रुद्रप्रयाग: जिला मुख्यालय के निकट बसे नरकोटा गांव में इन दिनों ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम चल रहा है. सोमवार को नरकोटा गांव के ग्रामीणों ने रेल लाइन निर्माण का काम रुकवा दिया. ग्रामीणों का कहना है कि रेल लाइन निर्माण से उनके रोजगार के साधन समाप्त हुये हैं. ऐसे में कंपनी को स्थानीय प्रभावितों को रोजगार देना चाहिए था, लेकिन कंपनी बाहरी क्षेत्र के लोगों को कार्य दे रही है, जिसका वे विरोध करते है.
दरअसल, रुद्रप्रयाग के नरकोटा और खांखरा समेत कई इलाकों में इन दिनों ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण कार्य चल रहा है. रेल लाइन के निर्माण से बदरीनाथ हाईवे के किनारे बसे नरकोटा के लोगों का काम पूरी तरह प्रभावित हुआ है. नरकोटा में हाईवे किनारे स्थानीय लोग होटल, लॉज और ढाबे के जरिए अपना रोजगार चलाते थे. लेकिन यह सब रेल लाइन निर्माण में विकास की भेंट चढ़ गया है. नरकोटा में रेल लाइन बनने से स्थानीय लोग बेरोजगार हो गये हैं.
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सोमवार को स्थानीय लोगों ने रेल लाइन का निर्माण कार्य रोकते हुए कार्यदायी कंपनी से मांग की उन्हें पहले ही तरह काम पर रखा जाएगा. कंपनी प्रभावितों के बजाय बाहरी क्षेत्र के लोगों को रोजगार दे रही है, जबकि प्रभावित भी कार्य करने में सक्षम हैं. यदि कंपनी उन्हें रोजगार नहीं देगी वे आंदोलन करेंगे.
वहीं चारधाम परियोजना के तहत निर्मित सड़कों की चौड़ाई आठ मीटर किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का व्यापारियों ने स्वागत किया है. साथ ही व्यापारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग और जिला प्रशासन की ओर से तोड़े गए भवनों का शीघ्र मुआवजा देने की मांग भी की है.