रुद्रप्रयाग: द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली सैकड़ों भक्तों की जयकारों , स्थानीय वाध्य यंत्रों की मधुर धुनों के साथ अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गांव पहुंची. सोमवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ब्रह्म बेला पर गौण्डार गांव से प्रस्थान करेगी. जिसके बाद विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए मदमहेश्वर धाम पहुंचेगी. भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर भगवान मदमहेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओ की मौजूदगी में ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगे.
रविवार को ब्रह्म बेला मदमहेश्वर धाम के प्रधान पुजारी बागेश लिंग ने राकेश्वरी मन्दिर रांसी में पंचाग पूजन के तहत भगवान मदमहेश्वर, भगवती राकेश्वरी सहित तैतीस कोटि देवी - देवताओं का आह्वान कर आरती उतारी. ठीक आठ बजे प्रातः भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मन्दिर से गौण्डार गांव के लिए रवाना हुई. सैकड़ों भक्तों की जयकारों से सम्पूर्ण भूभाग गुजायमान हो उठा. भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ने राकेश्वरी मन्दिर की तीन परिक्रमा की तथा ग्रामीणों ने भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली पर लाल - पीले वस्त्र अर्पित कर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की. प्रधान रांसी कुन्ती देवी के नेतृत्व में महिलाओं ने भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली को अकतोली तक पौराणिक जागरों के गायन के साथ विदा किया.
भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के गौण्डार गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने अनेक प्रकार की पूजा सामग्रियों से अर्ध्य लगाकर मनौती मांगी. सोमवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली बनातोली, खटारा नानौ,मैखम्भा, कूनचट्टी यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए मदमहेश्वर धाम पहुंचेगी. डोली के धाम पहुंचने पर भगवान मदमहेश्वर के कपाट लगभग 11 बजे वेद ऋचाओं के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे. डोली प्रभारी दीपक पंवार ने बताया विभिन्न क्षेत्रों के 107 श्रद्धालु भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली की अगुवाई कर रहे हैं. मदमहेश्वर यात्रा पड़ावों पर तीर्थ यात्रियों के आवागमन से रौनक लौटने लगी है.