रुद्रप्रयाग: द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंची. सोमवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली विभिन्न यात्रा पड़ावों से होते हुए अपने धाम पहुंचेगी. जहां परम्परा अनुसार वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान मदमहेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगे. लाॅकडाउन होने के कारण प्रशासन द्वारा निर्धारित देव स्थानम बोर्ड के अधिकारी व हक-हकूकधारी ही डोली के साथ चल रहे हैं.
भगवती राकेश्वरी मंदिर रांसी में प्रधान पुजारी गंगाधर लिंग ने पंचाग पूजन के तहत तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं का आह्वान किया और भगवती राकेश्वरी व भगवान मदमहेश्वर का महाभिषेक कर आरती उतारी. भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को डोली में विराजमान कर विशेष श्रृंगार किया गया. इसके बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ने राकेश्वरी मन्दिर की परिक्रमा की और डोली यात्रा गौडार गांव के लिए रवाना हुई.
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भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के गौडार गांव के ग्रामीणों ने परम्परा अनुसार सादगी से डोली का स्वागत किया और अर्घ्य लगाकर मनौती मांगी. सोमवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ब्रह्म बेला पर गौडार गांव से रवाना होगी और डोली के धाम पहुंचने पर लग्नानुसार भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोल दिये जायेंगे.