रुद्रप्रयाग: देवस्थानम बोर्ड को भंग करने और केदारनाथ में मास्टर प्लान के तहत हो रहे कार्यों के विरोध में तीर्थ पुरोहितों का क्रमिक अनशन 18वें दिन भी जारी है. भारी बारिश के बीच तीर्थ पुरोहित छाता लेकर मंदिर प्रांगण में धरने पर बैठे हैं. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मान लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
बता दें कि चारधाम में तीर्थ पुरोहितों का देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है. केदारनाथ धाम में भी तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड और मास्टर प्लान के तहत किए जा रहे निर्माण कार्यों का भी विरोध कर रहे हैं. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि सरकार अपनी मनमानी कर पुरोहितों के हक को छिन रही है.
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पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ यात्रा पड़ावों पर तीर्थ यात्रियों के लिए कोई सुविधा नहीं दी जा रही है, जबकि अनावश्यक तीर्थ पुरोहितों के भवनों के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें ध्वस्त किया जा रहा है. केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि जब से देवस्थानम बोर्ड का गठन हुआ है, तब से अभी तक कोई भी कार्य सही तरीके से नहीं हो पाया है. एक ओर सरकार ने बाहरी प्रदेशों के श्रद्धालुओं के लिए यात्रा शुरू करवा दी है. वहीं, यात्रा पड़ावों पर व्यवस्थाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है.
गौरीकुण्ड से लेकर केदारनाथ धाम के 18 किमी पैदल मार्ग पर शौचालय, पानी सहित खाने और रहने की कोई सुविधा नहीं है. तीर्थ यात्री किसी तरह से यात्रा करने को मजबूर हैं और सरकार का ध्यान सिर्फ देवस्थानम बोर्ड पर है. ऐसे में सरकार को अपना ध्यान चारधाम की व्यवस्थाओं में लगाना चाहिए. सरकार को तीर्थ पुरोहितों के हकों के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए.