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रुद्रप्रयाग: आपदा के सात साल बीत जाने के बाद भी नहीं मिला रोजगार - PM Narendra Modi

सात साल बीत जाने के बाद भी केदारनाथ में सरकार की तरफ से व्यापारियों को न दुकानें आवंटित की गई हैं और न ही जमीन दी जा रही है. ऐसे में व्यापारी काफी नाराज है. व्यापारियों ने कहा कि सरकार जल्द उनकी मांगों को नहीं मानती तो वे सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे.

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सरकार को दी चेतावनी
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Published : Jan 12, 2021, 6:27 PM IST

रुद्रप्रयाग : केदारनाथ आपदा से प्रभावित व्यापारियों को सात साल बाद भी रोजगार नहीं मिल पाया है. सरकार की तरफ से व्यापारियों को न दुकानें आवंटित की गई हैं, और न ही जमीन दी जा रही है, जिससे वे हताश और निराश हैं. व्यापारियों के सामने भुखमरी तक की नौबत आ गयी है और वे अब आंदोलन के मूड में नजर आ रहे हैं.

केदारनाथ और पैदल यात्रा पड़ावों के व्यापारियों ने संयुक्त व्यापार संघ श्री केदारनाथ क्षेत्र गुप्तकाशी के अध्यक्ष प्रेम सिंह सजवाण के नेतृत्व में जिलाधिकारी मनुज गोयल से मुलाकात की और अपनी समस्याओं को रखा. व्यापारियों ने कहा कि आपदा को सात साल का समय बीत गया है, लेकिन उन्हें कोई रोजगार नहीं मिल पाया है. तीन बार देश के प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी केदारनाथ आ चुके हैं और उन्हें भी समस्या से अवगत कराया गया था, जबकि मुख्यमंत्री से लेकर कैबिनेट मंत्री कई बार केदारनाथ आ चुके हैं, जो सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं.

उन्होंने कहा कि केदारनाथ आपदा से नगर पंचायत केदारनाथ के 128 व्यापारी आज भी रोजगार को लेकर भटक रहे हैं, जबकि गौरीकुण्ड से केदारनाथ पैदल मार्ग के 120 लोगों को भी रोजगार नहीं मिल पाया है. व्यापारियों के सामने भुखमरी जैसी नौबत आ गयी है. उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कर रही है, दूसरी ओर जो व्यापारी आपदा से प्रभावित हैं उनको पलायन करने पर मजबूर किया जा रहा है.

संयुक्त व्यापार संघ श्री केदारनाथ क्षेत्र गुप्तकाशी के अध्यक्ष प्रेम सिंह सजवाण एवं वरिष्ठ व्यापारी प्रेम प्रकाश जुगरान ने कहा कि आपदा से प्रभावित व्यापारी केदारनाथ में रोजगार को लेकर शासन-प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं. स्थिति यह है कि व्यापारी पलायन करने के लिए मजबूर हो गए हैं. नगर पंचायत केदारनाथ में रजिस्टर्ड पंजीकृत व्यापारियों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है. हर साल यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और उनके लिए रहने और खाने की समस्या उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में इस साल कुंभ भी है, जिसके कारण भारी संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचेंगे.

ये भी पढे़ं: रुद्रप्रयाग के हरिभाई मलवाल स्वरोजगार में कायम की मिसाल, घर पर ही बना रहे कॉपी

उन्होंने कहा कि सरकार को आपदा से प्रभावित व्यापारियों को पुनः बसाने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए. कहा कि सरकार मीडिया के माध्यम से बार-बार प्रभावित व्यापारियों को रोजगार देने की बात कर रही है, मगर आज तक एक भी व्यापारी को रोजगार नहीं दे पायी है. केदारनाथ से लेकर यात्रा पड़ावों में किसी भी प्रभावित व्यापारी को रोजगार नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को नहीं मानी तो वे सरकार के खिलाफ सड़क पर धरना प्रदर्शन करेंगे.

रुद्रप्रयाग : केदारनाथ आपदा से प्रभावित व्यापारियों को सात साल बाद भी रोजगार नहीं मिल पाया है. सरकार की तरफ से व्यापारियों को न दुकानें आवंटित की गई हैं, और न ही जमीन दी जा रही है, जिससे वे हताश और निराश हैं. व्यापारियों के सामने भुखमरी तक की नौबत आ गयी है और वे अब आंदोलन के मूड में नजर आ रहे हैं.

केदारनाथ और पैदल यात्रा पड़ावों के व्यापारियों ने संयुक्त व्यापार संघ श्री केदारनाथ क्षेत्र गुप्तकाशी के अध्यक्ष प्रेम सिंह सजवाण के नेतृत्व में जिलाधिकारी मनुज गोयल से मुलाकात की और अपनी समस्याओं को रखा. व्यापारियों ने कहा कि आपदा को सात साल का समय बीत गया है, लेकिन उन्हें कोई रोजगार नहीं मिल पाया है. तीन बार देश के प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी केदारनाथ आ चुके हैं और उन्हें भी समस्या से अवगत कराया गया था, जबकि मुख्यमंत्री से लेकर कैबिनेट मंत्री कई बार केदारनाथ आ चुके हैं, जो सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं.

उन्होंने कहा कि केदारनाथ आपदा से नगर पंचायत केदारनाथ के 128 व्यापारी आज भी रोजगार को लेकर भटक रहे हैं, जबकि गौरीकुण्ड से केदारनाथ पैदल मार्ग के 120 लोगों को भी रोजगार नहीं मिल पाया है. व्यापारियों के सामने भुखमरी जैसी नौबत आ गयी है. उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कर रही है, दूसरी ओर जो व्यापारी आपदा से प्रभावित हैं उनको पलायन करने पर मजबूर किया जा रहा है.

संयुक्त व्यापार संघ श्री केदारनाथ क्षेत्र गुप्तकाशी के अध्यक्ष प्रेम सिंह सजवाण एवं वरिष्ठ व्यापारी प्रेम प्रकाश जुगरान ने कहा कि आपदा से प्रभावित व्यापारी केदारनाथ में रोजगार को लेकर शासन-प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं. स्थिति यह है कि व्यापारी पलायन करने के लिए मजबूर हो गए हैं. नगर पंचायत केदारनाथ में रजिस्टर्ड पंजीकृत व्यापारियों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है. हर साल यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और उनके लिए रहने और खाने की समस्या उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में इस साल कुंभ भी है, जिसके कारण भारी संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचेंगे.

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उन्होंने कहा कि सरकार को आपदा से प्रभावित व्यापारियों को पुनः बसाने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए. कहा कि सरकार मीडिया के माध्यम से बार-बार प्रभावित व्यापारियों को रोजगार देने की बात कर रही है, मगर आज तक एक भी व्यापारी को रोजगार नहीं दे पायी है. केदारनाथ से लेकर यात्रा पड़ावों में किसी भी प्रभावित व्यापारी को रोजगार नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को नहीं मानी तो वे सरकार के खिलाफ सड़क पर धरना प्रदर्शन करेंगे.

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