पौड़ीः शहर के ईडवालसयू क्षेत्र में रविवार को घटी बस दुर्घटना में 6 परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया. जबकि घायल 21 लोगों का अस्पताल में उपचार जारी है. इस दुर्घटना से क्षेत्र के लोगों में दुख के साथ ही गहरा आक्रोश है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे लंबे समय से सड़क के चौड़ीकरण की मांग कर रहे हैं. लेकिन उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क की खराब स्थिति और संकीर्णता के कारण यहां दुर्घटनाओं का खतरा हमेशा बना रहता है. रविवार की घटना ने इस समस्या को और भी गंभीर बना दिया है. जिससे स्थानीय लोग अब जल्द से जल्द सड़क चौड़ीकरण की दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं. क्षेत्रवासी चाहते हैं कि प्रशासन उनकी मांगों पर ध्यान दे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुधार के कार्यों को प्राथमिकता दें.
पौड़ी शहर के केंद्रीय विद्यालय के समीप हुए सड़क हादसे में 6 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. सड़क हादसे में 21 लोग चोटिल हुए. जिससे पूरे क्षेत्र में दुख का माहौल है. क्षेत्र वासियों का कहना है कि जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया, वह इस गम को भुला नहीं पा रहे हैं. यह मोटर मार्ग काफी संकरा है. पहले भी कई बार इस सड़क को बेहतर करने, चौड़ीकरण करने की मांग उठाई गई है. क्योंकि केंद्रीय विद्यालय तक आने जाने वाले बच्चों के लिए बड़ी बस की उचित व्यवस्था नहीं है. जिससे उन्हें छोटे वाहनों का सहारा लेना पड़ता है.
क्षेत्र वासियों की यह मांग थी कि इस सड़क का चौड़ीकरण करवाते हुए इसे बेहतर बनाया जाए. ताकि पौड़ी से केंद्रीय विद्यालय तक बस का संचालन हो और किसी तरह की कोई दुर्घटना भी ना हो. लेकिन रविवार को जिस तरह से घटना घटी, उससे पूरे क्षेत्र में दुख का माहौल है.
दुर्घटनास्थल पर मिला बस का पार्ट: वहीं पौड़ी आरटीओ द्वारिका प्रसाद ने कहा कि साल 2012 में हादसे का शिकार हुई बस का रजिस्ट्रेशन हुआ था. इस वाहन के सभी दस्तावेज सही हैं. सड़क हादसे के समीप बस का पट्टा टूटा हुआ मिला है. जिससे प्रथम दृष्टया यह जाहिर होता है कि घटना का मुख्य कारण बस का पट्टा टूटना रहा होगा. हालांकि, अभी टेक्निकल टीम की रिपोर्ट नहीं आई है. 30 सीटर बस में 28 सवारियां बैठी हुई थीं. जिससे ओवर लोडिंग की कोई गुंजाइश भी नहीं है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के पौड़ी में बड़ा हादसा, 28 सवारियों से भरी बस खाई में गिरी, 6 लोगों की मौत, 21 घायल