उत्तरकाशी/ रुद्रप्रयाग/रामनगर/काशीपुर: दो दिनों तक लगातार हुई बारिश का असर अब देखने को मिल रहा है. बारिश के बाद आज मौसम साफ होने से केदारनाथ हाईवे की पहाड़ियां जगह-जगह दरकनी शुरू हो गयी हैं. केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह बोल्डर और मलबा आ गया है. जिससे यातायात भी प्रभावित हो गया है. केदारनाथ हाईवे किनारे फाटा में एक सरकारी बिल्डिंग का आधा से ज्यादा हिस्सा भी भूस्खलन की चपेट में आ गया.
केदारनाथ हाईवे की कच्ची पहाड़ियां जगह-जगह दरक गयी हैं. हाईवे पर सुबह से ही जगह-जगह जाम लगा हुआ है. रुद्रप्रयाग के निकट हाईवे पर भारी भरकम पहाड़ी टूटकर आ गयी है, जिससे दोनों ओर से जेसीबी मशीन साफ कर रही हैं. इसके अलावा फाटा सहित अन्य स्थानों पर भी हाईवे बन्द चल रहा है. हाईवे पर यातायात अभी बन्द है.
पढ़ें- गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे मलबा आने से बंद, खोलने का काम जारी
केदारनाथ धाम से आने वाले मंदाकिनी नदी ने भी विकराल रूप धारण कर दिया है. रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र के बेलणी में पुश्ता ढहने से एक दर्जन मकानों को खतरा बना हुआ है. यहां पर प्रशासन की ओर से तिरपाल डालकर लोगों को सुरक्षित किया गया है, जबकि मार्ग पर आये मलबे को साफ किया जा रहा है. इसके अलावा कई जगहों पर मलबा आने पर सफाई की जा रही है.
पढ़ें- कोरोनाकाल में गर्भवतियों के लिए एम्स के चिकित्सकों की सलाह, टीके से ना घबरायें
उत्तरकाशी में भी बीते दिनों हुई बारिश ग्रामीणों के लिए मुसीबत बनकर आई है. जगह-जगह मार्ग क्षतिग्रस्त हैं. वहीं दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों के सामने सम्पर्क मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है. भटवाड़ी विकासखण्ड के सबसे दूरस्थ पिलंग गांव में भिलंगना नदी पर लकड़ी की पुलिया बहने के कारण 8 परिवार जंगल की छानियों में फंस गए हैं. ग्राम प्रधान ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
पढ़ें- चमोली में भारी बारिश से बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग क्षतिग्रस्त, आवागमन ठप
पहाड़ों पर लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश से रामनगर में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ गया है. पिछले 16 अप्रैल को जलस्तर सबसे न्यूनतम 66 क्यूसेक था, जो अब 11,977 पहुंच गया है.
पढ़ें- उत्तराखंड की दो फैक्ट्रियों में बनेगी ब्लैक फंगस की दवा, एम्स ऋषिकेश ने भी कसी कमर
काशीपुर में देर रात बारिश के चलते एक मकान का छज्जा अचानक गिर गया. गनीमत रही कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ. पीड़ित परिवार के द्वारा नुकसान के आकलन के लिए स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना दिए जाने की तैयारी की जा रही है.