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'बम बम भोले, हर-हर महादेव' के जयकारों से गूंजा केदारनाथ धाम, कोटेश्वर मंदिर में उमड़ी भीड़

आज से पहाड़ों में सावन शुरू हो गया है, ऐसे में अब काफी संख्या में स्थानीय लोग भी केदारनाथ के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. चारो ओर खिली हरियाली के बीच अब केदारनाथ धाम की सुंदरता भी बढ़ गई है. अभी तक 11 लाख 60 हजार से ज्यादा भक्त केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं. वहीं, रुद्रप्रयाग के कोटेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी हुई है. मान्यता है कि कोटेश्वर स्थित गुफा में भगवान शिव ने साधना की थी.

Sawan Ke Somwar 2023
केदारनाथ धाम
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Published : Jul 17, 2023, 5:32 PM IST

Updated : Jul 17, 2023, 6:26 PM IST

'हर-हर महादेव' के जयकारों से गूंजा केदारनाथ धाम

रुद्रप्रयागः पहाड़ों में सावन मास के पहले सोमवार पर केदारनाथ धाम समेत विभिन्न शिवालय बम-बम भोले के जयकारे गूंज उठे. कई मंदिर और शिवालयों में भक्तों को जलाभिषेक के लिए लंबी लाइनें लगानी पड़ी. भक्तों ने मंदिरों में पहुंचकर पूजा अर्चना एवं बेलपत्र अर्पित कर भगवान शिव से खुशहाली की कामना की. केदारनाथ धाम में मौसम साफ होते ही यात्रियों की संख्या में भी इजाफा होने लगा है.

बता दें कि केदारनाथ में लगातार बारिश के बाद मौसम साफ नजर आ रहा है. हालांकि, पहाड़ों में रात के समय तेज बारिश हो रही है, लेकिन दिन में चटक धूप खिल रही है. मौसम साफ होने पर केदारनाथ धाम आने वाले यात्रियों की संख्या फिर से बढ़ने लगी है. करीब चार से पांच हजार के बीच यात्री हर रोज केदारनाथ जा रहे हैं. कांवड़ यात्रा अब कम हो गई है, लेकिन देश विदेश के तीर्थ यात्रियों के अलावा स्थानीय लोग सावन माह में बाबा केदार का जलाभिषेक करने के लिए पहुंच रहे हैं.

kedarnath temple
केदारनाथ में उमड़ी भीड़

केदारनाथ की निखरी खूबसूरतीः केदारनाथ धाम 'बम बम भोले, हर-हर महादेव' के जयकारों से गुंजायमान है. धाम में भक्तों की खूब चहल कदमी हो रही है. बाबा केदार के दर्शनों के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगी हुई है. अभी तक 11 लाख 60 हजार से ज्यादा भक्त केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं. बारिश के बाद केदारनाथ की खूबसूरती और निखर गई है. फिलहाल, धूप खिलते ही कोहरा भी छंट गया है. हालांकि, मौसम विभाग ने कल से 21 जुलाई तक बारिश का अलर्ट जारी किया है.
ये भी पढ़ेंः केदारनाथ मंदिर गर्भगृह में Mobile-Camera बैन, कपड़ों पर भी लिया गया कड़ा फैसला

कोटेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ी भीड़ः कोटेश्वर महादेव मंदिर में सुबह चार बजे से भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी. भक्तों ने अलकनंदा तट पर स्नान कर कोटेश्वर महादेव का पूजा अर्चना के बाद जलाभिषेक किया. साथ ही भगवान से मनौतियां भी मांगी. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर पर्याप्त पुलिस बल, महिला पुलिस बल, जल पुलिस, एसडीआरएफ की टीम आपदा राहत बचाव उपकरणों व बोट समेत मौजूद रही.

