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रुद्रप्रयागः खनन के विरोध में सड़क पर उतरे ग्रामीण, पट्टा निरस्त करने की मांग

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Published : May 11, 2021, 12:29 PM IST

रुद्रप्रयाग के कोठगी गांव के लोगों ने अलकनंदा नदी के तट पर हो रहे खनन कार्य के विरोध में प्रदर्शन किया. वहीं यूकेडी ने भी ग्रामीणों के विरोध का समर्थन किया है.

Rudraprayag
रुद्रप्रयाग

रुद्रप्रयागः कोठगी गांव की सीमा पर चल रहे खनन का स्थानीय ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया. ग्रामीणों ने खनन का पट्टा निरस्त करने की मांग की है. इससे पहले भी प्रशासन और पुलिस बल की टीम को ग्रामीणों ने बैरंग वापस लौटा दिया था.

दरअसल, कोठगी गांव के निकट अलकनंदा नदी के तट पर खनन के लिए पट्टा स्वीकृत किया गया है, जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जिस स्थान पर खनन का कार्य किया जाना है, वहां ग्रामीणों का पैतृक घाट, पानी का स्रोत, गौचर की जमीन है. कोठगी के साथ ही भटवाड़ी, मदोला, क्वीली-कुरझण सहित अन्य गांवों के ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं.

खनन के विरोध में सड़क पर उतरे कोठगी गांववासी

ये भी पढ़ेंः इन घरों में भूकंप का नहीं होगा कोई असर, तकनीक के कायल हुए लोग

ग्राम प्रधान कोठगी हरेंद्र जग्गी का कहना है कि खनन से पेयजल स्रोत सूख जाएंगे. पशुओं को चराने में परेशानी होगी. उन्होंने कहा कि बिना ग्रामीणों को विश्वास में लिए जबरदस्ती खनन करने का प्रयास किया जा रहा है. ग्राम पंचायत ने खनन के लिए किसी तरह का अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया है.

ग्रामीणों के समर्थन में उतरी यूकेडी

उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने खनन का विरोध कर रहे ग्रामीणों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन पुलिस का भय ग्रामीणों दो दिखा रही है. ग्रामीण अपने पेयजल स्रोत, पैतृक घाट और गौचर की जमीन के लिए चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल ग्रामीणों के साथ पूरी ताकत के साथ खड़ा है. उन्होंने प्रशासन से जनहित में इस स्थान से जल्द से जल्द पट्टा निरस्त करने की मांग की है.

रुद्रप्रयागः कोठगी गांव की सीमा पर चल रहे खनन का स्थानीय ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया. ग्रामीणों ने खनन का पट्टा निरस्त करने की मांग की है. इससे पहले भी प्रशासन और पुलिस बल की टीम को ग्रामीणों ने बैरंग वापस लौटा दिया था.

दरअसल, कोठगी गांव के निकट अलकनंदा नदी के तट पर खनन के लिए पट्टा स्वीकृत किया गया है, जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जिस स्थान पर खनन का कार्य किया जाना है, वहां ग्रामीणों का पैतृक घाट, पानी का स्रोत, गौचर की जमीन है. कोठगी के साथ ही भटवाड़ी, मदोला, क्वीली-कुरझण सहित अन्य गांवों के ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं.

खनन के विरोध में सड़क पर उतरे कोठगी गांववासी

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ग्राम प्रधान कोठगी हरेंद्र जग्गी का कहना है कि खनन से पेयजल स्रोत सूख जाएंगे. पशुओं को चराने में परेशानी होगी. उन्होंने कहा कि बिना ग्रामीणों को विश्वास में लिए जबरदस्ती खनन करने का प्रयास किया जा रहा है. ग्राम पंचायत ने खनन के लिए किसी तरह का अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया है.

ग्रामीणों के समर्थन में उतरी यूकेडी

उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने खनन का विरोध कर रहे ग्रामीणों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन पुलिस का भय ग्रामीणों दो दिखा रही है. ग्रामीण अपने पेयजल स्रोत, पैतृक घाट और गौचर की जमीन के लिए चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल ग्रामीणों के साथ पूरी ताकत के साथ खड़ा है. उन्होंने प्रशासन से जनहित में इस स्थान से जल्द से जल्द पट्टा निरस्त करने की मांग की है.

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