रुद्रप्रयाग: बच्छणस्यूं क्षेत्र के पाटा ग्राम पंचायत में लोग डर के साये में जीने को मजबूर हैं. यहां लगातार हो रहे भूस्खलन से लोग डरे हुए हैं. भूस्खलन की वजह से कई गौशाला खतरे में जद में आ गई हैं. इसके साथ ही आवासीय बस्ती पर भी खतरा मंडरा रहा है. यहां पर यदि जल्द ही सुरक्षात्मक उपाय नहीं हुए तो ये भूस्खलन स्थानीय लोगों और मवेशियों के लिए बड़ा खतरा बना सकता है, जिसमें जनहानि भी हो सकती है.
स्थानीय लोगों ने पाटा गांव में हो रहे भूस्खलन को लेकर रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी और नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीसी) के अधिकारियों को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि स्यूणी-टैठी-पाटा मोटरमार्ग के निर्माण के चलते भूस्खलन की समस्या उत्पन्न हुई है. पिछले साल से यहां भूस्खलन हो रहा है, लेकिन अभी तक किसी तरह का ट्रीटमेंट नहीं हुआ है.
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उन्होंने कहा कि भूस्खलन से ग्रामीणों की गौशालाएं खतरे की जद में आ गई हैं. आवासीय बस्ती भी खतरे में हैं. बिजली के पोल और ट्रांफार्मर कभी भी नीचे गिर सकते हैं. इस साल हुई भारी बारिश के बाद भूस्खलन तेजी से हो रहा है. इसके बावजूद सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं किया जा रहा है.
वहीं प्रधान प्रतिनिधि हरीश कुमार का कहना है कि कई बार संबंधित विभाग से शिकायत के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. ग्रामीणों को अपने मवेशियों की चिंता है. पशुओं से ही उनकी आजीविका चल रही है. तेजी से हो रहे भूस्खलन के कारण ग्रामीणों के सामने समस्या यह है कि पशुओं को लेकर जाएं तो जाएं कहां.