रुद्रप्रयागः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है, लेकिन यात्रा मार्गों पर भारी अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही है. जिसने शासन प्रशासन की पोल खोल दी है. केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में तीन दिनों से बिजली व्यवस्था ठप है. केदारनाथ में भी रात के समय बिजली आपूर्ति न होने से यात्री खासे परेशान हैं. इसके अलावा यात्रा मार्गों पर पेयजल की समस्या से भी बनी हुई है. वहीं, तीर्थयात्रियों को वाहन भी नहीं मिल रहे हैं. जिस कारण उन्हें घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है.
बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट (Kedarnath Dham Kapat Open) आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं. जबकि, पहले दिन 23 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के कपाट खुलने पर पुण्य अर्जित किया, लेकिन केदारनाथ यात्रा में पहले ही दिन तीर्थयात्रियों को भारी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा. केदारनाथ धाम समेत यात्रा मार्गों पर व्यवस्थाएं दुरूस्त नहीं होने से तीर्थयात्री परेशान हैं. यात्रियों की बढ़ती भीड़ देखकर यात्रा पड़ावों के व्यापारियों ने सामानों को तिगुने कीमत पर बेचना शुरू कर दिया है.
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यात्रियों से दोगुना रेट वसूलने का आरोपः आरोप है कि गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक पांच किमी सफर तय करने का 50 रुपए किराया लिया जा रहा है. जबकि, वाहन स्वामी यात्रियों को सोनप्रयाग से एक किमी आगे और गौरीकुंड से एक किमी पहले बिठा रहे रहे हैं. ऐसे में तीन किमी सफर का किराया सीधे पचास रुपए लिया जा रहा है. पानी की बोतल, मैगी और खाने के दाम भी काफी बढ़ाकर (shopkeeper charged over rate with pilgrims) लिए जा रहे हैं. केदारनाथ में डबल रूम का किराया 8 हजार लिया जा रहा है. जबकि फोर बेड का 10 से 15 हजार ले रहे हैं.
गौरीकुंड और केदारनाथ में बिजली गुलः ऐसे में तीर्थयात्रियों पर केदारनाथ की यात्रा भारी पड़ रही है. यात्रा मार्गों पर जमकर लूट होने से तीर्थयात्री भी दुखी हैं. इसके साथ ही यात्रा मार्गों पर जिला प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्थाएं नहीं की गई हैं. गौरीकुंड में तीन दिनों से बिजली नहीं है तो केदारनाथ धाम में तीर्थयात्री अंधेरे में रात काटने को मजबूर हैं. गौरीकुंड केदारनाथ यात्रा का अहम पड़ाव है. यहां पानी की भी समस्या से तीर्थयात्री परेशान हैं. यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्री जाम की समस्या से भी खासे परेशान हैं.
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गुप्तकाशी से गौरीकुंड तक यात्रा मार्ग पर जगह-जगह जाम लग रहा है. गौरीकुंड के व्यापारी सुशील गोस्वामी ने कहा कि गौरीकुंड में बिजली आपूर्ति बाधित है. जबकि पानी की समस्या से व्यापारी और तीर्थयात्री परेशान हैं. उन्होंने कहा कि बिजली विभाग की लापरवाही से केदार यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव गौरीकुंड में तीन दिनों से बिजली व्यवस्था ठप है. उन्होंने जिला प्रशासन से जल्द से जल्द व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की मांग की.
केदारनाथ यात्रा में अव्यवस्थाओं पर कांग्रेस हमलावरः वहीं, केदारनाथ यात्रा में भारी अव्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस भी सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि शासन और प्रशासन ने जो दावे यात्रा से पहले किए थे, वे सभी धराशायी हो गए. यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों को कोई भी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. केदारनाथ मंदिर में बदरी-केदार मंदिर समिति के कर्मचारी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं. पुलिस प्रशासन का रवैया जनता के साथ सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने यात्रा मार्ग का पैदल भ्रमण नहीं किया है. अगर पैदल भ्रमण के दौरान समस्याएं देखी जाती तो आज इस प्रकार की परेशानी से तीर्थयात्रियों को नहीं जूझना पड़ता. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यात्रा मार्ग पर लूट-खसोट शुरू हो चुकी है. निर्धारित रेट लिस्ट चस्पा नहीं होने से जमकर लूट मची है. सरकार और शासन-प्रशासन का ध्यान केदार यात्रा पर नहीं है. ऐसे में तीर्थयात्री भगवान भरोसे यात्रा करने को मजबूर हैं.
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तीर्थयात्रियों को नहीं मिल रहे वाहनः केदारनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में दिनोंदिन बढ़ोत्तरी हो रही है. विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु किसी तरह रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय तो पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें यहां से बदरीनाथ और केदारनाथ धाम जाने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ रहा है या फिर होटल में रूककर वे वाहनों का इंतजार कर रहे हैं. प्रशासन की इस तरह की लचर व्यवस्था से तीर्थयात्री खासे परेशान हैं.
यात्रियों को महंगे रेट पर वाहनों की करनी पड़ रही बुकिंगः तीर्थयात्री हरिद्वार, ऋषिकेश व देहरादून से ये सोचकर पहुंच रहे हैं कि उन्हें रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार से बदरीनाथ व केदारनाथ धाम के लिए वाहन उपलब्ध हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. जो वाहन आ भी रहे हैं, उनमें भर-भरकर सवारी आ रही हैं. ऐसे में दुर्घटना की भी संभावना बनी हुई है. ऐसे में उन्हें वाहनों की बुकिंग करनी पड़ रही है, जो काफी किराया वसूल रहे हैं, लेकिन जो गरीब यात्री हैं वे सड़क में बैठकर वाहनों का इंतजार कर रहे हैं. इसके अलावा लिंक मार्गों को जाने वाले लोगों को भी वाहन नहीं मिल रहे हैं.
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वे भी किसी तरह गाड़ियों में किसी तरह आवाजाही करने को मजबूर हैं. यात्रा शुरू होने से पहले प्रशासन की ओर से वाहनों की संख्या बढ़ाई जानी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. यात्रा मार्गों पर जाने के लिए वाहनों की बुकिंग के रेट भी तय किए जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा भी नहीं किया गया. ऐसे में वाहन स्वामी मनमाना दाम ले रहे हैं और देवभूमि से अच्छा संदेश नहीं जा रहा है.
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