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रुद्रप्रयाग: 'मिनी स्विट्जरलैंड' में ईको टूरिज्म की संभावनाएं तलाश रहा जिला प्रशासन - उत्तराखंड न्यूज

मिनी स्विट्जरलैंड नाम से प्रसिद्ध चोपता और दुगलबिट्टा  में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. यहां सालभर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है, लेकिन सेंचुरी एरिया होने के कारण क्षेत्र का विकास नहीं हो पा रहा है.

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मिनी स्विट्जरलैंड
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Published : Dec 7, 2019, 10:39 PM IST

रुद्रप्रयाग: मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले चोपता और दुगलबिट्टा में ईको टूरिज्म की संभावनाओं को तलाशने के लिए शनिवार को रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने इस क्षेत्र का निरीक्षण किया. इस दौरान जिलाधिकारी के साथ राजस्व, पर्यटन और वन विभाग के अधिकारियों के साथ स्थानीय हक हकूकधारियों भी मौजूद थे.

मिनी स्विट्जरलैंड नाम से प्रसिद्ध चोपता और दुगलबिट्टा में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. यहां सालभर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है, लेकिन सेंचुरी एरिया होने के कारण क्षेत्र का विकास नहीं हो पा रहा है. ऐसे में यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से जिला प्रशासन कवायद में जुट गया.

'मिनी स्विट्जरलैंड' में इको टूरिज्म की संभावना

पढ़ें- गंगा किनारे शुरू हुआ डिमार्केशन, निर्माण कार्यों पर लगेगा प्रतिबंध

जिला प्रशासन चोपता और दुगलबिट्टा में ईको टूरिज्म की संभावनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने ईको डेवलपमेंट कमेटी का गठन किया है. इससे यहां न सिर्फ पर्यटक को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी खुलेंगे. कमेटी में स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जायेगा, जो क्षेत्र की साफ सफाई का भी ध्यान रखेंगे. इसको लेकर संबंधित विभाग के जिलाधिकारी घिल्डियाल ने संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ क्षेत्र का निरीक्षण किया.

जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान देखा गया कि राजस्व व वन विभाग की कितनी भूमि है, जिस पर स्थानीय लोग परमिशन लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं. जिलाधिकारी ने कहा कि राजस्व और वन विभाग की भूमि का डिमार्केशन किया गया. इसके अलावा उन्होंने स्थानीय लोगों से बात करके उन्हें सुझाव भी लिए. साथ ही उन्होंने चोपता व दुगलबिट्टा में पहले से बने छानियों को डेवलेप करने की बात भी कही.

पढ़ें- IMA POP 2019: पिपिंग सेरेमनी में चारों धर्म के गुरू दिलाते हैं शपथ, ये है वजह

जिलाधिकारी ने कहा कि इको टूरिज्म के तहत इन छानियों को विकसित किया जायेगा. दुगलबिट्टा के जंगलों बने पक्के हट्स पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और वन विभाग को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति यदि इस क्षेत्र में अतिक्रमण करता है तो उसकी शिकायत जिला प्रशासन को दी जाए. उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जायेगी.

रुद्रप्रयाग: मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले चोपता और दुगलबिट्टा में ईको टूरिज्म की संभावनाओं को तलाशने के लिए शनिवार को रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने इस क्षेत्र का निरीक्षण किया. इस दौरान जिलाधिकारी के साथ राजस्व, पर्यटन और वन विभाग के अधिकारियों के साथ स्थानीय हक हकूकधारियों भी मौजूद थे.

मिनी स्विट्जरलैंड नाम से प्रसिद्ध चोपता और दुगलबिट्टा में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. यहां सालभर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है, लेकिन सेंचुरी एरिया होने के कारण क्षेत्र का विकास नहीं हो पा रहा है. ऐसे में यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से जिला प्रशासन कवायद में जुट गया.

'मिनी स्विट्जरलैंड' में इको टूरिज्म की संभावना

पढ़ें- गंगा किनारे शुरू हुआ डिमार्केशन, निर्माण कार्यों पर लगेगा प्रतिबंध

जिला प्रशासन चोपता और दुगलबिट्टा में ईको टूरिज्म की संभावनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने ईको डेवलपमेंट कमेटी का गठन किया है. इससे यहां न सिर्फ पर्यटक को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी खुलेंगे. कमेटी में स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जायेगा, जो क्षेत्र की साफ सफाई का भी ध्यान रखेंगे. इसको लेकर संबंधित विभाग के जिलाधिकारी घिल्डियाल ने संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ क्षेत्र का निरीक्षण किया.

जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान देखा गया कि राजस्व व वन विभाग की कितनी भूमि है, जिस पर स्थानीय लोग परमिशन लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं. जिलाधिकारी ने कहा कि राजस्व और वन विभाग की भूमि का डिमार्केशन किया गया. इसके अलावा उन्होंने स्थानीय लोगों से बात करके उन्हें सुझाव भी लिए. साथ ही उन्होंने चोपता व दुगलबिट्टा में पहले से बने छानियों को डेवलेप करने की बात भी कही.

पढ़ें- IMA POP 2019: पिपिंग सेरेमनी में चारों धर्म के गुरू दिलाते हैं शपथ, ये है वजह

जिलाधिकारी ने कहा कि इको टूरिज्म के तहत इन छानियों को विकसित किया जायेगा. दुगलबिट्टा के जंगलों बने पक्के हट्स पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और वन विभाग को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति यदि इस क्षेत्र में अतिक्रमण करता है तो उसकी शिकायत जिला प्रशासन को दी जाए. उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जायेगी.

Intro:इको टूरिज्म को बढ़ाने को लेकर इको डेवलेपमेंट कमेटी का होगा गठन
राजस्व, पर्यटन व वन विभाग के अधिकारियों के साथ किया निरीक्षण
चोपता व दुगलबिट्टा में पर्यटन को लेकर जिला प्रशासन ने कसी कमर
क्षेत्र में पूर्व में बने छानियों को किया जायेगा डेवलेप
दुगबिट्टा में अतिक्रमण किये जाने पर भड़के डीएम, वन विभाग को हटाने के निर्देश
हरे पेड़ को काटे जाने पर प्रभागीय वनाधिकारी ने जताया आक्रोश
रुद्रप्रयाग। मिनी स्विटजरलैंड चोपता दुगलबिट्टा में इको टूरिज्म की संभावनाओं को तलाशते हुए जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने राजस्व, पर्यटन, वन विभाग एवं स्थानीय हक हकूकधारियों के साथ क्षेत्र का निरीक्षण किया। साथ ही लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में अधिकारियों के साथ ही स्थानीय व्यापारियों की बैठक ली। Body:जिले में मिनी स्विटरजरलैंड चोपता दुगलबिट्टा में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहां पर सालभर तक पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है, लेकिन सैंचुरी एरिया होने के कारण क्षेत्र का विकास नहीं हो पा रहा है। ऐसे में क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से जिला प्रशासन ने कार्यवाही शुरू कर दी है। मिनी स्विटजरलैंड चोपता, दुगलबिट्टा में इको टूरिज्म को बढ़ाने को लेकर इको डेवलेपमेंट कमेटी का गठन किया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। कमेटी में स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जायेगा, जो क्षेत्र की साफ सफाई का भी ध्यान रखेंगे। इसको लेकर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने राजस्व, पर्यटन, वन विभाग एवं स्थानीय हक हकूकधारियों के साथ क्षेत्र का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान देखा गया कि राजस्व व वन विभाग की कितनी भूमि है, जिस पर स्थानीय लोग परमीशन लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि राजस्व और वन विभाग की भूमि का डिमारकेशन किया गया है। निरीक्षण के दौरान डीएम मंगेश घिल्डियाल ने चोपता व दुगलबिट्टा में स्थानीय लोगों के पूर्व में बने छानियों को डेवलेप करने की बात कही। उन्होंने कहा कि इको टूरिज्म के तहत इन छानियों को विकसित किया जायेगा, जिससे पर्यटकों को लाभ मिल सके और स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ा जा सके। दुगलबिट्टा के जंगलों में पक्के हट्स का निर्माण किये जाने पर जिलाधिकारी ने आक्रोश जताया और अतिक्रमण को हटाने के लिए वन विभाग को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति यदि इस क्षेत्र में अतिक्रमण करता है तो उसकी शिकायत जिला प्रशासन को दी जाय। उस व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। दुगलबिट्टा में हरे पेड़ों को काटने पर प्रभागीय वनाधिकारी वैभव सिंह ने स्थानीय व्यापारियों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि अपने हित के लिए हरे पेड़ों को काटना सही नहीं है। अगर हरे पेड़ के कारण कोई समस्या आ रही थी तो व्यापारी को पहले परमीशन लेनी चाहिए थी, जिसके बाद ही पेड़ को काटा जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसी भी व्यापारी ने ऐसी गलती दोहराई तो उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी।
बाइट - मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी Conclusion:
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