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शिव पार्वती के विवाह स्थल त्रियुगीनारायण में बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या, व्यापारी खुश

भगवान शिव व माता पार्वती के विवाह स्थल (Marriage Place of Lord Shiva and Mother Parvati) त्रियुगीनारायण में अब तक करीब डेढ़ लाख भक्तों ने मंदिर पहुंचकर भगवान नारायण के दर्शन किए. वहीं त्रियुगीनारायण मंदिर वेडिंग डेस्टिनेशन (Triyuginarayan Temple Wedding Destination) के रूप में प्रसिद्ध है. यहां लोग विवाह करने पहुंचते हैं. इस बार श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए स्थानीय व्यापारियों के चेहरे खिले हुए हैं.

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Published : Nov 9, 2022, 7:36 AM IST

रुद्रप्रयाग: भगवान शिव व माता पार्वती के विवाह स्थल (Marriage Place of Lord Shiva and Mother Parvati) त्रियुगीनारायण में अब तक करीब डेढ़ लाख भक्तों ने मंदिर पहुंचकर भगवान नारायण के दर्शन किए. साथ ही अखंड अग्नि के दर्शन कर पुण्य अर्जित भी किया. यात्रियों की संख्या बढ़ने से पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिला है. वहीं स्थानीय लोगों ने सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण के चौड़ीकरण करने की मांग भी की है. वहीं त्रियुगीनारायण मंदिर वेडिंग डेस्टिनेशन (Triyuginarayan Temple Wedding Destination) के रूप में प्रसिद्ध है, जहां लोग शादी करने पहुंचते हैं.

केदारनाथ धाम में इस सीजन में साढे पन्द्रह लाख से अधिक भक्तों ने बाबा केदार दर्शन किए हैं. इसके अलावा बदरी-केदार मंदिर समिति से जुड़े अन्य मठ-मंदिरों में भी भक्त जन भारी संख्या में पहुंचे हैं. केदारनाथ यात्रा पड़ाव के सोनप्रयाग से 11 किमी की दूरी पर स्थित शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर (Rudraprayag Triyuginarayan Temple) में हजारों की संख्या में भक्तों ने अखंड अग्नि के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया. साथ ही भगवान नारायण से अपने परिवार की खुशहाली की कामना भी की. इस वर्ष यात्राकाल में डेढ़ लाख से अधिक तीर्थयात्री भगवान नारायण के दर्शन कर चुके हैं, यह स्थान प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में प्रचलित है.
पढ़ें-उत्तराखंड का स्थापना दिवस आज, CM धामी ने दी बधाई, सामने रखा सरकार का विजन

यहां प्रतिवर्ष सैकड़ों की संख्या में नव युगल विवाह के लिए पहुंचते हैं. यात्रियों की संख्या बढ़ने से जहां पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार भी मुहैया हो रहा है. मान्यता है कि त्रियुगीनारायण मंदिर में सदियों से अखंड अग्नि जलती आ रही है. भगवान शंकर और माता पार्वती ने विवाह के पश्चात अखंड अग्नि में भगवान नारायण को साक्षी मानकर फेरे लिए थे. तभी से यहां प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में भक्त भगवान नारायण एवं अखंड अग्नि के दर्शनों को पहुंचते हैं. यहां वर्षभर मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खुले रहते हैं तथा यहां पर भगवान नारायण की पूजा नियमित की जाती है. बदरी-केदार मंदिर समिति के कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि त्रियुगीनारायण मंदिर में डेढ़ लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन कर लिए हैं.
पढ़ें-कार्तिक पूर्णिमा पर लगा चंद्रग्रहण, हरकी पैड़ी पर 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

यात्राकाल में बड़ी संख्या में भक्तजन यहां दर्शनों को पहुंचे हैं. अभी भी यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. वहीं ग्राम प्रधान त्रियुगीनारायण प्रियंका तिवारी एवं व्यापार संघ अध्यक्ष महेन्द्र सेमवाल ने बताया कि इस वर्ष अधिक संख्या में तीर्थ यात्री पहुंचने से व्यवसायियों के व्यवसाय में बढ़ोत्तरी हुई है. उन्होंने शासन-प्रशासन से सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण सड़क के चैड़ीकरण की मांग की है, जिससे यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो.

रुद्रप्रयाग: भगवान शिव व माता पार्वती के विवाह स्थल (Marriage Place of Lord Shiva and Mother Parvati) त्रियुगीनारायण में अब तक करीब डेढ़ लाख भक्तों ने मंदिर पहुंचकर भगवान नारायण के दर्शन किए. साथ ही अखंड अग्नि के दर्शन कर पुण्य अर्जित भी किया. यात्रियों की संख्या बढ़ने से पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिला है. वहीं स्थानीय लोगों ने सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण के चौड़ीकरण करने की मांग भी की है. वहीं त्रियुगीनारायण मंदिर वेडिंग डेस्टिनेशन (Triyuginarayan Temple Wedding Destination) के रूप में प्रसिद्ध है, जहां लोग शादी करने पहुंचते हैं.

केदारनाथ धाम में इस सीजन में साढे पन्द्रह लाख से अधिक भक्तों ने बाबा केदार दर्शन किए हैं. इसके अलावा बदरी-केदार मंदिर समिति से जुड़े अन्य मठ-मंदिरों में भी भक्त जन भारी संख्या में पहुंचे हैं. केदारनाथ यात्रा पड़ाव के सोनप्रयाग से 11 किमी की दूरी पर स्थित शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर (Rudraprayag Triyuginarayan Temple) में हजारों की संख्या में भक्तों ने अखंड अग्नि के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया. साथ ही भगवान नारायण से अपने परिवार की खुशहाली की कामना भी की. इस वर्ष यात्राकाल में डेढ़ लाख से अधिक तीर्थयात्री भगवान नारायण के दर्शन कर चुके हैं, यह स्थान प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में प्रचलित है.
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यहां प्रतिवर्ष सैकड़ों की संख्या में नव युगल विवाह के लिए पहुंचते हैं. यात्रियों की संख्या बढ़ने से जहां पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार भी मुहैया हो रहा है. मान्यता है कि त्रियुगीनारायण मंदिर में सदियों से अखंड अग्नि जलती आ रही है. भगवान शंकर और माता पार्वती ने विवाह के पश्चात अखंड अग्नि में भगवान नारायण को साक्षी मानकर फेरे लिए थे. तभी से यहां प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में भक्त भगवान नारायण एवं अखंड अग्नि के दर्शनों को पहुंचते हैं. यहां वर्षभर मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खुले रहते हैं तथा यहां पर भगवान नारायण की पूजा नियमित की जाती है. बदरी-केदार मंदिर समिति के कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि त्रियुगीनारायण मंदिर में डेढ़ लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन कर लिए हैं.
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यात्राकाल में बड़ी संख्या में भक्तजन यहां दर्शनों को पहुंचे हैं. अभी भी यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. वहीं ग्राम प्रधान त्रियुगीनारायण प्रियंका तिवारी एवं व्यापार संघ अध्यक्ष महेन्द्र सेमवाल ने बताया कि इस वर्ष अधिक संख्या में तीर्थ यात्री पहुंचने से व्यवसायियों के व्यवसाय में बढ़ोत्तरी हुई है. उन्होंने शासन-प्रशासन से सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण सड़क के चैड़ीकरण की मांग की है, जिससे यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो.

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