रुद्रप्रयाग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से केदारनाथ धाम में गर्भ गृह के दर्शन का लाइव प्रसारण दिखाए जाने से तीर्थ पुरोहित समाज में आक्रोश बना हुआ है. तीर्थ पुरोहित समाज का कहना है कि जो भी श्रद्धालु केदारनाथ आता है, वह भगवान शिव के स्वयंभू लिंग के गुप्त दर्शन करता है. लेकिन पीएम मोदी ने श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने का काम किया है. पीएम मोदी ने गर्भ गृह के भीतर का लाइव प्रसारण दिखाने के साथ ही केदारनाथ मंदिर परिसर में राजनीतिक मंच भी लगाया. जिसका तीर्थ पुरोहित समाज विरोध करता है.
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच नवंबर को केदारनाथ धाम पहुंचे थे. यहां उन्होंने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू लिंग के दर्शन करने के बाद आधे घंटे तक पूजा-अर्चना की. इस दौरान उनका यह लाइव प्रसारण पूरे देश को दिखाया गया. ऐसे में तीर्थ पुरोहित समाज में आक्रोश बना है. तीर्थ पुरोहित समाज का कहना है कि पीएम मोदी ने केदारनाथ पहुंचकर अच्छा कार्य तो किया, लेकिन उन्होंने तीर्थ पुरोहितों के साथ देश-विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने का काम भी किया.
पीएम मोदी ने मंदिर के भीतर गर्भ गृह का लाइव प्रसारण दिखाया. गर्भ गृह के दर्शन गुप्त होते हैं और श्रद्धालु गुप्त दर्शन करने के बाद अपने गंतव्य को जाते हैं. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ मंदिर के भीतर भगवान शंकर के स्वयंभू लिंग का लाइव प्रसारण दिखाया. यह उचित नहीं था. इसका तीर्थ पुरोहित समाज पहले भी विरोध कर चुका है.
पीएम मोदी के आगमन से पहले ही तीर्थ पुरोहित समाज ने शासन-प्रशासन को चेता दिया था कि केदारनाथ मंदिर के भीतर गर्भ गृह के दर्शन का लाइव प्रसारण नहीं होना चाहिए. साथ ही केदारनाथ मंदिर परिसर को राजनीतिक मंच न बनाया जाए. इसके बावजूद भी पीएम मोदी ने गर्भ गृह के दर्शन का लाइव प्रसारण के साथ ही मंदिर प्रांगण को राजनीतिक मंच बना दिया. तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि सभी चैनलों में केदारनाथ मंदिर में गर्भगृह का लाइव प्रसारण दिखाया गया. पीएम मोदी ने सीमा लांगने का काम किया है. उन्होंने गर्भ गृह का लाइव प्रसारण दिखाकर तीर्थ पुरोहितों के साथ अन्याय किया है.
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तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि भगवान शंकर के दर्शन मर्यादा में होते हैं. गुप्त रूप से भगवान के दर्शन किए जाते हैं, लेकिन पीएम मोदी ने तीर्थ पुरोहितों की बातों को नहीं माना और लाइव दर्शन दिखाते गए. तीर्थ पुरोहितों समाज ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन जारी रहेगा, जब तक सरकार बोर्ड को भंग नहीं करती, आंदोलन चलता रहेगा. बोर्ड के खत्म होने के बाद ही तीर्थ पुरोहित चैन की सांस लेंगे.