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इंद्रधनुष अभियान: रुद्रप्रयाग में 52 बच्चों और 20 गर्भवती महिलाओं को लगाया जाएंगे टीके

स्वास्थ्य विभाग की ओर से इंद्रधनुष अभियान चलाया जा रहा है. जिसके अंतर्गत टीकाकरण से अनजान बच्चों और महिलाओं को चिह्नित किया जाएगा.

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स्वास्थ्य विभाग की ओर से इंद्रधनुष अभियान
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Published : Nov 30, 2019, 3:58 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से इंद्रधनुष अभियान चलाया जा रहा है. जिसके अंतर्गत टीकाकरण के लिये बच्चों और गर्भवती महिलाओं को चिह्नित किया जाएगा. वहीं, ये अभियान 2 दिसंबर से शुरू होगा. जिसके चार चरणों में संपन्न किया जाना है.

वहीं, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. जितेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि 318 आशा कार्यकर्ताओं ने तीनों विकासखंडों में घर-घर जाकर सर्वे के आधार पर टीकाकरण से दो साल तक के बच्चों के अलावा गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार की है. जिसमें अगस्त्यमुनि ब्लॉक में 26 बच्चों और 18 महिलाओं, ऊखीमठ में सात बच्चों, दो महिलाओं और जखोली में 19 बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा.

सात ही यह अभियान चार चरणों में आगामी 2 दिसंबर से मार्च 2020 तक चलेगा. मिशन इन्द्रधनुष भारत सरकार का संचालित विशेष प्रतिरक्षण कार्यक्रम है. जिसमें शून्य से दो साल तक के बच्चों को प्रतिरक्षण के लिए लक्षित किया जाता है.

ये भी पढ़ें: दून नगर निगम के नए वार्डों को विकास का इंतजार, फाइलों में अटकी करोड़ों की विकास निधि

मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए ट्रेकिंग बुक में डाटा तैयार किया जायेगा. जिसमें हर माह के पहले सोमवार से सात कार्य दिवसों बुधवार और शनिवार को छोड़कर कार्यक्रम चलाया जायेगा. सर्वे के उपरान्त बीस उपकेन्द्रों में 52 बच्चों और बीस गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किया गया है. जिसके लिए 37 सत्र चलाए जायेंगे. जिसके लिए जिले में 81 उपकेन्द्रों के सापेक्ष 62 एएनएम कार्यरत हैं और 19 उपकेन्द्र रिक्त पड़े हैं.

रुद्रप्रयाग: जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से इंद्रधनुष अभियान चलाया जा रहा है. जिसके अंतर्गत टीकाकरण के लिये बच्चों और गर्भवती महिलाओं को चिह्नित किया जाएगा. वहीं, ये अभियान 2 दिसंबर से शुरू होगा. जिसके चार चरणों में संपन्न किया जाना है.

वहीं, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. जितेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि 318 आशा कार्यकर्ताओं ने तीनों विकासखंडों में घर-घर जाकर सर्वे के आधार पर टीकाकरण से दो साल तक के बच्चों के अलावा गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार की है. जिसमें अगस्त्यमुनि ब्लॉक में 26 बच्चों और 18 महिलाओं, ऊखीमठ में सात बच्चों, दो महिलाओं और जखोली में 19 बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा.

सात ही यह अभियान चार चरणों में आगामी 2 दिसंबर से मार्च 2020 तक चलेगा. मिशन इन्द्रधनुष भारत सरकार का संचालित विशेष प्रतिरक्षण कार्यक्रम है. जिसमें शून्य से दो साल तक के बच्चों को प्रतिरक्षण के लिए लक्षित किया जाता है.

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मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए ट्रेकिंग बुक में डाटा तैयार किया जायेगा. जिसमें हर माह के पहले सोमवार से सात कार्य दिवसों बुधवार और शनिवार को छोड़कर कार्यक्रम चलाया जायेगा. सर्वे के उपरान्त बीस उपकेन्द्रों में 52 बच्चों और बीस गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किया गया है. जिसके लिए 37 सत्र चलाए जायेंगे. जिसके लिए जिले में 81 उपकेन्द्रों के सापेक्ष 62 एएनएम कार्यरत हैं और 19 उपकेन्द्र रिक्त पड़े हैं.

Intro:चार चरणों में चलाया जायेगा इंद्रधनुष अभियान
जिले के 52 बच्चों एवं 20 गर्भवती महिलाओं को लगाए जायेंगे टीके
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पत्रकारों से की वार्ता
रुद्रप्रयाग। जनपद में टीकाकरण से वंचित बच्चों एवं महिलाओं को चिह्नित करते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से इंद्रधनुष अभियान के अंतर्गत टीकाकरण किया जाएगा। यह अभियान दो दिसम्बर से चलाया जायेगा, जिसके तहत चार चरणों में यह कार्यक्रम चलाया जाना है। Body:जिला मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ जितेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि 318 आशा कार्यकर्ताओं द्वारा तीनों विकासखंडों में घर-घर जाकर किए गए सर्वे के आधार पर टीकाकरण से वंचित दो वर्ष तक के बच्चों व महिलाओं की सूची तैयार की गई। बताया कि सूची के आधार पर अगस्त्यमुनि ब्लॉक में 26 बच्चों व 18 महिलाओं, ऊखीमठ में सात बच्चे व दो महिला और जखोली में 19 बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। अभियान आगामी 2 दिसंबर से मार्च 2020 तक चलेगा। उन्होंने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष भारत सरकार द्वारा संचालित विशेष प्रतिरक्षण कार्यक्रम है, जिसमें शून्य से दो साल तक के ऐसे बच्चों को प्रतिरक्षण के लिए लक्षित करना है, जिनको कभी भी कोई टीका ना लगा होगा तथा जो बच्चे किसी कारण वश पूर्ण टीकाकरण से वंचित रह गए हों। साथ ही उस क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को भी टीका लगाया जाना है। उन्होंने बताया कि लक्ष्य निर्धारण के लिए आशाओ द्वारा घर-घर जाकर हर बच्चे एवं गर्भवती महिला का सर्वे किया जायेगा और आशा ट्रेकिंग बुक में डाटा तैयार किया जायेगा। बताया कि चार चरणों में यह अभियान चलेगा, जिसमें हर माह के प्रथम सोमवार से सात कार्य दिवसों बुधवार व शनिवार को छोड़कर कार्यक्रम चलाया जायेगा। सर्वे के उपरान्त बीस उपकेन्द्रों में 52 बच्चों एवं बीस गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किया गया है, जिसके लिए 37 सत्र चलाए जायेंगे। बताया कि जिले में 81 उपकेन्द्रों के सापेक्ष 62 एएनएम कार्यरत हैं और 19 उप केन्द्र रिक्त हैं और 321 आशाओं के सापेक्ष 318 कार्यरत हैं। Conclusion:
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