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रुद्रप्रयाग: प्रधानाचार्य की पहल पर तैयार की गई पुष्प वाटिका

राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज के प्रधानाचार्य की पहल पर एक पुष्पवाटिका बनाई गई है. इस पुष्प वाटिका में 80 से अधिक विभिन्न प्रजातियों फूलों के पौधे लगाए गए हैं.

Rudraprayag
प्रधानाचार्य की पहल पर तैयार की गई पुष्प वाटिका
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Published : Mar 7, 2021, 2:03 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिले के सुदूरवर्ती राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज कैलाश बांगर में प्रधानाचार्य की पहल पर पुष्प वाटिका तैयार की गई है. इस वाटिका में लगभग 80 से अधिक विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं. वाटिका की देखभाल की जिम्मेदारी विद्यालय के कर्मचारियों को बारी-बारी से दी जा रही है, जो समय समय पर पुष्प वाटिका में खाद-पानी देने और निराई और गुड़ाई करने का काम करते हैं.

विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा वाटिका के गमलों पर विभिन्न प्रकार के संदेश देने वाले स्लोगन और आकृतियां बनाई बनाई गई हैं, जो विद्यालय की खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं. इसके अतिरिक्त विद्यालय के छात्र-छात्राएं कर्मचारियों के साथ मिलकर इस वाटिका के रखरखाव में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाते हैं. विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. संदीप शर्मा ने बताया कि ये वाटिका बनाने का उद्देश्य विद्यालय का सौंदर्यीकरण और छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रजाति के पौधों एवं फूलों से रूबरू कराना है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर लगा विराम, दिनभर का घटनाक्रम खड़े कर गया कई सवाल

उन्होंने बताया कि पुष्प वाटिका में साइप्रस, क्रिसमस ट्री, बोगनवेलिया, गुड़हल, सदाबहार, एलिया पाल्म, गुलदावरी, ऐरिका पाल्म, गुड़हल, पोथोस, स्पाइडर प्लांट, गरबेरा डेजी, इंग्लिश आइवी, पाइन प्लांट और ऐग्लोनेमा की विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं. इसके अलावा लेमन ग्रास, ब्रम्ही, तुलसी और एलोवेरा के औषधीय पौधे भी लगाए गए हैं. विद्यालय के कर्मचारियों एवं भोजन माताओं द्वारा पहले भी किचन गार्डेन तैयार कर मौसमी सब्जियों का उत्पादन किया जाता रहा है, जिससे मध्याह्न भोजन में छात्र-छात्राओं को पौष्टिक सब्जियां उपलब्ध हो जाती हैं. वहीं, प्रधानाचार्य की इस पहल की जिला शिक्षा अधिकारी एलएस दानू ने भी काफी सराहना की है.

रुद्रप्रयाग: जिले के सुदूरवर्ती राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज कैलाश बांगर में प्रधानाचार्य की पहल पर पुष्प वाटिका तैयार की गई है. इस वाटिका में लगभग 80 से अधिक विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं. वाटिका की देखभाल की जिम्मेदारी विद्यालय के कर्मचारियों को बारी-बारी से दी जा रही है, जो समय समय पर पुष्प वाटिका में खाद-पानी देने और निराई और गुड़ाई करने का काम करते हैं.

विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा वाटिका के गमलों पर विभिन्न प्रकार के संदेश देने वाले स्लोगन और आकृतियां बनाई बनाई गई हैं, जो विद्यालय की खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं. इसके अतिरिक्त विद्यालय के छात्र-छात्राएं कर्मचारियों के साथ मिलकर इस वाटिका के रखरखाव में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाते हैं. विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. संदीप शर्मा ने बताया कि ये वाटिका बनाने का उद्देश्य विद्यालय का सौंदर्यीकरण और छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रजाति के पौधों एवं फूलों से रूबरू कराना है.

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उन्होंने बताया कि पुष्प वाटिका में साइप्रस, क्रिसमस ट्री, बोगनवेलिया, गुड़हल, सदाबहार, एलिया पाल्म, गुलदावरी, ऐरिका पाल्म, गुड़हल, पोथोस, स्पाइडर प्लांट, गरबेरा डेजी, इंग्लिश आइवी, पाइन प्लांट और ऐग्लोनेमा की विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं. इसके अलावा लेमन ग्रास, ब्रम्ही, तुलसी और एलोवेरा के औषधीय पौधे भी लगाए गए हैं. विद्यालय के कर्मचारियों एवं भोजन माताओं द्वारा पहले भी किचन गार्डेन तैयार कर मौसमी सब्जियों का उत्पादन किया जाता रहा है, जिससे मध्याह्न भोजन में छात्र-छात्राओं को पौष्टिक सब्जियां उपलब्ध हो जाती हैं. वहीं, प्रधानाचार्य की इस पहल की जिला शिक्षा अधिकारी एलएस दानू ने भी काफी सराहना की है.

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