रुद्रप्रयाग: केदारनाथ के रक्षक के रूप में पूजे जाने वाले भगवान भैरवनाथ के कपाट मंगलवार को पौराणिक रीति-रिवाजों के साथ शीतकाल के छह माह के लिए बंद किए जायेंगे. केदारनाथ के कपाट बंद होने से पहले मंगलवार व शनिवार को भैरवनाथ के कपाट बंद होने की परम्परा है. वहीं चारधाम देवास्थानम बोर्ड की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान भैरवनाथ के कपाट पौराणिक रीति-रिवाजों के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. बता दें कि भैरवनाथ को भगवान केदारनाथ के क्षेत्र रक्षक के रूप में पूजा जाता है. केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद एवं कपाट बंद होने से पहले जो भी पहला मंगलवार व शनिवार आता है, उसी दिन भैरवनाथ के कपाट खोले व बंद होने की परम्परा है. ये परंपरा केदारनाथ में सदियों से चली आ रही है.
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इस वर्ष दो नवम्बर यानी मंगलवार को ठीक 11 बजे भैरवनाथ के कपाट बंद किये जायेंगे. इसके बाद शीतकाल के छह माह के लिए भैरवनाथ के कपाट बंद रहेंगे. भैरवनाथ के कपाट बंद करने को लेकर चारधाम देवास्थानम बोर्ड की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर पुष्वाण ने बताया कि मंगलवार को विशेष पूजा-अर्चना और भोग लगाने के बाद भैरवनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. देवस्थानम बोर्ड कपाट बंद करने को लेकर तैयारियों में जुट गया है.