रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में सैकड़ों श्रद्धालु जान जोखिम में डालकर गंगा स्नान कर रहे हैं. कई यात्री मंदाकिनी नदी में उतरकर बीच तक पहुंच रहे हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बना हुआ है. साथ ही गर्म कुंड के जमा पानी में भी दिनभर हजारों यात्री डुबकी लगा रहे हैं. इन कुंडों की नियमित साफ-सफाई नहीं होने से पानी गंदा हो रहा है, बावजूद इसके यात्री गंदे पानी में ही स्नान कर रहे हैं.
बता दें, बाबा केदारनाथ की यात्रा शुरू करने से पहले तीर्थयात्री गौरीकुंड में मां पार्वती का आशीर्वाद लेते हैं. यहां पर यात्री मंदाकिनी नदी के साथ ही गर्म कुंड में स्नान के बाद आगे की यात्रा शुरू करते हैं. बाबा केदार के दर्शनों को आने वाले श्रद्धालु यहां गर्मकुंड में स्नान को पहुंच रहे हैं. पुनरोद्धार के अभाव में गर्मकुंड की काम चलाऊ व्यवस्था में महिला व पुरूष यात्रियों के लिए दो कुंड बनाए गए हैं, जिसमें दो से तीन फीट तक गर्म पानी जमा हो रहा है. इसी पानी में श्रद्धालु आचमन, पंच स्नान व संपूर्ण स्नान कर रहे हैं.
एक दिन में ही यहां हजारों श्रद्धालु इस पानी में स्नान कर रहे हैं, जिससे कुछ ही देर में पानी इतना गंदा हो रहा है. उससे आचमन, स्नान तो दूर हाथ धोना भी मुश्किल हो रहा है. बावजूद, श्रद्धालु गंदे पानी में ही डुबकी लगा रहे हैं. दूसरी तरफ कई यात्री सीधे मंदाकिनी नदी में उतर रहे हैं. आस्था व श्रद्धा के नाम पर नदी के मध्य हिस्से में पहुंचकर स्नान हो रहा है, जिससे दुर्घटना का खतरा बना है. पुलिस ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए मौके पर दो होमगार्ड के जवान भी तैनात किए हैं, लेकिन यात्री उनकी एक बात सुनने को तैयार नहीं हैं. वह, गंदे पानी में ही स्नान कर यात्रा का पुण्य अर्जित कर रहे हैं.
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गौरीकुंड के सामाजिक कार्यकर्ता सुशील गोस्वामी एवं दीघायु गोस्वामी ने कहा कि गौरीकुंड स्थित तप्तकुंड आपदा में तबाह हो गया था. तब, से लाखों रुपये खर्च के बाद भी इसे अपना वास्तविक स्वरूप नहीं मिल पाया है. जीएमवीएन बीते तीन वर्षों से पुनरोद्धार कार्य में जुटा है, लेकिन कुंड आज भी बदहाल है. यहां यात्रियों के लिए स्नानघर आदि तो बनाए जा रहे हैं, मगर कुंड को उसके वास्तविक रूप देने के प्रयास नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि गौरीकुंड में मूलभूत सुविधाओं का बेहतर ढांचा तैयार नहीं हो पाया है. बाजार में शौचालय का अभाव है, जिस कारण यात्री परेशान हो रहे हैं. साथ ही बिजली, पानी, पार्किंग और संचार सेवा की बदहाली से स्थानीय लोगों के साथ यात्री भी दो-चार हो रहे हैं.
रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग के भूस्खलन जोन पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं: रुद्रप्रयाग गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग रुद्रप्रयाग से कुंड तक 60 फीसदी ठीक है. लेकिन कुंड से सोनप्रयाग तक कई जगहों पर राजमार्ग की स्थिति बद से बदतर बनी हुई है. हाईवे पर नारायणकोटी से फाटा के बीच चार बड़े डेंजर जोन (Rudraprayag Landslide Zone) हैं, जहां पर वाहन रेंगकर आगे बढ़ रहे हैं. ऑलवेदर रोड परियोजना में शामिल होने के बाद भी हाईवे चौड़ीकरण के नाम पर कुछ स्थानों पर खानापूर्ति की गई है. चट्टानी क्षेत्र में कटिंग से ज्यादा खतरा पैदा किया गया है, जिससे यातायात संचालन में दिक्कतें हो रही हैं.
ब्यूंग गाड़ से लेकर फाटा के बीच डेंजर जोन हैं, जहां पर हल्की चूक बड़ी अनहोनी का कारण बन सकती है. ब्यूंग गाड़ की पुलिया कीचड़ में तब्दील है और आगे की तरफ चट्टानी हिस्से में भी सड़क काफी संकरी है. कुछ स्थानों पर सरिया छोड़ी गई हैं, जो दुपहिया वाहनों के लिए खतरे का कारण बनी हैं.
श्रीकेदारधाम होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी ने कहा कि ऑलवेदर रोड परियोजना में हाईवे के चौड़ीकरण एवं सुधारीकरण की जो उम्मीद जगी थी, वह एनएच के कछुआ चाल से धूमिल हो गई है. रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे के डोलिया मंदिर से फाटा बाजार तक भूस्खलन जोन और उखड़ा डामर यात्रियों के लिए सबसे बड़ी परेशानी बन रहा है.
भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में दोनों तरफ से चढ़ाई होने से छोटे वाहनों के संचालन में दिक्कत हो रही हैं. यहां पर उड़ती धूल से और परेशानी हो रही है. यहां, यात्रा ड्यूटी में तैनात पुलिस, होमगार्ड, पीआरडी जवानों का कहना था कि कई वाहनों को धक्का मारकर आगे बढ़ाना पड़ रहा है.
एनएन निर्माण खंड रुद्रप्रयाग के प्रभारी अधिशासी अभियंता राजवीर सिंह चौहान ने कहा कि हाईवे पर चौड़ीकरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. जिन स्थानों पर दिक्कतें हैं, उसे समयबद्ध पूरा कर दिया जाएगा. डोलिया मंदिर के समीप भूस्खलन जोन के स्थायी ट्रीटमेंट के लिए प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जा चुका है.