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पलायन पर हरक सिंह बोले- देहरादून में रहकर चर्चा करने से नहीं होगा कुछ

कृषि महाविद्यालय चिरबिटिया में पलायन पर गंभीर मंथन हुआ. जिसमें वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने पलायन को गंभीर समस्या बताया.

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Published : Nov 16, 2019, 3:21 PM IST

हरक सिंह ने पलायन को बताया गंभीर मुद्दा.

रुद्रप्रयाग: कृषि महाविद्यालय चिरबिटिया में पर्वतीय क्षेत्रों में हो रहे पलायन पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने शिरकत की. माउंटेन फोरम देहरादून एवं जन विकास संस्थान चिरबटिया के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री ने अपने विचार रखे.

हरक सिंह ने पलायन को बताया गंभीर मुद्दा.

इस मौके पर उन्होंने कहा कि पलायन की चर्चा सिर्फ देहरादून में की जाती है. इस चर्चा को हमें दूरस्थ गावों मे जाकर जनता के बीच करनी होगी. साथ ही आम जनता को पलायन से रोकने के लिये प्रेरित करना होगा. क्योंकि पहाड़ में पलायन एक गंभीर विषय बना हुआ है. इस दौरान वे राज्य सरकार पर हमलावर दिखाई दिए.

कार्यक्रम के दौरान वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि पौड़ी से ही सीएम और कई नेताओं के साथ ही अधिकारी भी आते हैं. वहीं से सबसे ज्यादा पलायन हो रहा है. इस दौरान उन्होंने केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक पर भी निशाना साधा. हरक सिंह रावत ने कहा सरकार भी पलायन के प्रति चिंतित है और पलायन रोकने के लिये कारगार नीति बना रही है.

उन्होंने कहा कि आज ग्रामीण जनता भी गांवों को छोड़कर शहरों का रुख कर रही है, इसके लिये कही न कही हम भी जिम्मेदार हैं. काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने यह भी कहा कि सबसे अधिक पलायन उन जिलों में हुआ है, जहां से सबसे अधिक मंत्री, विधायक एवं अफसर हैं. उन्होंने आगे कहा उत्तराखंड में जिन जिलों में सबसे ज्यादा अधिकारी देश के उच्च पदों पर आसीन हैं वहीं से ज्यादा पलायन हो रहा है.

पढ़ें-छात्रवृत्ति घोटाला: आरोपियों की धरपकड़ जारी, मोनाड यूनिवर्सिटी के प्रबंधक समेत 4 गिरफ्तार

एनएसए अजित डोभाल, थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, रॉ के चीफ धस्माना, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, सीएम त्रिवेन्द्र रावत, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, मंत्री सतपाल महाराज, मंत्री सुबोध उनियाल, मंत्री धन सिंह रावत और स्वयं हरक सिंह खुद पौड़ी जिले के हैं. लेकिन इस सबके बावजूद भी पौड़ी जिले में पलायन सबसे ज्यादा है.

रुद्रप्रयाग: कृषि महाविद्यालय चिरबिटिया में पर्वतीय क्षेत्रों में हो रहे पलायन पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने शिरकत की. माउंटेन फोरम देहरादून एवं जन विकास संस्थान चिरबटिया के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री ने अपने विचार रखे.

हरक सिंह ने पलायन को बताया गंभीर मुद्दा.

इस मौके पर उन्होंने कहा कि पलायन की चर्चा सिर्फ देहरादून में की जाती है. इस चर्चा को हमें दूरस्थ गावों मे जाकर जनता के बीच करनी होगी. साथ ही आम जनता को पलायन से रोकने के लिये प्रेरित करना होगा. क्योंकि पहाड़ में पलायन एक गंभीर विषय बना हुआ है. इस दौरान वे राज्य सरकार पर हमलावर दिखाई दिए.

कार्यक्रम के दौरान वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि पौड़ी से ही सीएम और कई नेताओं के साथ ही अधिकारी भी आते हैं. वहीं से सबसे ज्यादा पलायन हो रहा है. इस दौरान उन्होंने केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक पर भी निशाना साधा. हरक सिंह रावत ने कहा सरकार भी पलायन के प्रति चिंतित है और पलायन रोकने के लिये कारगार नीति बना रही है.

