रुद्रप्रयाग: पश्चिम बांगर के लोग लंबे समय से पूर्वी बांगर को सड़क मार्ग के जरिए जोड़ने की मांग कर रहे हैं लेकिन, अभी तक किसी भी सरकार के कार्यकाल में सड़क का निर्मण नहीं हो पाया है. जिसे लोगों को काफी परेशानी का समना करना पड़ रहा है. वहीं, लोक निर्माण विभाग लगातार जनता से वन भूमि की स्वीकृति न मिलने की बात कर अपना पलड़ा झाड़ने का काम कर रहा है. जबकि यह मोटरमार्ग चारधाम यात्रा और पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है.
बता दें कि, पश्चिमी बांगर के मयाली-रणधार-बधानी मोटर मार्ग से पूर्वी बांगर के भेडारु-छेनागाढ़ मोटरमार्ग को जोड़ने की बहुप्रतीक्षित मांग दो दशक पुरानी है. कई मुख्यमंत्री आए, घोषणायें हुई, लेकिन आज तक इस मोटरमार्ग का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया. वहीं, लोक निर्माण विभाग ने कई बार मार्ग निर्माण के लिए यहां का सर्वे किया लेकिन, अत्याधिक पेड़ों के पातन के कारण इसे वन विभाग से स्वीकृति नहीं मिली. एक बार फिर लोक निर्माण विभाग रुद्रप्रयाग ने नए सिरे से खड़पतिया, द्यूली सौड़, सेठ, भेडारु तक नया सर्वे किया है.
जानकारी के मुताबिक, इस मोटर मार्ग के निर्माण से पश्चिमी और पूर्वी बांगर की कम से कम बीस ग्राम पंचायतों को लाभ मिलेगा. गंगोत्री-यमुनोत्री की यात्रा के बाद केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्री मयाली-बधानी मोटरमार्ग से होकर छेनागाढ़ होते हुए सीधे गुप्तकाशी पहुंच सकते हैं.
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ग्राम प्रधान सरवीर मेंगवाल, घंडियाल जन जागरण समिति के अध्यक्ष प्रबल मेंगवाल, ने बताया कि कई बार पत्राचार के बावजूद इस सड़क पर काम नहीं हुआ हैं. पश्चिमी और पूर्वी बांगर के लोगों की आपस में रिश्तेदारी हैं. सड़क न होने से उन्हें कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता हैं. लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता इंद्रजीत बोस ने बताया कि एक बार फिर नए सिरे से मोटरमार्ग का सर्वे किया गया हैं. मार्ग के अलायमेंट की स्वीकृति के लिए फाइल भेजी गई है.