रुद्रप्रयाग: कई लोग बेजुबानों की सेवा में आजीवन लगे रहते हैं, उन्हें इस सेवा काम में काफी अच्छा लगता है. वहीं, केदारनाथ धाम में वर्षों से निवास कर रहे ललित महाराज लोगों द्वारा छोड़े बेसहारा गाय और बैलों को अपने आश्रम में आसरा देकर उनकी सेवा करते हैं. इन दिनों ललित महाराज के आश्रम में 40 बैल और 22 गाय हैं, जिनकी देखभाल व स्वयं कर रहे हैं. इन गाय व बैलों को ग्रामीणों ने केदारनाथ के जंगलों में छोड़ा था.
ललित महाराज वर्षों से वर्षभर केदारनाथ धाम में ही रहते हैं. चाहे कितनी बर्फबारी हो या ठंड वह शीतकाल में भी धाम में रहते हैं. इसके अलावा वह यात्रा सीजन में प्रत्येक दिन यात्रियों के लिये भंडारे का आयोजन करते हैं. लाखों लोग प्रत्येक वर्ष भंडारे में शिरकत करते हैं. इन दिनों यात्रा न चलने के कारण ललित महाराज के आश्रम में ही भंडारा चल रहा है. ललित महाराज ने बताया कि जो लोग अपने मवेशियों को छोड़ जाते हैं, वह उन्हें अपनी गौशाला में ठहराते हैं. भटकते-भटकते मवेशी धाम में आ जाते हैं. उन्होंने कहा कि खुद ही गौशाला की साफ सफाई की जाती है.
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पहाड़ों में अक्सर देखा जाता है तो जब गाय दूध देना बंद कर देती है और बैल हल को नहीं खींच पाते हैं तो ग्रामीण इन्हें आवारा छोड़ देते हैं. केदारघाटी के अधिकांश गांवों के लोग बूढ़े हो चुके मवेशियों को केदारनाथ के जंगलों में छोड़ देते हैं. भटकते-भटकते कई मवेशी केदारनाथ धाम में पहुंच जाते हैं. जहां वर्षों से तपस्यारत ललित महाराज इन मवेशियों को अपने आश्रम की गौशाला में रखते हैं और उनकी देख-रेख करते हैं.
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वर्तमान में ललित महाराज की गौशाला में 62 मवेशी हैं, जिनमें 40 बैल और 22 गाय हैं. दिन के समय यह मवेशी केदारनाथ के बुग्यालों में चुगान करते हैं और सांय के समय आश्रम में आ जाते हैं. ललित महाराज ने आपदाग्रस्त टिनशेड में गौशाला बनाई है. जहां इन मवेशियों को रखा जाता हैं.