रुद्रप्रयागः लॉकडाउन के चलते रुद्रप्रयाग जिले में सैकड़ों दिहाड़ी मजदूर फंसे हुए हैं. ये लोग पुलिस-प्रशासन से घर जाने की मांग कर रहे हैं. मजदूर घर जाने के लिए इतने आतुर हैं कि वो पुलिस से ही भिड़ रहे हैं. इसी कड़ी में आज उनके सब्र का बांध टूट गया. 300 से ज्यादा मजदूर रुद्रप्रयाग में एकत्रित हो गए. इस दौरान मजदूरों और पुलिसकर्मियों के बीच तीखी नोक-झोंक भी देखने को मिली.
जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में दिहाड़ी-मजदूरी करने वाले यूपी-बिहार के मजदूरों के सब्र का बांध आखिरकार टूट ही गया. मजदूर पैदल ही यूपी-बिहार के लिए चल दिए. मजदूरों को उम्मीद थी कि उन्हें उनके घर भेजा जाएगा, लेकिन घर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करने के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मजदूरों ने पैदल जाने का फैसला कर लिया. इस बीच प्रशासन को जब खबर लगी तो अफसरों के हाथ-पांव फूल गए.
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प्रशासन ने आनन-फानन में इन मजदूरों को रुद्रप्रयाग मुख्यालय में रोक दिया. इस बीच मजदूर कई किमी का पैदल सफर करके जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग पहुंचे थे. आज सुबह मजदूर घर जाने की जिद पर अड़ गए. पुलिसकर्मी मजदूरों को समझाते रहे, लेकिन मजदूर पैदल जाने की ही जिद करते रहे. इस बीच कुछ मजदूर रुद्रप्रयाग के कोतवाल कुंवर सिंह बिष्ट से उलझने लगे, जो बमुश्किल शांत हुए.
पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने कहा कि काफी संख्या में मजदूरों को गुलाबराय मैदान में रखा गया है. उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई है. मजदूर काफी संख्या में मौजूद हैं. ऐसे में उन्हें सामाजिक दूरी बनाने और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने को कहा जा रहा है, लेकिन मजदूर समझने को तैयार नहीं हैं.