रुद्रप्रयाग: मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले चोपता और दुगलबिट्टा में ईको टूरिज्म की संभावनाओं को तलाशने के लिए शनिवार को रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने इस क्षेत्र का निरीक्षण किया. इस दौरान जिलाधिकारी के साथ राजस्व, पर्यटन और वन विभाग के अधिकारियों के साथ स्थानीय हक हकूकधारियों भी मौजूद थे.
मिनी स्विट्जरलैंड नाम से प्रसिद्ध चोपता और दुगलबिट्टा में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. यहां सालभर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है, लेकिन सेंचुरी एरिया होने के कारण क्षेत्र का विकास नहीं हो पा रहा है. ऐसे में यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से जिला प्रशासन कवायद में जुट गया.
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जिला प्रशासन चोपता और दुगलबिट्टा में ईको टूरिज्म की संभावनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने ईको डेवलपमेंट कमेटी का गठन किया है. इससे यहां न सिर्फ पर्यटक को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी खुलेंगे. कमेटी में स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जायेगा, जो क्षेत्र की साफ सफाई का भी ध्यान रखेंगे. इसको लेकर संबंधित विभाग के जिलाधिकारी घिल्डियाल ने संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ क्षेत्र का निरीक्षण किया.
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान देखा गया कि राजस्व व वन विभाग की कितनी भूमि है, जिस पर स्थानीय लोग परमिशन लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं. जिलाधिकारी ने कहा कि राजस्व और वन विभाग की भूमि का डिमार्केशन किया गया. इसके अलावा उन्होंने स्थानीय लोगों से बात करके उन्हें सुझाव भी लिए. साथ ही उन्होंने चोपता व दुगलबिट्टा में पहले से बने छानियों को डेवलेप करने की बात भी कही.
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जिलाधिकारी ने कहा कि इको टूरिज्म के तहत इन छानियों को विकसित किया जायेगा. दुगलबिट्टा के जंगलों बने पक्के हट्स पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और वन विभाग को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति यदि इस क्षेत्र में अतिक्रमण करता है तो उसकी शिकायत जिला प्रशासन को दी जाए. उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जायेगी.