रुद्रप्रयाग: चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता और श्रद्धालुओं की संख्या सीमित की गई है. जिसे लेकर केदारघाटी होटल एसोसिएशन ने आपत्ति जताई है. केदारधाम होटल एसोसिएशन ने तहसील ऊखीमठ के माध्यम से सीएम पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा है. जिसमें व्यापारियों ने सीमित संख्या की बाध्यता समाप्त न होने पर 25 अप्रैल को धरना-प्रदर्शन और चक्काजाम करने की चेतावनी दी है. इसी दिन केदारनाथ के कपाट भी खुल रहे हैं, अगर ऐसा होता है तो प्रशासन को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
बता दें राज्य सरकार की ओर से चारधाम यात्रा में यात्रियों की सीमित संख्या किए जाने का केदारघाटी के सभी व्यापारी विरोध कर रहे हैं. व्यापारियों ने कहा सरकार हर वर्ष यात्रा शुरू होते ही नए नियम लागू कर रही है. यात्रा पर आश्रित लोगों के रोजगार के साथ ऐसा छलावा करना सही नहीं है. व्यवसायियों ने कहा पहले ऑफलाइन पंजीकरण किया जाता था, तो यात्री दर्शन करते थे, लेकिन इस वर्ष ऑनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता आवश्यक कर दी गई है. श्री केदारधाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम गोस्वामी ने कहा प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा को बढ़ावा न देकर इसे सीमित करना चाहती है. इस वर्ष धामों में यात्रियों की सीमित संख्या की बाध्यता व रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता करके श्रद्धालुओं को दर्शनों से रोका जा रहा है. यात्रियों की सीमित संख्या के कारण केदारनाथ यात्रा पर आश्रित लोगों का रोजगार समाप्त हो रहा है.
उन्होंने कहा प्रदेश सरकार जल्द ही सीमित संख्या की बाध्यता को नहीं हटाती है तो 25 अप्रैल को केदारघाटी के सभी होटल व्यवसायी मैखंडा व फाटा पर धरना-प्रदर्शन एवं चक्काजाम करेंगे. एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रमोद नौटियाल ने कहा सीमित संख्या की बाध्यता के कारण इस वर्ष 20 प्रतिशत ही एडवांस बुकिंग आई है. यात्री भी ऑनलाइन पंजीकरण व्यवस्था से असमंजस की स्थिति में हैं. होटल एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष अमित मैखण्डी ने बताया प्रदेश सरकार ने अब एडवांस बुकिंग करने पर रजिस्ट्रेशन भी होना बताया है. इस प्रकार के नियमों से यात्री परेशान हो रहे हैं. कई तीर्थ यात्री बिना बुकिंग के धाम आते हैं, जिनसे छोटे होटल व्यवसायियों का रोजगार चलता है, मगर यात्री न होने से सभी के सम्मुख रोजगार का संकट बना हुआ है.