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मातबर कंडारी ने भरी हुंकार, कहा- बेटा नहीं, मैं लड़ूंगा रुद्रप्रयाग से चुनाव - Former cabinet minister Matbar Singh Kandari in Rudraprayag

पूर्व काबीना मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने कहा आगामी विधानसभा चुनाव में वे रुद्रप्रयाग से चुनाव लड़ेंगे. बेटे को लेकर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा राजीव कंडारी का रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है. कुछ लोग केवल इस बारे में दुष्प्रचार कर रहे हैं.

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पूर्व काबीना मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने भरी हुंकार
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Published : Sep 3, 2021, 6:39 PM IST

रुद्रप्रयाग: पूर्व काबीना मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने कहा कि रुद्रप्रयाग जिले में कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि उनका बेटा रुद्रप्रयाग विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है. ये लोग अफवाहें फैलाकर लोगों के मन में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. इन लोगों से जनता को सावधान रहने की जरूरत है. रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के विकास को लेकर लम्बे समय से संघर्ष किया जा रहा है, जो विकास कार्य पूर्व में नहीं हो पाये हैं, उनको आगे बढ़ाने का कार्य भविष्य में किया जायेगा.

रुद्रप्रयाग में पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सिंचाई मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने कहा रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र का उन्होंने दो बार प्रतिनिधित्व किया है. आज भी जनता उनके किये हुए कार्यों से काफी खुश है. उनके बाद डाॅ. हरक सिंह रावत और भरत सिंह चौधरी रुद्रप्रयाग से विधायक बने, लेकिन दोनों ही नेताओं ने कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया, जिसे जनता याद रख सके. ये दोनों ही नेता अपनी उपलब्धियों को जनता के सामने रखें, दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा.

पूर्व काबीना मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने भरी हुंकार

पढ़ें- श्रीनगर को जन आशीर्वाद: CM धामी ने दी नगर निगम की सौगात

उन्होंने कहा उनकी लोकप्रियता आज भी जनता के बीच है. रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र की जनता उन्हें फिर से विधायक देखना चाहती है. ऐसे में कुछ लोग बौखलाए हुए हैं और दुष्प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा राजीव कंडारी का रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है. 2027 में घनसाली विधानसभा सीट सामान्य होने पर राजीव चुनाव लड़ेगा. 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट मिलने पर वे स्वयं चुनाव लड़ेंगे. अगर टिकट नहीं मिला तो चुनाव भी नहीं लड़ेंगे.

पढ़ें- कांग्रेस ने खटीमा से शुरू की परिवर्तन यात्रा, BJP को सत्ता से उखाड़ फेंकने का संकल्प

उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं मैं बूढ़ा हो गया हूं. मैं उन्हें यह बताना चहता हूं कि मैं बूढ़ा जरूर हो गया हूं, लेकिन मुझमें आज भी 25 वर्ष के उम्र के युवा के समान जोश है. कंडारी ने कहा जो सड़कें उनके कार्यकाल में स्वीकृत हुई हैं, उनके नाम परिवर्तन कर कार्य को आगे बढ़ाया गया. डाॅ. हरक सिंह रावत और भरत सिंह चौधरी का कार्यकाल शून्य रहा है. उन्होंने कहा जिले में जड़ी-बूटी, लेमनग्रास के क्षेत्र में कार्य किया जाना चाहिए. इससे रोजगार की संभावनाओं को तलाशा जा सकता है. कपास की खेती से लोगों को रोजगार दिया जा सकता है. पहाड़ी क्षेत्रों में महिलाएं पीठ पर बोझा ढोने को मजबूर हैं. महिलाओं के लिए सिलाई, बुनाई के साथ अन्य हल्का कार्य दिया जाना चाहिए. जिससे वे अपनी आजीविका को चला सकें.

रुद्रप्रयाग: पूर्व काबीना मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने कहा कि रुद्रप्रयाग जिले में कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि उनका बेटा रुद्रप्रयाग विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है. ये लोग अफवाहें फैलाकर लोगों के मन में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. इन लोगों से जनता को सावधान रहने की जरूरत है. रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के विकास को लेकर लम्बे समय से संघर्ष किया जा रहा है, जो विकास कार्य पूर्व में नहीं हो पाये हैं, उनको आगे बढ़ाने का कार्य भविष्य में किया जायेगा.

रुद्रप्रयाग में पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सिंचाई मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने कहा रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र का उन्होंने दो बार प्रतिनिधित्व किया है. आज भी जनता उनके किये हुए कार्यों से काफी खुश है. उनके बाद डाॅ. हरक सिंह रावत और भरत सिंह चौधरी रुद्रप्रयाग से विधायक बने, लेकिन दोनों ही नेताओं ने कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया, जिसे जनता याद रख सके. ये दोनों ही नेता अपनी उपलब्धियों को जनता के सामने रखें, दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा.

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उन्होंने कहा उनकी लोकप्रियता आज भी जनता के बीच है. रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र की जनता उन्हें फिर से विधायक देखना चाहती है. ऐसे में कुछ लोग बौखलाए हुए हैं और दुष्प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा राजीव कंडारी का रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है. 2027 में घनसाली विधानसभा सीट सामान्य होने पर राजीव चुनाव लड़ेगा. 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट मिलने पर वे स्वयं चुनाव लड़ेंगे. अगर टिकट नहीं मिला तो चुनाव भी नहीं लड़ेंगे.

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उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं मैं बूढ़ा हो गया हूं. मैं उन्हें यह बताना चहता हूं कि मैं बूढ़ा जरूर हो गया हूं, लेकिन मुझमें आज भी 25 वर्ष के उम्र के युवा के समान जोश है. कंडारी ने कहा जो सड़कें उनके कार्यकाल में स्वीकृत हुई हैं, उनके नाम परिवर्तन कर कार्य को आगे बढ़ाया गया. डाॅ. हरक सिंह रावत और भरत सिंह चौधरी का कार्यकाल शून्य रहा है. उन्होंने कहा जिले में जड़ी-बूटी, लेमनग्रास के क्षेत्र में कार्य किया जाना चाहिए. इससे रोजगार की संभावनाओं को तलाशा जा सकता है. कपास की खेती से लोगों को रोजगार दिया जा सकता है. पहाड़ी क्षेत्रों में महिलाएं पीठ पर बोझा ढोने को मजबूर हैं. महिलाओं के लिए सिलाई, बुनाई के साथ अन्य हल्का कार्य दिया जाना चाहिए. जिससे वे अपनी आजीविका को चला सकें.

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