रुद्रप्रयाग: रविवार को एक निजी संस्थान की ओर से स्वच्छता अभियान चलाया गया. लगभग दो क्विंटल प्लास्टिक एकत्रित कर उसे वन विभाग के सुपुर्द किया गया. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में संस्थान की ओर से क्षेत्र के अन्य तीर्थ, पर्यटन स्थलों और बुग्यालों में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा. साथ ही हर गांव में पौराणिक परंपराओं को जीवित रखने के लिए जन-जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे.
संस्थान के समन्यवक ऋषभ मैठाणी ने बताया कि ग्रुप से जुड़े 32 युवाओं ने तुंगनाथ घाटी के चोपता, तुंगनाथ धाम और चंद्रशिला सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर स्वच्छता अभियान चलाया. इस दौरान करीब 2 क्विंटल प्लास्टिक एकत्रित कर वन विभाग को दिया गया है. मैठाणी ने बताया कि तुंगनाथ घाटी आने वाले पर्यटकों से आग्रह किया गया है कि प्लास्टिक चयनित स्थानों पर ही फेंकें.
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वहीं, प्रियांशु रावत ने बताया कि सैलानियों और तीर्थ यात्री तुंगनाथ घाटी आकर प्लास्टिक को प्रयोग करने के बाद उसे जगह-जगह फेंक देते हैं, जिससे पर्यावरण को खासा नुकसान पहुंच रहा है. उधर, अभिषेक पंवार ने बताया कि आने वाले समय में निजी संस्थान की ओर से क्षेत्र की विभिन्न घाटियों के तीर्थ स्थानों, पर्यटक स्थलों और मखमली बुग्यालों में स्वच्छता अभियान चलाकर पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लिया जाएगा.
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पंवार ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के कण-कण को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए ग्रामीणों, व्यापारियों, तीर्थ यात्रियों और आने वाले पर्यटकों को जागरूक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सुरम्य मखमली बुग्यालों में मानवीय हस्तक्षेप और प्लास्टिक के प्रयोग से वहां पर उगने वाली मखमली घास खासी प्रभावित हो रही है. इस लिए बुग्यालों का संरक्षण और संवर्धन बहुत ही अनिवार्य है. वहीं, आशीष चैहान ने बताया कि आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्रों में पौराणिक जागरों के गायन के साथ देवभूमि की पौराणिक विरासतों को बचाने की भी सामूहिक पहल की जाएगी.