ये मनोकामनाएं होती हैं पूरीः रुद्रप्रयाग के कोटेश्वर महादेव मंदिर के महंत शिवानंद गिरी महाराज ने बताया कि कोटेश्वर में संपूर्ण भूमि भगवान शिव की है. सालभर मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खुले रहते हैं, जिससे भक्तजन आसानी से दर्शन कर लेते हैं. तल्लानागपुर के साथ ही पूरे जनपदवासियों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी है. निसंतान दंपतियों को यहां फल की प्राप्ति होती है. मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से आता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी हो जाती है.

koteshwar mahadev mandir
कोटेश्वर महादेव मंदिर

इन शिव मंदिरों में उमड़ी भीड़ः वहीं, केदारनाथ में भी देश विदेश भक्तों ने भोले बाबा का जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की. बेलपत्र, ब्रह्मकमल भगवान को अर्पित किए गए. उधर, द्वितीय केदार मद्महेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में भी भक्तों की भीड़ उमड़ी रही. रुद्रप्रयाग स्थित रुद्रनाथ मंदिर, पुंडेश्वर महादेव, सूर्यप्रयाग, विश्वनाथ, रुच्छ महादेव, ओंकारेश्वर उखीमठ, तुंगेश्वर महादेव समेत अन्य शिवालयों में भक्तों की लाइन नजर आई. भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो गया.
ये भी पढ़ेंः सावन के सोमवार पर मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, हरेला पर किया पौधरोपण

14 वीं शताब्दी में हुआ कोटेश्वर महादेव मंदिर का निर्माणः कोटेश्वर मंदिर हिंदुओं का प्राचीन मंदिर है. कोटेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. इस मंदिर का निर्माण 14 वीं शताब्दी में किया गया था. इसके बाद 16 वीं और 17 वीं शताब्दी में मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था. चारधाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय लोग इस मंदिर में दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में भक्त आते हैं.

koteshwar mahadev mandir
जल अर्पित करती युवती

भगवान शिव ने की थी साधनाः मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने केदारनाथ जाते समय कोटेश्वर मंदिर में स्थित गुफा में साधना की थी. गुफा के अंदर मौजूद प्राकृतिक रूप से बनी मूर्तियां और शिवलिंग यहां प्राचीन काल से ही स्थापित है. मंदिर की विशेषता यह है कि यहां कण-कण में भगवान शिव विराजमान हैं. यहां हजारों की संख्या में शिवलिंग है.

गुफा में विराजमान है स्वयंभू लिंगः अलकनंदा नदी के तट पर एक गुफा है, जहां भगवान स्वयंभू लिंग में विराजमान है. इसी गुफा मंदिर में भक्तजन सालभर दर्शन के लिए पहुंचते हैं. सावन मास में इसका विशेष महत्व और भी बढ़ जाता है. इसके अलावा यहां पर गणेश, हनुमान, शनिदेव के मंदिर भी स्थित है.

'हर-हर महादेव' के जयकारों से गूंजा केदारनाथ धाम

रुद्रप्रयागः पहाड़ों में सावन मास के पहले सोमवार पर केदारनाथ धाम समेत विभिन्न शिवालय बम-बम भोले के जयकारे गूंज उठे. कई मंदिर और शिवालयों में भक्तों को जलाभिषेक के लिए लंबी लाइनें लगानी पड़ी. भक्तों ने मंदिरों में पहुंचकर पूजा अर्चना एवं बेलपत्र अर्पित कर भगवान शिव से खुशहाली की कामना की. केदारनाथ धाम में मौसम साफ होते ही यात्रियों की संख्या में भी इजाफा होने लगा है.

बता दें कि केदारनाथ में लगातार बारिश के बाद मौसम साफ नजर आ रहा है. हालांकि, पहाड़ों में रात के समय तेज बारिश हो रही है, लेकिन दिन में चटक धूप खिल रही है. मौसम साफ होने पर केदारनाथ धाम आने वाले यात्रियों की संख्या फिर से बढ़ने लगी है. करीब चार से पांच हजार के बीच यात्री हर रोज केदारनाथ जा रहे हैं. कांवड़ यात्रा अब कम हो गई है, लेकिन देश विदेश के तीर्थ यात्रियों के अलावा स्थानीय लोग सावन माह में बाबा केदार का जलाभिषेक करने के लिए पहुंच रहे हैं.

