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भगवान मद्महेश्वर की डोली ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान, मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम

भगवान मद्महेश्वर की डोली के कैलाश से ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंच गई है. अब शीतकाल में भगवान मद्महेश्वर के दर्शन ऊखीमठ में होंगे. कल से भगवान मद्महेश्वर की शीतकालीन पूजा विधिवत शुरू होगी. उधर, तीन दिवसीय मद्महेश्वर मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही.

Madmaheshwar Doli Reach Omkareshwar temple
भगवान मद्महेश्वर की डोली ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान
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Published : Nov 21, 2022, 5:20 PM IST

Updated : Nov 21, 2022, 5:29 PM IST

रुद्रप्रयागः पंचकेदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली (Lord Madmaheshwar Doli) अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंच गई है. जहां सैकड़ों श्रद्धालुओं की जयकारों और विद्वान आचार्यों के वेद ऋचाओं के साथ डोली मंदिर में विराजमान हो गई है. भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ आगमन पर मंदिर समिति की ओर से ओंकारेश्वर मंदिर को 8 क्विंटल फूलों से सजाया गया. अब मंगलवार से भगवान मद्महेश्वर की शीतकालीन पूजा विधिवत शुरू होगी.

सोमवार को ब्रह्म बेला पर मद्महेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग ने गिरीया गांव में पंचांग पूजन के तहत भगवान मद्महेश्वर समेत 33 कोटि देवी-देवताओं का आव्हान कर आरती उतारी. जिसके बाद निर्धारित समय पर भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गिरीया से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई. भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के फापज, सलामी गांव समेत विभिन्न यात्रा पड़ाव आगमन पर ग्रामीणों ने पुष्प अक्षत्रों से भव्य स्वागत किया और लाल-पीले वस्त्र व विभिन्न पूजा सामग्रियों से अर्घ्य अर्पित कर क्षेत्र के समृद्धि की कामना की.
पढ़ें- धर्मांतरण कानून पर संतों का सरकार को समर्थन, बोले- बस कागजों पर ही न रह जाए नियम

भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के मंगोलचारी पहुंचने पर रावल भीमाशंकर लिंग के प्रतिनिधि प्रधान पुजारी बागेश लिंग, टी गंगाधर लिंग व शिवलिंग ने डोली की अगुवाई की. परंपरा के अनुसार भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली पर सोने का छत्र चढ़ाया गया. ग्रामीणों ने मंगोलचारी, ब्राह्मण खोली, डगवाडी आगमन पर पुष्प वर्षा कर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की. दोपहर दो बजे भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हुई. जहां पर हजारों भक्तों ने डोली के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया. रावल भीमाशंकर लिंग ने मद्महेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग का 6 माह मद्महेश्वर धाम में पूजा करने के संकल्प से मुक्त किया. मंगलवार से भगवान मद्महेश्वर की शीतकालीन पूजा विधि-विधान से शुरू होगी.

ऊखीमठ में तीन दिवसीय मद्महेश्वर मेला जारीः भगवान मद्महेश्वर की डोली के कैलाश से ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ (Omkareshwar temple in Ukhimath) आगमन पर जीआईसी के खेल मैदान में तीन दिवसीय मद्महेश्वर मेले का आयोजन (Madmaheshwar mela Ukhimath) किया गया है. मेले के दूसरे दिन स्थानीय कलाकारों और विभिन्न विद्यालयों के स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी. जिसका दर्शकों ने देर शाम तक लुत्फ उठाया. मंगलवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पुरस्कार वितरण के मद्महेश्वर मेले का समापन होगा. वहीं, केदार घाटी में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 13 लोगों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.

रुद्रप्रयागः पंचकेदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली (Lord Madmaheshwar Doli) अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंच गई है. जहां सैकड़ों श्रद्धालुओं की जयकारों और विद्वान आचार्यों के वेद ऋचाओं के साथ डोली मंदिर में विराजमान हो गई है. भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ आगमन पर मंदिर समिति की ओर से ओंकारेश्वर मंदिर को 8 क्विंटल फूलों से सजाया गया. अब मंगलवार से भगवान मद्महेश्वर की शीतकालीन पूजा विधिवत शुरू होगी.

सोमवार को ब्रह्म बेला पर मद्महेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग ने गिरीया गांव में पंचांग पूजन के तहत भगवान मद्महेश्वर समेत 33 कोटि देवी-देवताओं का आव्हान कर आरती उतारी. जिसके बाद निर्धारित समय पर भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गिरीया से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई. भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के फापज, सलामी गांव समेत विभिन्न यात्रा पड़ाव आगमन पर ग्रामीणों ने पुष्प अक्षत्रों से भव्य स्वागत किया और लाल-पीले वस्त्र व विभिन्न पूजा सामग्रियों से अर्घ्य अर्पित कर क्षेत्र के समृद्धि की कामना की.
पढ़ें- धर्मांतरण कानून पर संतों का सरकार को समर्थन, बोले- बस कागजों पर ही न रह जाए नियम

भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के मंगोलचारी पहुंचने पर रावल भीमाशंकर लिंग के प्रतिनिधि प्रधान पुजारी बागेश लिंग, टी गंगाधर लिंग व शिवलिंग ने डोली की अगुवाई की. परंपरा के अनुसार भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली पर सोने का छत्र चढ़ाया गया. ग्रामीणों ने मंगोलचारी, ब्राह्मण खोली, डगवाडी आगमन पर पुष्प वर्षा कर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की. दोपहर दो बजे भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हुई. जहां पर हजारों भक्तों ने डोली के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया. रावल भीमाशंकर लिंग ने मद्महेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग का 6 माह मद्महेश्वर धाम में पूजा करने के संकल्प से मुक्त किया. मंगलवार से भगवान मद्महेश्वर की शीतकालीन पूजा विधि-विधान से शुरू होगी.

ऊखीमठ में तीन दिवसीय मद्महेश्वर मेला जारीः भगवान मद्महेश्वर की डोली के कैलाश से ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ (Omkareshwar temple in Ukhimath) आगमन पर जीआईसी के खेल मैदान में तीन दिवसीय मद्महेश्वर मेले का आयोजन (Madmaheshwar mela Ukhimath) किया गया है. मेले के दूसरे दिन स्थानीय कलाकारों और विभिन्न विद्यालयों के स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी. जिसका दर्शकों ने देर शाम तक लुत्फ उठाया. मंगलवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पुरस्कार वितरण के मद्महेश्वर मेले का समापन होगा. वहीं, केदार घाटी में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 13 लोगों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.

Last Updated : Nov 21, 2022, 5:29 PM IST
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