रुद्रप्रयागः समाज कल्याण एवं परिवहन मंत्री चंदन राम दास (Minister Chandan Ram Das) ने बुधवार को जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक लेते हुए संचालित योजनाओं की समीक्षा की. उन्होंने सभी विभागों को जनता से जुड़ी योजनाओं के कार्यों में कोताही ना बरतने, समय पर टेंडर एवं डीपीआर प्रक्रिया पूरी कर योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने की सख्त हिदायत दी. मंत्री ने स्पष्ट किया कि अगर किसी भी विभाग की ओर से इसमें लापरवाही बरती गई तो जिम्मेदार लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी.
कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास ने जिला कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक के दौरान सभी विभाग के अधिकारियों से उनकी महत्वपूर्ण योजनाओं एवं उनकी प्रगति की जानकारी ली. उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत जल संस्थान एवं सिंचाई विभाग को कार्यों में गति लाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना है. हर व्यक्ति को स्वच्छ पेयजल दिलाना सरकार एवं अधिकारियों की जिम्मेदारी है. मंत्री ने कहा कि किसी भी योजना का लाभ अंतिम गांव एवं व्यक्ति तक तभी पहुंचेगा जब सड़कों की स्थिति ठीक होगी.
उन्होंने लोनिवि, परिवहन विभाग एवं पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को जिले में सड़कों की स्थिति सुधारने के लिए लगातार कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पहाड़ों में सुरक्षा की दृष्टि से सड़कों पर कई कार्य किए जा सकते हैं. परिवहन विभाग को विशेष प्रस्ताव भेजकर सड़क सुरक्षा के लिए बजट भी लिया जा सकता है. मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग के ढांचे एवं कार्यशैली में सुधार के लिए विभागीय अधिकारियों से लेकर स्कूलों में तैनात शिक्षकों को कार्य करना होगा.
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उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने एवं सरकारी स्कूलों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करने को कहा. साथ ही समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभाग की ओर से छात्र, बुजुर्गों, विकलांग एवं महिलाओं को दी जाने वाली सभी पेंशनों को ज्यादा से ज्यादा प्रचार हो. कोई भी पात्र व्यक्ति इससे वंचित न रह जाए.
मंत्री ने सुझाव दिया कि स्कूल-कॉलेज खुलने के साथ ही छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की प्रक्रिया भी शुरू की जानी चाहिए, जिससे समय पर छात्रों को इसका लाभ भी मिल सके. उन्होंने कहा कि इसके लिए वे उच्च स्तर पर भी अधिकारियों के साथ बैठक कर सुधार करेंगे. उन्होंने कहा कि पहाड़ी जनपदों में बिना नियोजन के विकास संभव नहीं, अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों को लगातार फील्ड विजिट कर आपसी समन्वय के आधार पर पहाड़ों के विकास के लिए काम करना होगा.