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रुद्रप्रयाग में मोटरमार्ग पर डामरीकरण उखड़ने से बना हादसे का डर, कब जागेगा महकमा - rudraprayag latest news

पीएमजीएसवाई विभाग की अनदेखी के कारण कोल्लू बैंड-स्वांरी ग्वांस आठ किमी मोटर मार्ग आए दिन हादसों को दावत दे रही है. लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी मार्ग खस्ताहाल है, जो विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठा रहा है.

Rudraprayag
रोड दे रही हादसों को दावत
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Published : Feb 25, 2022, 1:28 PM IST

रुद्रप्रयाग: पीएमजीएसवाई विभाग की अनदेखी के कारण कोल्लू बैंड-स्वांरी ग्वांस आठ किमी मोटर मार्ग जानलेवा बना हुआ है. मोटरमार्ग पर जगह-जगह बने गड्ढे और डामरीकरण उखड़ने से मार्ग पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. विभाग द्वारा मार्ग के तहत रख-रखाव पर प्रति वर्ष लाखों रुपये पानी की तरह बहाये तो जाते हैं, लेकिन रख-रखाव पर व्यय होने वाली धनराशि का धरातलीय क्रियान्वयन न होने से विभागीय कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है.

स्थानीय जनप्रतिनिधियों व जनता ने कई बार विभागीय अधिकारियों से मार्ग के रख-रखाव व उखड़े डामर के फिर से डामरीकरण की गुहार तो लगाई, मगर विभागीय अधिकारी ग्रामीणों की फरियाद नहीं सुन रहे हैं. ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि विभाग ने समय पर मार्ग की सुध नहीं ली तो ग्रामीणों को शासन-प्रशासन व विभाग के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पडे़गा. इसकी पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी. बता दें कि पीएमजीएसवाई का कोल्लू बैंड-स्वांरी ग्वांस मोटर मार्ग निर्माण काल से ही विवादों में रहा है. मार्ग निर्माण के दौरान विभाग द्वारा गुणवत्ता को दरकिनार किया गया, जिसके बाद ग्रामीणों ने डीएम से निर्माण की जांच की मांग की.
पढ़ें-कुमाऊं मंडल में बढ़ रहे भूमि संबंधी धोखाधड़ी के मामले, 7 सालों में सामने आए 500 से ज्यादा केस

तत्कालीन जिलाधिकारी राघव लंगर ने मजिस्ट्रेट जांच तो बिठाई. मगर मजिस्ट्रेट जांच फाइलों तक ही सीमित रही. वर्ष 2019 में विभाग ने मोटर मार्ग के अनुरक्षण पर लाखों रुपये व्यय किये, मगर दिसम्बर माह में व्यय हुए लाखों रुपये का मामला फिर जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंचा. कड़ाके की ठंड में डामरीकरण होने के मामले पर जिला प्रशासन ने आनन-फानन में जांच बिठाई, लेकिन वह जांच भी आज तक फाइलों में धूल फांक रही है.

वर्तमान समय की बात करें तो विभागीय अनदेखी के कारण मार्ग के 70 प्रतिशत हिस्से का डामरीकरण उखड़ने से ग्रामीणों को जान-जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है. क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्जुन सिंह नेगी ने बताया कि विभागीय लापरवाही के कारण मोटर मार्ग जानलेवा बना हुआ है तथा मोटर मार्ग पर बने गड्ढे कभी भी बडे़ हादसे को न्यौता दे सकते हैं. उप प्रधान प्रेम सिंह नेगी ने बताया कि मार्ग पर अधिकांश डामरीकरण उखड़ने से मोटर मार्ग गड्ढों में तब्दील होता जा रहा है.

रुद्रप्रयाग: पीएमजीएसवाई विभाग की अनदेखी के कारण कोल्लू बैंड-स्वांरी ग्वांस आठ किमी मोटर मार्ग जानलेवा बना हुआ है. मोटरमार्ग पर जगह-जगह बने गड्ढे और डामरीकरण उखड़ने से मार्ग पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. विभाग द्वारा मार्ग के तहत रख-रखाव पर प्रति वर्ष लाखों रुपये पानी की तरह बहाये तो जाते हैं, लेकिन रख-रखाव पर व्यय होने वाली धनराशि का धरातलीय क्रियान्वयन न होने से विभागीय कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है.

स्थानीय जनप्रतिनिधियों व जनता ने कई बार विभागीय अधिकारियों से मार्ग के रख-रखाव व उखड़े डामर के फिर से डामरीकरण की गुहार तो लगाई, मगर विभागीय अधिकारी ग्रामीणों की फरियाद नहीं सुन रहे हैं. ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि विभाग ने समय पर मार्ग की सुध नहीं ली तो ग्रामीणों को शासन-प्रशासन व विभाग के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पडे़गा. इसकी पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी. बता दें कि पीएमजीएसवाई का कोल्लू बैंड-स्वांरी ग्वांस मोटर मार्ग निर्माण काल से ही विवादों में रहा है. मार्ग निर्माण के दौरान विभाग द्वारा गुणवत्ता को दरकिनार किया गया, जिसके बाद ग्रामीणों ने डीएम से निर्माण की जांच की मांग की.
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तत्कालीन जिलाधिकारी राघव लंगर ने मजिस्ट्रेट जांच तो बिठाई. मगर मजिस्ट्रेट जांच फाइलों तक ही सीमित रही. वर्ष 2019 में विभाग ने मोटर मार्ग के अनुरक्षण पर लाखों रुपये व्यय किये, मगर दिसम्बर माह में व्यय हुए लाखों रुपये का मामला फिर जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंचा. कड़ाके की ठंड में डामरीकरण होने के मामले पर जिला प्रशासन ने आनन-फानन में जांच बिठाई, लेकिन वह जांच भी आज तक फाइलों में धूल फांक रही है.

वर्तमान समय की बात करें तो विभागीय अनदेखी के कारण मार्ग के 70 प्रतिशत हिस्से का डामरीकरण उखड़ने से ग्रामीणों को जान-जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है. क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्जुन सिंह नेगी ने बताया कि विभागीय लापरवाही के कारण मोटर मार्ग जानलेवा बना हुआ है तथा मोटर मार्ग पर बने गड्ढे कभी भी बडे़ हादसे को न्यौता दे सकते हैं. उप प्रधान प्रेम सिंह नेगी ने बताया कि मार्ग पर अधिकांश डामरीकरण उखड़ने से मोटर मार्ग गड्ढों में तब्दील होता जा रहा है.

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