ETV Bharat / state

मदमहेश्वर धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू, 22 मई से होंगे दर्शन

author img

By

Published : May 18, 2023, 9:23 AM IST

Updated : May 18, 2023, 5:30 PM IST

आज से मदमहेश्वर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 20 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से धाम के लिए रवाना होगी. विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी.

Etv Bharat
मदमहेश्वर धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू

रुद्रप्रयाग/ऊखीमठ: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोलने व चल विग्रह उत्सव डोली के रवाना होने की प्रक्रिया आज से शुरू होगी. आज शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में इसकी विधिवत शुरू होगी. कपाट खोलने की प्रक्रिया के अवसर पर स्थानीय ग्रामीणों ने भगवान मदमहेश्वर को नये अनाज का भोग अर्पित कर विश्व समृद्धि व आगामी ग्रीष्मकालीन यात्रा के निर्विघ्न संपन्न होने की कामना करेंगे.

20 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर से कैलाश के लिए रवाना होगी. विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए 22 मई को मदमहेश्वर धाम पहुंचेगी. भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर भगवान मदमहेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं व विधि-विधान से ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे.
पढे़ं- कुछ दिन भी नहीं टिक पाई दो करोड़ में बनी PWD की सड़क, पोल खुली तो इस विभाग पर मढ़ दिया दोष

ओंकारेश्वर मन्दिर के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया भगवान मदमहेश्वर के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में ब्रह्म बेला पर नित्य पूजा कर भगवान मदमहेश्वर भगवान ओंकारेश्वर सहित तैंतीस कोटि देवी-देवताओं का आहवान किया गया. 9.30 मिनट पर राॅवल भीमाशंकर लिंग ने दान सहित अन्य परम्पराओं का निर्वहन किया. 10.30 मिनट पर भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को सभा मण्डप में विराजमान किया जाएगा.
पढे़ं- ऋषिकेश में PWD का अजब खेल, इंटर लॉकिंग टाइल्स पर डाला डामर, मंत्री महाराज तक पहुंचा मामला

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल ने बताया कि भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों के सभा मण्डप में विराजमान होने के बाद पुनः भगवान मदमहेश्वर की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाएगी. ग्रामीणों की ओर से नये अनाज का भोग अर्पित कर विश्व समृद्धि, क्षेत्र की खुशहाली तथा आगामी ग्रीष्मकालीन यात्रा के निर्विघ्न संपन्न होने की कामना की जायेगी. प्रशासनिक अधिकारी युद्ववीर पुष्वाण ने बताया 20 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से धाम के लिए रवाना होगी. विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी. 21 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मन्दिर रांसी से रवाना होकर अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचेगी. 22 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर सैकड़ों भक्तों की मौजूदगी में भगवान मदमहेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे.

रुद्रप्रयाग/ऊखीमठ: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोलने व चल विग्रह उत्सव डोली के रवाना होने की प्रक्रिया आज से शुरू होगी. आज शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में इसकी विधिवत शुरू होगी. कपाट खोलने की प्रक्रिया के अवसर पर स्थानीय ग्रामीणों ने भगवान मदमहेश्वर को नये अनाज का भोग अर्पित कर विश्व समृद्धि व आगामी ग्रीष्मकालीन यात्रा के निर्विघ्न संपन्न होने की कामना करेंगे.

20 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर से कैलाश के लिए रवाना होगी. विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए 22 मई को मदमहेश्वर धाम पहुंचेगी. भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर भगवान मदमहेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं व विधि-विधान से ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे.
पढे़ं- कुछ दिन भी नहीं टिक पाई दो करोड़ में बनी PWD की सड़क, पोल खुली तो इस विभाग पर मढ़ दिया दोष

ओंकारेश्वर मन्दिर के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया भगवान मदमहेश्वर के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में ब्रह्म बेला पर नित्य पूजा कर भगवान मदमहेश्वर भगवान ओंकारेश्वर सहित तैंतीस कोटि देवी-देवताओं का आहवान किया गया. 9.30 मिनट पर राॅवल भीमाशंकर लिंग ने दान सहित अन्य परम्पराओं का निर्वहन किया. 10.30 मिनट पर भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को सभा मण्डप में विराजमान किया जाएगा.
पढे़ं- ऋषिकेश में PWD का अजब खेल, इंटर लॉकिंग टाइल्स पर डाला डामर, मंत्री महाराज तक पहुंचा मामला

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल ने बताया कि भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों के सभा मण्डप में विराजमान होने के बाद पुनः भगवान मदमहेश्वर की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाएगी. ग्रामीणों की ओर से नये अनाज का भोग अर्पित कर विश्व समृद्धि, क्षेत्र की खुशहाली तथा आगामी ग्रीष्मकालीन यात्रा के निर्विघ्न संपन्न होने की कामना की जायेगी. प्रशासनिक अधिकारी युद्ववीर पुष्वाण ने बताया 20 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से धाम के लिए रवाना होगी. विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी. 21 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मन्दिर रांसी से रवाना होकर अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचेगी. 22 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर सैकड़ों भक्तों की मौजूदगी में भगवान मदमहेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे.

Last Updated : May 18, 2023, 5:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.