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रुद्रप्रयाग: जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, खतरे में कुर्सी

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Published : Jun 5, 2022, 12:17 PM IST

जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह की कुर्सी खतरे में नजर आ रही. जिला पंचायत सदस्यों ने पार्टी की जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 14 जिला पंचायत सदस्यों ने डीएम मयूर दीक्षित से मुलाकात कर अविश्वास प्रस्ताव सौंपा है.

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रुद्रप्रयाग

रुद्रप्रयाग: जिले में भाजपा से अधिकृत जिला पंचायत सदस्यों ने पार्टी की जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इन सदस्यों के साथ अन्य 10 और सदस्यों ने डीएम से मुलाकात की है और जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास पत्र सौंपकर मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की.

बता दें, जिले में लंबे समय से जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास लाने का विषय चर्चाओं में था. लेकिन किसी को यह मालूम नहीं था कि रात के अंधेरे में डीएम के कैंप ऑफिस पहुंचकर असंतुष्ट सदस्य डीएम को अविश्वास प्रस्ताव सौंप देंगे. शनिवार की रात करीब करीब साढ़े आठ बजे 14 असंतुष्ट सदस्यों ने डीएम मयूर दीक्षित से मुलाकात की और जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपा. इन सदस्यों में चार भाजपा के सदस्य भी शामिल हैं. इनमें दो भाजपा से अधिकृत किये गये थे, जबकि दो जिला संगठन में महत्वपूर्ण पदों में विराजमान हैं.

जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव.

जिला पंचायत सदस्य सविता भंडारी सारी से सदस्य हैं और भाजपा संगठन में जिला उपाध्यक्ष के पद पर भी हैं. जिला पंचायत सदस्य रीना बिष्ट परकंडी से सदस्य हैं और महिला मोर्चा में जिला मंत्री के पद पर हैं. इसके अलावा जिला पंचायत सदस्य सतेरा वार्ड से भूपेन्द्र लाल व जिला पंचायत सदस्य खलियाण वार्ड से मंजू सेमवाल भाजपा अधिकृत प्रत्याशी रहे हैं. जिला पंचायत उपाध्यक्ष और सदस्य भीरी सुमंत तिवाड़ी, जिला पंचायत सदस्य त्रियुगीनारायण बबीता देवी, गुप्तकाशी गणेश तिवारी, कालीमठ विनोद राणा, स्यूर रेखा देवी, खलियाण कुसुम देवी, सुमाड़ी ज्योति देवी, कंडारा सुमन सिंह, सिल्ला बागणगांव कुलदीप सिंह, खांकरा नरेन्द्र सिंह बिष्ट के भी अविश्वास प्रस्ताव में हस्ताक्षर शामिल हैं.

डीएम को सौंपे अविश्वास प्रस्ताव में सदस्यों ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष अपनी मनमानी कर रही हैं. बिना सदस्यों को विश्वास में लिये कार्य किये जा रहे हैं. बोर्ड व सदन में बताये बिना चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई. अध्यक्ष की ओर से यात्रा व्यवस्था में घोड़े-खच्चरों से गद्दी के कार्य को लेकर अनुमोदन नहीं किया गया. निविदा के बिना ही यह कार्य एक व्यक्ति को सौंपा गया. इसके साथ ही राजकीय वाहन का प्रयोग अपने निजी कार्यों में किया जा रहा है.
पढ़ें- 18 किमी पैदल चलकर उत्तराखंड के दूरस्थ मतदान केंद्र पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त, ग्रामीणों ने किया स्वागत

नाराज सदस्यों ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने सोनप्रयाग में बिना किसी सूचना के पार्किंग में एक व्यक्ति को बिस्तर लगाने की अनुमति दी, जबकि स्थानीय जिला पंचायत सदस्य को इसकी कोई सूचना नहीं है. इसके साथ ही घोड़े-खच्चरों में लगाई जा रही गद्दी को लेकर भी कोई चर्चा नहीं की.

वहीं, मामले जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह ने कहा कि सदस्यों ने कभी इस मामले को लेकर उनसे कोई बात नहीं की और ना ही बोर्ड बैठकों में नाराजगी जाहिर की. उन्हें किसी सूचना और अपर मुख्य अधिकारी को बताए बिना ही डीएम को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा गया है. उन्होंने कहा कि जिला पंचायत सदस्यों की जो भी नाराजगी होगी, वह दूर कर दी जायेगी.

पहले भी लाया गया अविश्वास प्रस्ताव: गौतलब है कि भाजपा सरकार में यह दूसरी बार है जब जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपा गया है. इससे पहले खंडूड़ी सरकार में भाजपा के तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चाएं गर्म थी और 12 से 14 सदस्य अध्यक्ष की कार्यप्रणाली से नाराज चल रहे थे. उस समय चंडी भट्ट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए सदस्यों को मनाने में सफल रहे और उनका कार्यकाल पूरे पांच साल चला.

कुर्सी का संकट: जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह के खिलाफ उनके ही चार सदस्यों के अलावा अन्य 10 सदस्यों ने मोर्चा खोल दिया है. रुद्रप्रयाग और केदारनाथ विधानसभा से भाजपा के विधायक होने के बावजूद इस तरह से भाजपा अधिकृत प्रत्याशियों की ओर से अपनी ही जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ होना, यह जिला संगठन को कटघरे में खड़ा कर रहा है. अगर समय रहते भाजपा के दोनों विधायक एवं जिला संगठन ने कोई कार्रवाई नहीं की तो जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी खिसक सकती है.

