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नरकोटा गांव में रेलवे कंपनी की बड़ी लापरवाही, मानकों को ताक पर रखकर हो रहा कार्य

रुद्रप्रयाग के नरकोटा गांव में बैचिंग प्लांट के धुएं से ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है. धुएं से ग्रामीणों को खांसी, सांस फूलना, आंखों में जलन की शिकायत हो रही है. ग्रामीणों ने कंपनी प्रशासन को जल्द समस्या का निपटारा करने का अल्टीमेटम दिया है.

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रुद्रप्रयाग
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Published : Dec 14, 2021, 9:50 PM IST

रुद्रप्रयागः जिला मुख्यालय से सटे नरकोटा गांव में रेल परियोजना निर्माण कार्य में मानकों की जमकर धज्जियां उडाई जा रही है. आजकल ग्रामीणों के लिए सबसे बड़ा खतरा बैचिंग प्लांट से निकल रहे जहरीले गैस से बना हुआ है. इस गैस से खांसी, सांस फूलना जैसी बीमारी का भी खतरा बढ़ गया है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द इसका निपटारा नहीं किया गया तो पूरा गांव कंपनी के खिलाफ सड़कों पर उतरेगा.

ग्रामीणों का कहना है कि नरकोटा गांव को रेलवे प्रोजेक्ट से फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो रहा है. पहले ही बाजार खत्म हो चुका है और दूसरी तरफ रास्ते, नहर, मंदिरों के पैदल मार्ग तोड़ दिए गए हैं. अब सबसे बड़ा खतरा बैचिंग प्लांट का बना हुआ है. यहां मेघा कंपनी का बैचिंग प्लांट जहरीली हवा छोड़ रहा है, जिससे लोगों की तबीयत खराब हो रही है. ग्रामीणों का कहना है कि इस गैस से आंखों में जलन, खांसी और सांस लेने में दिक्कत हो रही है.

ये भी पढ़ेंः गंगोलीहाट में सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों का हल्ला बोल, आमरण अनशन पर बैठा वृद्ध

वहीं, नरकोटा प्रधान चंद्रमोहन व वार्ड सदस्य विनोद भट्ट का कहना है कि कंपनी की दादागीरी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अगर जल्द इस प्रदूषण का निपटारा नहीं किया जाता है तो आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा और जरूरत पड़ी तो काम भी बंद कराया जाएगा. वहीं, मेघा कंपनी के अधिकारी प्रफुल रमोला ने बताया कि इस संबंध में तत्काल कंपनी के अधिकारियों को उचित निर्देश दे दिया गया है.

रुद्रप्रयागः जिला मुख्यालय से सटे नरकोटा गांव में रेल परियोजना निर्माण कार्य में मानकों की जमकर धज्जियां उडाई जा रही है. आजकल ग्रामीणों के लिए सबसे बड़ा खतरा बैचिंग प्लांट से निकल रहे जहरीले गैस से बना हुआ है. इस गैस से खांसी, सांस फूलना जैसी बीमारी का भी खतरा बढ़ गया है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द इसका निपटारा नहीं किया गया तो पूरा गांव कंपनी के खिलाफ सड़कों पर उतरेगा.

ग्रामीणों का कहना है कि नरकोटा गांव को रेलवे प्रोजेक्ट से फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो रहा है. पहले ही बाजार खत्म हो चुका है और दूसरी तरफ रास्ते, नहर, मंदिरों के पैदल मार्ग तोड़ दिए गए हैं. अब सबसे बड़ा खतरा बैचिंग प्लांट का बना हुआ है. यहां मेघा कंपनी का बैचिंग प्लांट जहरीली हवा छोड़ रहा है, जिससे लोगों की तबीयत खराब हो रही है. ग्रामीणों का कहना है कि इस गैस से आंखों में जलन, खांसी और सांस लेने में दिक्कत हो रही है.

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वहीं, नरकोटा प्रधान चंद्रमोहन व वार्ड सदस्य विनोद भट्ट का कहना है कि कंपनी की दादागीरी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अगर जल्द इस प्रदूषण का निपटारा नहीं किया जाता है तो आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा और जरूरत पड़ी तो काम भी बंद कराया जाएगा. वहीं, मेघा कंपनी के अधिकारी प्रफुल रमोला ने बताया कि इस संबंध में तत्काल कंपनी के अधिकारियों को उचित निर्देश दे दिया गया है.

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