रुद्रप्रयाग: कोरोना महामारी के बाद अब बरसाती मौसम ने केदारनाथ यात्रा को प्रभावित कर दिया है. पहले केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 400 से 500 की संख्या में तीर्थ यात्री पहुंच रहे थे, लेकिन अब 50 से 100 के करीब ही यात्री धाम पहुंच पा रहे हैं. केदारनाथ यात्रा पर अब तक 9 हजार तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश ने यात्रा पर बुरा असर डाल दिया है.
दरअसल, केदारघाटी में हर दिन मूसलाधार बारिश हो रही है. जिसके चलते केदार यात्रा प्रभावित हो रही है. केदारनाथ हाईवे हर दिन बांसबाड़ा और भीरी में मलबा आने से बंद हो रहा है. जिसे खोलने में विभाग को घंटों का समय लग रहा है. वहीं बीते सोमवार को बंद पड़े मार्ग को खोलने में विभाग को तीन दिन का समय लग गया. जिसके बाद गुरुवार सुबह फिर से राजमार्ग बंद हो गया. जिसे खोलने में एनएच विभाग को शाम हो गई.
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राजमार्ग की खस्ता हालत होने से केदार यात्रा पर बुरा असर देखने को मिल रहा है. बारिश के कारण जन जीवन भी प्रभावित होने लगा है. इसके साथ ही 11वें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ और तृतीय केदार भगवान तुुंगनाथ की यात्रा भी प्रभावित हो रही है. वहीं, गौरीकुंड से केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग भी जगह-जगह फिसलन से भरा हुआ है. रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक राष्ट्रीय राजमार्ग जानलेवा बना हुआ है. ऑल वैदर कार्य के बाद हाईवे की बुरी दशा हो चुकी है. हाईवे पर कई डेंजर जोन उभर आए हैं, जो इस बरसात में मुसीबत पैदा कर रहे हैं.
पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने कहा कि बरसाती सीजन के कारण यात्रा पर बुरा असर पड़ा है. तीन-चार दिन से राजमार्ग के अवरुद्ध होने के कारण तीर्थयात्री कम आ रहे हैं. जिले के 22 डेंजर स्थलों का चयन किया गया है, जहां पर किसी भी समय भूस्खलन हो सकता है. ऐसे स्थलों पर पुलिस भी नजर बनाए हुए है. जिससे कोई भी समस्या होने पर विभागों को अवगत करके शीघ्र ही मार्ग को खुलवाया जा सके.