रुद्रप्रयाग: जिले में भाजपा से अधिकृत जिला पंचायत सदस्यों ने पार्टी की जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इन सदस्यों के साथ अन्य 10 और सदस्यों ने डीएम से मुलाकात की है और जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास पत्र सौंपकर मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की.

बता दें, जिले में लंबे समय से जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास लाने का विषय चर्चाओं में था. लेकिन किसी को यह मालूम नहीं था कि रात के अंधेरे में डीएम के कैंप ऑफिस पहुंचकर असंतुष्ट सदस्य डीएम को अविश्वास प्रस्ताव सौंप देंगे. शनिवार की रात करीब करीब साढ़े आठ बजे 14 असंतुष्ट सदस्यों ने डीएम मयूर दीक्षित से मुलाकात की और जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपा. इन सदस्यों में चार भाजपा के सदस्य भी शामिल हैं. इनमें दो भाजपा से अधिकृत किये गये थे, जबकि दो जिला संगठन में महत्वपूर्ण पदों में विराजमान हैं.

जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव.

जिला पंचायत सदस्य सविता भंडारी सारी से सदस्य हैं और भाजपा संगठन में जिला उपाध्यक्ष के पद पर भी हैं. जिला पंचायत सदस्य रीना बिष्ट परकंडी से सदस्य हैं और महिला मोर्चा में जिला मंत्री के पद पर हैं. इसके अलावा जिला पंचायत सदस्य सतेरा वार्ड से भूपेन्द्र लाल व जिला पंचायत सदस्य खलियाण वार्ड से मंजू सेमवाल भाजपा अधिकृत प्रत्याशी रहे हैं. जिला पंचायत उपाध्यक्ष और सदस्य भीरी सुमंत तिवाड़ी, जिला पंचायत सदस्य त्रियुगीनारायण बबीता देवी, गुप्तकाशी गणेश तिवारी, कालीमठ विनोद राणा, स्यूर रेखा देवी, खलियाण कुसुम देवी, सुमाड़ी ज्योति देवी, कंडारा सुमन सिंह, सिल्ला बागणगांव कुलदीप सिंह, खांकरा नरेन्द्र सिंह बिष्ट के भी अविश्वास प्रस्ताव में हस्ताक्षर शामिल हैं.

डीएम को सौंपे अविश्वास प्रस्ताव में सदस्यों ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष अपनी मनमानी कर रही हैं. बिना सदस्यों को विश्वास में लिये कार्य किये जा रहे हैं. बोर्ड व सदन में बताये बिना चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई. अध्यक्ष की ओर से यात्रा व्यवस्था में घोड़े-खच्चरों से गद्दी के कार्य को लेकर अनुमोदन नहीं किया गया. निविदा के बिना ही यह कार्य एक व्यक्ति को सौंपा गया. इसके साथ ही राजकीय वाहन का प्रयोग अपने निजी कार्यों में किया जा रहा है.
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नाराज सदस्यों ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने सोनप्रयाग में बिना किसी सूचना के पार्किंग में एक व्यक्ति को बिस्तर लगाने की अनुमति दी, जबकि स्थानीय जिला पंचायत सदस्य को इसकी कोई सूचना नहीं है. इसके साथ ही घोड़े-खच्चरों में लगाई जा रही गद्दी को लेकर भी कोई चर्चा नहीं की.

वहीं, मामले जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह ने कहा कि सदस्यों ने कभी इस मामले को लेकर उनसे कोई बात नहीं की और ना ही बोर्ड बैठकों में नाराजगी जाहिर की. उन्हें किसी सूचना और अपर मुख्य अधिकारी को बताए बिना ही डीएम को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा गया है. उन्होंने कहा कि जिला पंचायत सदस्यों की जो भी नाराजगी होगी, वह दूर कर दी जायेगी.

पहले भी लाया गया अविश्वास प्रस्ताव: गौतलब है कि भाजपा सरकार में यह दूसरी बार है जब जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपा गया है. इससे पहले खंडूड़ी सरकार में भाजपा के तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चाएं गर्म थी और 12 से 14 सदस्य अध्यक्ष की कार्यप्रणाली से नाराज चल रहे थे. उस समय चंडी भट्ट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए सदस्यों को मनाने में सफल रहे और उनका कार्यकाल पूरे पांच साल चला.

कुर्सी का संकट: जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह के खिलाफ उनके ही चार सदस्यों के अलावा अन्य 10 सदस्यों ने मोर्चा खोल दिया है. रुद्रप्रयाग और केदारनाथ विधानसभा से भाजपा के विधायक होने के बावजूद इस तरह से भाजपा अधिकृत प्रत्याशियों की ओर से अपनी ही जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ होना, यह जिला संगठन को कटघरे में खड़ा कर रहा है. अगर समय रहते भाजपा के दोनों विधायक एवं जिला संगठन ने कोई कार्रवाई नहीं की तो जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी खिसक सकती है.

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