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छोटी सी उम्र में SOCIAL MEDIA पर छाए अक्षज, इनकी खूबी जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान

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Published : Dec 7, 2020, 5:22 PM IST

यूं तो आपने कई किस्से सुने होंगे. कुछ अनोखे तो कुछ खास. लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं एक छोटे से बच्चे की जिसे क्रिकेट का इतना ज्ञान है कि आप भी उसके इस प्रतिभा को देखकर हैरान हो जाएंगे.

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अक्षत ने अपनी जानकारी से किया सबको हैरान

रुद्रप्रयाग: कहते हैं अगर मन में कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता. ऐसा ही कुछ साबित कर रहे हैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े-बड़े क्रिकेट पंडितों को अपनी टिप्पणी करने के लिए मजबूर कर रहे अक्षज त्रिपाठी और उनका परिवार. आइये जानें किस तरह से ये देश में अपना नाम कमा रहे हैं.

पढ़ें- चौकीदार को मिला बहादुरी का इनाम, चोर को पकड़वाने में की थी मदद

दरअसल, रुद्रप्रयाग के अक्षज त्रिपाठी इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब छाए हुए हैं. नन्हें खिलाड़ी के गेंदबाजी के वीडियो को अब तक एक करोड़ से अधिक लोग देख चुके हैं. खास बात यह है कि इंग्लैंड के पूर्व विकेट कीपर एवं बल्लेबाज व कोच पॉल एंड्रयू निक्सन ने भी वीडियो पर सकारात्मक टिप्पणी की है. उन्होंने अक्षज के बॉलिंग एक्शन व दौड़ने को लेकर कुछ और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करने की बात कही है.

बता दें कि जिस उम्र में बच्चे अपना नाम तक ठीक ढंग से उच्चारित नहीं कर पाते हैं, उस उम्र में जनपद के विकासखण्ड अगस्त्यमुनि के चोपड़ा ग्राम पंचायत के अक्षज त्रिपाठी क्रिकेट की उन बारीकियों पर बड़े प्रोफेशनल की तरह बाते करते हैं. अक्षज को पता है कि कवर ड्राइव और स्टेट ड्राइव में क्या अंतर है. इग्लैंड के क्रिकेटर पॉल निक्सन की अपनी बॉलिंग एक्शन पर कही गई टिप्पणी के बाद अक्षज लगातार अपनी बॉलिंग की धार में सुधार के लिए संजीदा भी हो गये हैं.

अक्षज की माता रेखा डंगवाल जहां पेशे से इंजीनियर है, वहीं एक उम्दा साहित्य प्रेमी भी हैं. यही कारण है कि जहां आम गृहणियां अपने बच्चों को लोरी सुनाकर चुप कराती हैं तो वहीं रेखा डंगवाल अपने 6 और 3 साल के दोनों बच्चों को बड़े-बड़े साहित्यकारों की कविताएं सुनाकर उन्हें साथ-साथ गुनगुनाने के लिए भी प्रेरित करती हैं.

जहां एक ओर अक्षज क्रिकेट के दीवाने हैं तो वहीं दूसरी ओर चित्रांकन भी उनका पसंदीदा शौक है. वैज्ञानिक, क्रिकेटर और साहित्य प्रेमी पिता भी बच्चों को उनकी प्रतिभा निखारने में पीछे नहीं हैं. यह दम्पति बच्चों को आम माता- पिता की तरह किसी भी काम को करने में रोक-टोक करने के बजाय बड़ी संजीदगी के साथ में बच्चों के साथ उनके साथी बन जाते हैं.

सोशल मीडिया पर एक करोड़ से अधिक व्यूज और लाइक मिलने के बाद दिग्गज क्रिकेटरों से मिल रहे टिप्स पर अब अक्षज अपनी बॉलिंग पर ध्यान देने लगे हैं. अक्षज के पिता डीपी त्रिपाठी बताते हैं कि आज कल लगातार प्रिन्ट और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर दिए जा रहे इंटरव्यू से ही उन्हें पता चल रहा है कि अक्षज को क्रिकेट की कितनी समझ है

रुद्रप्रयाग: कहते हैं अगर मन में कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता. ऐसा ही कुछ साबित कर रहे हैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े-बड़े क्रिकेट पंडितों को अपनी टिप्पणी करने के लिए मजबूर कर रहे अक्षज त्रिपाठी और उनका परिवार. आइये जानें किस तरह से ये देश में अपना नाम कमा रहे हैं.

पढ़ें- चौकीदार को मिला बहादुरी का इनाम, चोर को पकड़वाने में की थी मदद

दरअसल, रुद्रप्रयाग के अक्षज त्रिपाठी इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब छाए हुए हैं. नन्हें खिलाड़ी के गेंदबाजी के वीडियो को अब तक एक करोड़ से अधिक लोग देख चुके हैं. खास बात यह है कि इंग्लैंड के पूर्व विकेट कीपर एवं बल्लेबाज व कोच पॉल एंड्रयू निक्सन ने भी वीडियो पर सकारात्मक टिप्पणी की है. उन्होंने अक्षज के बॉलिंग एक्शन व दौड़ने को लेकर कुछ और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करने की बात कही है.

बता दें कि जिस उम्र में बच्चे अपना नाम तक ठीक ढंग से उच्चारित नहीं कर पाते हैं, उस उम्र में जनपद के विकासखण्ड अगस्त्यमुनि के चोपड़ा ग्राम पंचायत के अक्षज त्रिपाठी क्रिकेट की उन बारीकियों पर बड़े प्रोफेशनल की तरह बाते करते हैं. अक्षज को पता है कि कवर ड्राइव और स्टेट ड्राइव में क्या अंतर है. इग्लैंड के क्रिकेटर पॉल निक्सन की अपनी बॉलिंग एक्शन पर कही गई टिप्पणी के बाद अक्षज लगातार अपनी बॉलिंग की धार में सुधार के लिए संजीदा भी हो गये हैं.

अक्षज की माता रेखा डंगवाल जहां पेशे से इंजीनियर है, वहीं एक उम्दा साहित्य प्रेमी भी हैं. यही कारण है कि जहां आम गृहणियां अपने बच्चों को लोरी सुनाकर चुप कराती हैं तो वहीं रेखा डंगवाल अपने 6 और 3 साल के दोनों बच्चों को बड़े-बड़े साहित्यकारों की कविताएं सुनाकर उन्हें साथ-साथ गुनगुनाने के लिए भी प्रेरित करती हैं.

जहां एक ओर अक्षज क्रिकेट के दीवाने हैं तो वहीं दूसरी ओर चित्रांकन भी उनका पसंदीदा शौक है. वैज्ञानिक, क्रिकेटर और साहित्य प्रेमी पिता भी बच्चों को उनकी प्रतिभा निखारने में पीछे नहीं हैं. यह दम्पति बच्चों को आम माता- पिता की तरह किसी भी काम को करने में रोक-टोक करने के बजाय बड़ी संजीदगी के साथ में बच्चों के साथ उनके साथी बन जाते हैं.

सोशल मीडिया पर एक करोड़ से अधिक व्यूज और लाइक मिलने के बाद दिग्गज क्रिकेटरों से मिल रहे टिप्स पर अब अक्षज अपनी बॉलिंग पर ध्यान देने लगे हैं. अक्षज के पिता डीपी त्रिपाठी बताते हैं कि आज कल लगातार प्रिन्ट और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर दिए जा रहे इंटरव्यू से ही उन्हें पता चल रहा है कि अक्षज को क्रिकेट की कितनी समझ है

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