उन्होंने कहा कि आज ग्रामीण जनता भी गांवों को छोड़कर शहरों का रुख कर रही है, इसके लिये कही न कही हम भी जिम्मेदार हैं. काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने यह भी कहा कि सबसे अधिक पलायन उन जिलों में हुआ है, जहां से सबसे अधिक मंत्री, विधायक एवं अफसर हैं. उन्होंने आगे कहा उत्तराखंड में जिन जिलों में सबसे ज्यादा अधिकारी देश के उच्च पदों पर आसीन हैं वहीं से ज्यादा पलायन हो रहा है.

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एनएसए अजित डोभाल, थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, रॉ के चीफ धस्माना, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, सीएम त्रिवेन्द्र रावत, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, मंत्री सतपाल महाराज, मंत्री सुबोध उनियाल, मंत्री धन सिंह रावत और स्वयं हरक सिंह खुद पौड़ी जिले के हैं. लेकिन इस सबके बावजूद भी पौड़ी जिले में पलायन सबसे ज्यादा है.

Intro:... जब वन मंत्री ने मंच से अपनी ही सरकार को घेरा
कहा, पलायन के प्रति सबको गंभीर होने की जरूरत
देश के सर्वोच्च पदों पर विराजमान हैं पौड़ी जिले के निवासी
पौड़ी ही जनपद से हुआ है सबसे ज्यादा पलायन
चिरबिटिया में पलायन पर एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन
रुद्रप्रयाग। कृषि महाविद्यालय चिरबिटिया में पर्वतीय क्षेत्रों में हो रहे पलायन पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में काबीना मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत ने भी प्रतिभाग किया। माउंटेन फोरम देहरादून एवं जन विकास संस्थान चिरबटिया के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि काबीना मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत ने कहा कि पलायन की चर्चा सिर्फ देहरादून में की जाती है। इस चर्चा को हमे दूरस्थ गावों मे जाकर जनता के बीच करनी होगी। साथ ही आम जनता को पलायन रोकने के लिये प्रेरित करना होगा। आज पहाड़ के पहाड़ पलायन के चलते खाली हा रहे हैं, जो कि एक गंभीर विषय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार भी पलायन के प्रति चिंतित है और पलायन रोकने के लिये कारगार नीति बना रही है। उन्होंने कहा कि आज ग्रामीण जनता भी गांवों को छोड़कर शहरों का रूख कर रही है, इसके लिये कही न कही हम सभ भी जिम्मेदार हैं। काबीना मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत ने यह भी कहा कि सबसे अधिक पलायन उन जिलो में हुआ है, जहां से सबसे अधिक मंत्री, विधायक एवं अफसर हैं।Body:उन्होंने पलायन को लेकर अपने नेताओं, सरकार व अधिकारियों को ही नहीं, बल्कि खुद अपने पर भी सवाल खड़े कर दिए। डाॅ रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में जिन जिलों में सबसे बड़े साहब हैं, जहां एक से बढ़कर एक साहब हैं, उस जिले में उस पौड़ी जिले में सबसे ज्यादा पलायन हो रहा है एनएसए अजित डोभाल, थल सेना अध्यक्ष जनरल विपिन रावत, राॅ के चीफ धस्माना, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, सीएम त्रिवेन्द्र रावत, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, मंत्री सतपाल महाराज, मंत्री सुबोध उनियाल, मंत्री धन सिंह रावत और स्वयं हरक सिंह खुद पौड़ी जिले के हैं लेकिन इस सबसे बावजूद भी पौड़ी जिले में पलायन सबसे ज्यादा है, राजनीति में हर बयान का एक अर्थ होता है, हरक के बयान के पीछे भी कई बड़ी बातें छुपी हुई हैं बड़ी बात ये हैं कि क्या पलायन को लेकर मंत्री हरक सिंह अपनी ही सरकार को पलायन को मामले में घेरना चाहते हैं जो लोगों के बीच जाकर इस तरह के बयान दे रहे हैं।
नोट- बाइट - मंच से अपनी सरकार को पलायान पर घेरते हरक सिंह रावत Conclusion:
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