kedarnath temple
केदारनाथ में उमड़ी भीड़

केदारनाथ की निखरी खूबसूरतीः केदारनाथ धाम 'बम बम भोले, हर-हर महादेव' के जयकारों से गुंजायमान है. धाम में भक्तों की खूब चहल कदमी हो रही है. बाबा केदार के दर्शनों के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगी हुई है. अभी तक 11 लाख 60 हजार से ज्यादा भक्त केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं. बारिश के बाद केदारनाथ की खूबसूरती और निखर गई है. फिलहाल, धूप खिलते ही कोहरा भी छंट गया है. हालांकि, मौसम विभाग ने कल से 21 जुलाई तक बारिश का अलर्ट जारी किया है.
ये भी पढ़ेंः केदारनाथ मंदिर गर्भगृह में Mobile-Camera बैन, कपड़ों पर भी लिया गया कड़ा फैसला

कोटेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ी भीड़ः कोटेश्वर महादेव मंदिर में सुबह चार बजे से भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी. भक्तों ने अलकनंदा तट पर स्नान कर कोटेश्वर महादेव का पूजा अर्चना के बाद जलाभिषेक किया. साथ ही भगवान से मनौतियां भी मांगी. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर पर्याप्त पुलिस बल, महिला पुलिस बल, जल पुलिस, एसडीआरएफ की टीम आपदा राहत बचाव उपकरणों व बोट समेत मौजूद रही.

ये मनोकामनाएं होती हैं पूरीः रुद्रप्रयाग के कोटेश्वर महादेव मंदिर के महंत शिवानंद गिरी महाराज ने बताया कि कोटेश्वर में संपूर्ण भूमि भगवान शिव की है. सालभर मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खुले रहते हैं, जिससे भक्तजन आसानी से दर्शन कर लेते हैं. तल्लानागपुर के साथ ही पूरे जनपदवासियों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी है. निसंतान दंपतियों को यहां फल की प्राप्ति होती है. मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से आता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी हो जाती है.

koteshwar mahadev mandir
कोटेश्वर महादेव मंदिर

इन शिव मंदिरों में उमड़ी भीड़ः वहीं, केदारनाथ में भी देश विदेश भक्तों ने भोले बाबा का जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की. बेलपत्र, ब्रह्मकमल भगवान को अर्पित किए गए. उधर, द्वितीय केदार मद्महेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में भी भक्तों की भीड़ उमड़ी रही. रुद्रप्रयाग स्थित रुद्रनाथ मंदिर, पुंडेश्वर महादेव, सूर्यप्रयाग, विश्वनाथ, रुच्छ महादेव, ओंकारेश्वर उखीमठ, तुंगेश्वर महादेव समेत अन्य शिवालयों में भक्तों की लाइन नजर आई. भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो गया.
ये भी पढ़ेंः सावन के सोमवार पर मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, हरेला पर किया पौधरोपण

14 वीं शताब्दी में हुआ कोटेश्वर महादेव मंदिर का निर्माणः कोटेश्वर मंदिर हिंदुओं का प्राचीन मंदिर है. कोटेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. इस मंदिर का निर्माण 14 वीं शताब्दी में किया गया था. इसके बाद 16 वीं और 17 वीं शताब्दी में मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था. चारधाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय लोग इस मंदिर में दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में भक्त आते हैं.

koteshwar mahadev mandir
जल अर्पित करती युवती

भगवान शिव ने की थी साधनाः मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने केदारनाथ जाते समय कोटेश्वर मंदिर में स्थित गुफा में साधना की थी. गुफा के अंदर मौजूद प्राकृतिक रूप से बनी मूर्तियां और शिवलिंग यहां प्राचीन काल से ही स्थापित है. मंदिर की विशेषता यह है कि यहां कण-कण में भगवान शिव विराजमान हैं. यहां हजारों की संख्या में शिवलिंग है.

गुफा में विराजमान है स्वयंभू लिंगः अलकनंदा नदी के तट पर एक गुफा है, जहां भगवान स्वयंभू लिंग में विराजमान है. इसी गुफा मंदिर में भक्तजन सालभर दर्शन के लिए पहुंचते हैं. सावन मास में इसका विशेष महत्व और भी बढ़ जाता है. इसके अलावा यहां पर गणेश, हनुमान, शनिदेव के मंदिर भी स्थित है.

Last Updated : Jul 17, 2023, 6:26 PM IST
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