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साइलेंट वोटरों ने बढ़ाई नेताओं की धुकधुकी, चौंकाने वाले रहेंगे नतीजे, राजनीतिक पंडित भी चकराए

रुद्रप्रयाग जनपद में की दो विधानसभा सीटों इस बार नतीजों को लेकर असमंजस की स्थिति भी बनी हुई है. राजनीतिक विश्लेषक भी सटीक जवाब नहीं दे पा रहे हैं कि आखिर जीत किसकी होगी?

Rudraprayag
रुद्रप्रयाग
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Published : Feb 19, 2022, 8:20 PM IST

Updated : Feb 19, 2022, 10:43 PM IST

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों के नतीजे इस बार चौकाने वाले हो सकते हैं, क्योंकि कोई भी राजनीतिक विश्लेषक इस बार चुनाव नतीजों पर सटीक जवाब नहीं दे पा रहे हैं. सभी राजनीतिक विश्लेषकों ने चुप्पी साध रखी है. ऐसे में नतीजों को लेकर असमंजस की स्थिति भी बनी हुई है.

उत्तराखंड में 14 फरवरी को पांचवें विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं, जिनका नतीजा 10 मार्च को आयेगा, लेकिन मतगणना से पहले इस बार चुनाव नतीजों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है. रुद्रप्रयाग जिले में दो विधानसभा सीटें हैं, जिनमें केदारनाथ व रुद्रप्रयाग शामिल हैं. इन दोनों ही सीटों पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. राजनीतिक विश्लेषक विधानसभा सीटों को लेकर सटीक जवाब नहीं दे पा रहे हैं.

चौकाने वाले रहेंगे केदारनाथ और रुद्रप्रयाग विधानसभा में नतीजे.

राजनीतिक विश्लेषक श्याम लाल सुंदरियाल, जिला प्रेस क्लब के अध्यक्ष बृजेश भट्ट एवं युवा पत्रकार विनय बहुगुणा का कहना है कि इस बार के चुनाव में जनता ने मोदी के नाम पर वोट किया है. भाजपा प्रत्याशियों के काम-काजों से जनता संतुष्ट नहीं थी, लेकिन आखिरी दिनों में मोदी मैजिक काम तो किया मगर कितना काम किया, यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है. ऐसे में दोनों ही सीटों पर स्थिति गंभीर बनी हुई है.

केदारनाथ विधानसभा में मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय बना हुआ है. यहां साफ तौर त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ था. निर्दलीय कुलदीप रावत सात सालों से जनता के बीच में हैं और वे लगातार जनता के कार्य कर रहे हैं. ऐसे में जनता का आशीर्वाद इस बार उन्हें मिल सकता है.

पढ़ें- उत्तराखंड में बनेगी कांग्रेस की सरकार, हाईकमान तय करेगा मुख्यमंत्री: प्रीतम सिंह

रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर भाजपा-कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी और उक्रांद युवा प्रत्याशी मोहित डिमरी के बीच कांटे का मुकाबला है. निर्दलीय कंडारी और यूकेडी के मोहित कितने वोट खींचने में सफल हो पाये, यह साफ नजर नहीं आ रहा है, जिस कारण यहां भी स्थिति पेचीदा बनी हुई है.

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों के नतीजे इस बार चौकाने वाले हो सकते हैं, क्योंकि कोई भी राजनीतिक विश्लेषक इस बार चुनाव नतीजों पर सटीक जवाब नहीं दे पा रहे हैं. सभी राजनीतिक विश्लेषकों ने चुप्पी साध रखी है. ऐसे में नतीजों को लेकर असमंजस की स्थिति भी बनी हुई है.

उत्तराखंड में 14 फरवरी को पांचवें विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं, जिनका नतीजा 10 मार्च को आयेगा, लेकिन मतगणना से पहले इस बार चुनाव नतीजों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है. रुद्रप्रयाग जिले में दो विधानसभा सीटें हैं, जिनमें केदारनाथ व रुद्रप्रयाग शामिल हैं. इन दोनों ही सीटों पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. राजनीतिक विश्लेषक विधानसभा सीटों को लेकर सटीक जवाब नहीं दे पा रहे हैं.

चौकाने वाले रहेंगे केदारनाथ और रुद्रप्रयाग विधानसभा में नतीजे.

राजनीतिक विश्लेषक श्याम लाल सुंदरियाल, जिला प्रेस क्लब के अध्यक्ष बृजेश भट्ट एवं युवा पत्रकार विनय बहुगुणा का कहना है कि इस बार के चुनाव में जनता ने मोदी के नाम पर वोट किया है. भाजपा प्रत्याशियों के काम-काजों से जनता संतुष्ट नहीं थी, लेकिन आखिरी दिनों में मोदी मैजिक काम तो किया मगर कितना काम किया, यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है. ऐसे में दोनों ही सीटों पर स्थिति गंभीर बनी हुई है.

केदारनाथ विधानसभा में मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय बना हुआ है. यहां साफ तौर त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ था. निर्दलीय कुलदीप रावत सात सालों से जनता के बीच में हैं और वे लगातार जनता के कार्य कर रहे हैं. ऐसे में जनता का आशीर्वाद इस बार उन्हें मिल सकता है.

पढ़ें- उत्तराखंड में बनेगी कांग्रेस की सरकार, हाईकमान तय करेगा मुख्यमंत्री: प्रीतम सिंह

रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर भाजपा-कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी और उक्रांद युवा प्रत्याशी मोहित डिमरी के बीच कांटे का मुकाबला है. निर्दलीय कंडारी और यूकेडी के मोहित कितने वोट खींचने में सफल हो पाये, यह साफ नजर नहीं आ रहा है, जिस कारण यहां भी स्थिति पेचीदा बनी हुई है.

Last Updated : Feb 19, 2022, 10:43 PM IST
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