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देवस्थानम बोर्ड के फैसले का केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने किया विरोध - केदारनाथ न्यूज

केदरानाथ के तीर्थ-पुरोहित अभी यात्रा शुरू करने के पक्ष में नहीं है. उन्होंने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के फैसले का विरोध किया है.

रुद्रप्रयाग
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Published : Jun 30, 2020, 7:11 PM IST

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड ने एक जुलाई से चार धाम यात्रा शुरू करने की अनुतमि तो दी है, लेकिन केदारनाथ धाम तीर्थ पुरोहितों ने बोर्ड के फैसला का विरोध किया है. उन्होंने अपना आक्रोश जताते हुए कहा कि देवस्थानम बोर्ड को अपना ये फैसला वापस लेना चाहिए. अगर बोर्ड ने इस पर विचार नहीं किया तो वे चारधामों में सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे.

तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि यदि श्रद्धालुओं को मंदिर के भीतर गर्भ गृह के दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी तो यात्रा का औचित्य ही क्या है? तीर्थ पुरोहित सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध करते हैं. यही कारण है कि वे पिछले 18 दिनों से देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ अर्धनग्न होकर आंदोलन भी कर रहे हैं.

तीर्थ पुरोहितों ने किया विरोध.

बता दें कि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड की ओर से एक जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने की अनुमति दी गई है. इससे पहले जनपद वासियों के लिए यात्रा पर जाने की अनुमति थी, लेकिन अब राज्य के लोग भी चारधाम यात्रा कर सकेंगे. इसके लिए उन्हें देवस्थानम बोर्ड की गाइड लाइन का पालन करना होगा.

पढ़ें- बड़े पर्दे पर दिखेगी पहाड़ का खूबसूरती, कई फिल्मों की उत्तराखंड में होगी शूटिंग

तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि देश में कोरोना महामारी से लोग भयभीत हैं. ऐसे समय में यात्रा शुरू करना किसी खतरे से खाली नहीं होगा. बोर्ड के गलत फैसलों के कारण केदारघाटी की जनता परेशान है. केदारनाथ में चल रहे निर्माण कार्यों में भी तीर्थ पुरोहितों की राय नहीं ली जा रही है और जब से बोर्ड का गठन हुआ है तब से केदारनाथ मंदिर की व्यवस्थाएं ही चरमरा गई हैं.

बहरहाल, जहां एक तरफ तीर्थ पुरोहित चारधाम यात्रा को शुरू करने के विरोध कर रहे हैं तो वहीं व्यापारी देवस्थानम बोर्ड के इस फैसले से खुश नजर आ रहे हैं. व्यापारियों का कहा है कि कोरोना महामारी के चलते अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. ऐसे में जिले के ज्यादातर लोग केदारनाथ यात्रा पर ही निर्भर हैं. यात्रा शुरू होने से लोगों का रोजगार थोड़ा बहुत पटरी पर आ सकेगा और उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा.

केदारनाथ धाम में व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल ने भी यात्रा मार्ग का दौरा किया था. उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर लिनचौली, भीमबली और केदारनाथ में यात्रियों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था कर दी जायेगी. वर्तमान परिस्थितियों में पांच सौ के करीब ही श्रद्धालुओं के रहने और खाने की उचित व्यवस्था जीएमवीएन में हो सकेगी.

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड ने एक जुलाई से चार धाम यात्रा शुरू करने की अनुतमि तो दी है, लेकिन केदारनाथ धाम तीर्थ पुरोहितों ने बोर्ड के फैसला का विरोध किया है. उन्होंने अपना आक्रोश जताते हुए कहा कि देवस्थानम बोर्ड को अपना ये फैसला वापस लेना चाहिए. अगर बोर्ड ने इस पर विचार नहीं किया तो वे चारधामों में सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे.

तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि यदि श्रद्धालुओं को मंदिर के भीतर गर्भ गृह के दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी तो यात्रा का औचित्य ही क्या है? तीर्थ पुरोहित सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध करते हैं. यही कारण है कि वे पिछले 18 दिनों से देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ अर्धनग्न होकर आंदोलन भी कर रहे हैं.

तीर्थ पुरोहितों ने किया विरोध.

बता दें कि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड की ओर से एक जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने की अनुमति दी गई है. इससे पहले जनपद वासियों के लिए यात्रा पर जाने की अनुमति थी, लेकिन अब राज्य के लोग भी चारधाम यात्रा कर सकेंगे. इसके लिए उन्हें देवस्थानम बोर्ड की गाइड लाइन का पालन करना होगा.

पढ़ें- बड़े पर्दे पर दिखेगी पहाड़ का खूबसूरती, कई फिल्मों की उत्तराखंड में होगी शूटिंग

तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि देश में कोरोना महामारी से लोग भयभीत हैं. ऐसे समय में यात्रा शुरू करना किसी खतरे से खाली नहीं होगा. बोर्ड के गलत फैसलों के कारण केदारघाटी की जनता परेशान है. केदारनाथ में चल रहे निर्माण कार्यों में भी तीर्थ पुरोहितों की राय नहीं ली जा रही है और जब से बोर्ड का गठन हुआ है तब से केदारनाथ मंदिर की व्यवस्थाएं ही चरमरा गई हैं.

बहरहाल, जहां एक तरफ तीर्थ पुरोहित चारधाम यात्रा को शुरू करने के विरोध कर रहे हैं तो वहीं व्यापारी देवस्थानम बोर्ड के इस फैसले से खुश नजर आ रहे हैं. व्यापारियों का कहा है कि कोरोना महामारी के चलते अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. ऐसे में जिले के ज्यादातर लोग केदारनाथ यात्रा पर ही निर्भर हैं. यात्रा शुरू होने से लोगों का रोजगार थोड़ा बहुत पटरी पर आ सकेगा और उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा.

केदारनाथ धाम में व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल ने भी यात्रा मार्ग का दौरा किया था. उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर लिनचौली, भीमबली और केदारनाथ में यात्रियों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था कर दी जायेगी. वर्तमान परिस्थितियों में पांच सौ के करीब ही श्रद्धालुओं के रहने और खाने की उचित व्यवस्था जीएमवीएन में हो सकेगी.

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