रुद्रप्रयाग: देवस्थानम् बोर्ड को भंग किए जाने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन तेज होता जा रहा है. तीर्थ पुरोहित नौ दिनों से क्रमिक अनशन पर हैं. साथ ही सरकार के फैसले का विरोध करते हुए केदारधाम में भवनों और धर्मशालाओं के साथ हो रही छेड़छाड़ से आक्रोशित हैं. तीर्थ-पुरोहित केदारनाथ मंदिर परिसर में धरना देते हुए रैली निकाल रहे हैं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे हैं.
बता दें कि प्रदेश सरकार ने बदरी-केदार मंदिर समिति को भंग करते हुए देवस्थानम् बोर्ड का गठन किया है. देवस्थानम् बोर्ड ने केदारनाथ धाम में कार्य करना शुरू कर दिया है. केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों की धर्मशालाएं, होटल, लाॅज आदि मौजूद हैं. धाम में मास्टर प्लान के तहत कार्य किया जा रहा है. केदारनाथ मास्टर प्लान के तहत ही केदारनाथ में सभी प्रकार के कार्यों को होना है. वहीं, केदारनाथ मास्टर प्लान के विरोध में तीर्थ पुरोहित पिछले नौ दिनों से केदारनाथ मंदिर के आगे क्रमिक अनशन पर डटे हुए हैं.
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तीर्थ पुरोहित सरकार के खिलाफ रैली निकाल रहे हैं. प्रत्येक दिन सुबह और शाम के समय पुरोहित मंदिर परिसर में धरना दे रहे हैं. दो महीने से तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी केदारनाथ मंदिर प्रांगण में अर्धनग्न अवस्था में आंदोलन कर रहे हैं. उनका कहना है कि पहले वे कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे थे, लेकिन कोर्ट का फैसला तीर्थ पुरोहितों के पक्ष में नहीं आया. जिसके चलते उन्होंने अब समाधि लेने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार तीर्थ पुरोहितों की कोई सुध नहीं ले रही है. ऐसे में उन्होंने समाधि लेने का फैसला लिया है. जल्द ही सरकार ने देवस्थानम् बोर्ड को भंग नहीं किया तो वे केदारनाथ मंदिर के पीछे शंकराचार्य समाधिस्थल के पास समाधि लेंगे.