंकराचार्य समाधि स्थल का कार्य दूसरे चरण में चल रहा है, जबकि तीर्थ पुरोहितों के भवनों का कार्य भी प्रगति पर चल रहा है. सेमवाल का कहना है कि अगर बारिश और बर्फबारी इसी तरह से होती रही तो निर्माण कार्य होना मुश्किल है.

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