रुद्रप्रयाग: तृतीय केदार के रूप में विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ यात्रा पड़ाव में अव्यवस्थाएं हावी होने से तीर्थ यात्री और पर्यटक परेशान हैं. यात्रा मार्ग पर मेडिकल कैंप से लेकर शौचालय की कोई सुविधा नहीं है. आलम ये है कि लोगों को पानी तक के लिए भटकना पड़ रहा है. इसके साथ ही चोपता से लेकर तुंगनाथ धाम तक एक भी दुकान नहीं खुली हैं. जिसके चलते यात्री खाने-पीने की दिक्कतें भी हो रही हैं. ऐसे में शासन-प्रशासन की ओर से धाम की सुध न लिए जाने से तीर्थयात्रियों में आक्रोश बना हुआ है.
पांडवों से जुड़ा है इतिहास
पांच हजार साल पुराने तुंगनाथ मंदिर का निर्माण पांडवों ने किया था. महाभारत युद्ध में पांडवों ने अपने चचेरे भाईयों और गुरू का वध किया. जिसके बाद आत्मग्लानि से बचने लिए ऋषि ब्यास की सलाह से पांडव भगवान शिव की स्तुति करने लगे. जिससे उन्हें इस श्राप से मुक्ति मिल सके, लेकिन भगवान शिव ने पांडवों के इस कृत्य से नाराज होने के कारण उन्हें क्षमा नहीं किया.
पांडवों ने शिव के दर्शन पाने के लिए उनका पीछा किया, तो शिव गुप्तकाशी में गुप्त हो गए, लेकिन पांडवों ने उन्हें पहचान कर वहां भी उनका पीछा किया. जिसके बाद भगवान शिव ने केदारनाथ में विशालकाय बैल का रूप धारण किया, लेकिन पांडवों ने शिव को पहचान कर उसे स्पर्श करने का प्रयास किया, तो शिव ने अपने शरीर के पांच भाग किए जो कि आज पंचकेदार के रूप में जाना जाता है.
तृतीय केदार तुंगनाथ
इसमें से तृतीय केदार तुंगनाथ के रूप में पूजा की जाती है. यहां पर भगवान शिव के हृदय और भुजाओं की पूजा की जाती है. चोपता से साढ़े तीन किमी पैदल मार्ग से तुंगनाथ मंदिर स्थित है. मंदिर में पुजारी मक्कूमठ गांव के स्थानीय मैठाणी हैं.
समुद्र तल से 3,680 मीटर की ऊंचाई पर भगवान तुंगनाथ का मंदिर स्थित है. मिनी स्विटजरलैंड चोपता से तुंगनाथ धाम की दूरी साढ़े तीन किलोमीटर है और तुंगनाथ मंदिर से एक किलोमीटर ऊपर चंद्रशिला है. लोग तुंगनाथ धाम के दर्शन करने के साथ ही चोपता की खूबसूरत वादियों को देखने भी आते हैं.
देवस्थानम् बोर्ड की ओर से एक जुलाई से राज्य के लोगों के लिए यात्रा शुरू करने के बाद 6 हजार से अधिक तीर्थयात्री और पर्यटक तुंगनाथ धाम पहुंच चुके हैं. बात करें अगर यहां पर सुविधाओं की तो यात्रा मार्ग पर पहुंच रहे यात्री जरूरतमंद सामानों के लिए भी भटकते नजर आ रहे हैं. यहां तक कि दुगलबिट्टा से चोपता और तुंगनाथ धाम तक एक भी चाय की दुकान तक नहीं खुली है.
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यात्रियों को हो रही असुविधाएं
यात्रा मार्ग पर एक भी दुकान न खुली होने से लोग परेशान हैं कि आखिर पेट भरने के लिए वे खाएं क्या. मार्ग पर एक भी मेडिकल कैंप न होने से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोई भी दुर्घटना होने के बाद पीड़ित को लाइलाज ही रहने वाला है. भगवान शिव के दर्शन करने आए यात्री यहां पीने के पानी और खाने के लिए भटक रहे हैं. यहां शौचालय की भी कोई व्यवस्था नहीं है.
इसके साथ ही पुलिस, पीआरडी और होमगार्ड का कोई भी जवान यात्रा मार्ग पर तैनात नहीं हैं. अब सरकार की अनुमति के बाद से राज्य से बाहर के लोगों के लिए भी यात्रा शुरू कर दी गई है. लोग स्वास्थ्य परीक्षण के बाद तीर्थधामों में आ सकते हैं, लेकिन बड़ी समस्या ये है कि इन धामों में प्रशासन की ओर से कोई सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही हैं.
अव्यवस्थाओं से श्रद्धालु परेशान
मंदिर पुजारी आलोक मैठाणी और जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी ने बताया कि तुंगनाथ धाम में लॉकडाउन के बाद से अब तक 6 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. सावन महीना होने के चलते श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन यात्रा पड़ावों में श्रद्धालुओं के लिए कोई सुविधा न होने से यात्रियों को परेशानियां हो रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने बाहरी राज्य के लोगों के लिए भी यात्रा शुरू कर दी है, लेकिन यहां व्यवस्थाओं के नाम पर यात्रियों को निराशा ही हाथ लग रही है.
तीर्थयात्री सूरज सिंह ने कहा कि तुंगनाथ धाम के यात्रा पड़ावों में गंदगी फैली हुई है. अस्थाई शौचालय क्षतिग्रस्त हैं, तो स्टेट पोस्टों पर पानीं नहीं आ रहा है. यात्री ने बताया कि यात्रा मार्ग पर एक भी दुकान नहीं खुली है और होटल, कैंप सभी बंद पड़े हैं. एक ओर जहां लोगों को यहां आने की खुशी है तो, वहीं मूलभूत सुविधाएं न होने के चलते उन्हें परेशानी हो रही है. यात्री ने कहा कि यात्रा मार्ग पर शौचालय न होने से महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी हो रही है.
जल्द खुलेगी पुलिस चौकी
इसपर पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने कहा कि न्यू ईयर और यात्रा सीजन में तुंगनाथ धाम सहित पर्यटक स्थल मिनी स्विटजरलैंड में पुलिस तैनात की जाती है. इस बार लॉकडाउन के बाद पुलिस तैनात नहीं की गई है. राजस्व क्षेत्र में होने के कारण इस क्षेत्र में पुलिस चौकी नहीं है. इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा गया है और जल्द ही स्वीकृति मिलने के बाद स्थाई तौर पर चोपता में पुलिस चौकी खोली जाएगी.
वहीं, जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल ने कहा कि तुंगनाथ यात्रा पड़ाव में पिछले साल अस्थाई शौचालय बनाए गए थे, जो क्षतिग्रस्त हो गए हैं. पिछले दिनों स्थिति का जायजा लिया गया है. जल्द ही यात्रा पड़ावों में शौचालय के साथ अन्य व्यवस्थाएं कर दी जाएंगी.