रुद्रप्रयाग: सरकार की ओर से कोविड 19 की गाइडलाइन में छूट मिलते ही यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है. सरकार के 72 घंटे पुरानी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट की बाध्यता समाप्त करने के बाद यात्रा रूटों पर यात्रियों की आमद बढ़ गयी है. केदारनाथ धाम में बुकिंग एक सप्ताह तक फुल हो गई है. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए देवस्थानम बोर्ड ने धामों में दर्शन का समय दोपहर बारह बजे से बढ़ाकर तीन बजे तक कर दिया है.
यात्रा न चलने से तीर्थ यात्री काफी परेशान थे. मगर अब यात्रियों की बढ़ती आमद ने उन्हें सुकून दिया है. केदारनाथ धाम में मंदिर के आगे तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ लग रही है. सैकड़ों की संख्या में तीर्थयात्री इकट्ठा हो रहे हैं. हालांकि इस दौरान सोशल डिस्टेसिंग का कोई पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे तीर्थ पुरोहितों में कोरोना महामारी का भय भी बना हुआ है. पहले यात्रा मार्गों पर सन्नाटा छाया रहता था, मगर दो-तीन दिनों से यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा देखा जा रहा है. केदारनाथ धाम में एक अक्टूबर को 651 तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए, जबकि दो अक्टूबर को 827 तीर्थ यात्री बाबा के दरबार पहुंचे. तीन अक्टूबर को 2,648 तीर्थ यात्री धाम पहुंचे. ऐसे में यात्रा का आंकड़ा 26,394 के करीब पहुंच गया है. यात्रियों के बढ़ने से प्रशासन की जिम्मेदारियां भी बढ़ गई हैं.
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वहीं कोरोना महामारी के चलते लोगों के व्यवसाय पर बुरा असर देखने को मिल रहा था. अब केदारघाटी के गुप्तकाशी, फाटा, सोनप्रयाग, सीतापुर, गौरीकुंड में यात्रियों की चहलकदमी से रौनक लौट आई है. ऐसे में ना केवल व्यवसायियों के चेहरे की मुस्कान लौट आई है बल्कि कोरोना के खौफ से जूझते केदारघाटी के लोगों में भारी खुशी देखने को मिल रही है. होटल, ढाबा, लाॅज संचालकों की मानें तो कोविड 19 में छूट मिलने के बाद यात्रियों ने भारी संख्या में केदारनाथ की ओर आगमन किया है, इससे व्यापारियों का व्यवसाय भी पटरी पर लौट आया है.
व्यापार संघ अध्यक्ष गौरीकुंड अरविंद गोस्वामी ने कहा कि यात्रा पड़ाव के सोनप्रयाग, सीतापुर, गौरीकुंड जंगलचट्टी से लेकर केदारनाथ तक अव्यवस्थाएं हावी हैं. गौरीकुंड से केदारनाथ पैदलमार्ग पर व्यवस्थाएं न होने से यात्री परेशान हैं. पैदल पड़ावों में चाय की दुकान तक नहीं है. पानी के लिए यात्री परेशान हैं, जबकि शौचालयों में गंदगी फैली हुई है. उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार ने यात्रा में छूट दे दी हैं, वहीं यात्रा व्यवस्थाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.