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पिछले सात दिनों से बंद केदारनाथ नेशनल हाईवे, 12 लिंक मार्गों की भी यही स्थिति

केदारनाथ-ऋषिकेश हाईवे को केदारघाटी की लाइफ लाइन कहा जाता है. इसके बंद होने से केदारघाटी की संपर्क जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से कट जाता है.

रुद्रप्रयाग
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Published : Aug 23, 2020, 7:23 PM IST

रुद्रप्रयाग: केदारघाटी में बीते कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे घाटी के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है. भारी बारिश के कारण केदारनाथ-ऋषिकेश नेशनल हाईवे के अलावा अन्य 12 लिंक मार्गों भी भूस्खलन की वजह से बंद पड़े हुए हैं. सबसे ज्यादा बुरे हालात केदारनाथ-ऋषिकेश नेशनल हाईवे के है, जो पिछले सात दिनों से बंद पड़ा हुआ है.

केदारनाथ-ऋषिकेश नेशनल हाईवे के बंद होने से केदार घाटी का संपर्क जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से कट गया है. जिससे केदारनाथ यात्रा भी प्रभावित हुई है. जानकारी के मुताबिक, केदारनाथ हाईवे पर सीतापुर और गौरीकुंड में बड़ी पार्किंग के समीप भारी मात्रा में बोल्डर और मलबा आ गया था. जिस कारण राजमार्ग पर आवाजाही ठप है. ऐसे में तीर्थ यात्रियों को सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच पांच किमी का सफर पैदल ही तय करना पड़ रहा है. हालांकि, बांसबाड़ा, भीरी और फाटा में आवाजाही तो रही है, लेकिन यहां भी रात के समय हाईवे पर मलबा गिर रहा है. इसके अलावा सीतापुर में हाईवे बंद पड़ा हुआ है. जिसे खोलने में विभाग जुटा हुआ है.

12 लिंक मार्गों की भी यही स्थिति.

पढ़ें- आराकोट आपदा @1 साल पूरा, ग्रामीणों के काला दिवस मनाने के बाद टूटी प्रशासन की नींद

गौरीकुंड के पास भारी मात्रा में बोल्डर और मलबा आने से हाईवे पिछले सात दिनों से बंद पड़ा हुआ है. हाईवे को खोलने के लिए विभाग ने एक ही जेसीबी मशीन लगा रखी है, इसीलिए हाईवे खोलने में ज्यादा समय लग रहा है. हाईवे बंद होने से केदारनाथ जाने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भी कमी आई है, जहां पहले प्रतिदिन 100 से 150 तीर्थयात्री केदारनाथ जा रहे थे. वहीं, अब तीस से चालीस यात्री ही धाम जा रहे हैं. जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी ने कहा कि ऑल वेदर कार्य के चलते राजमार्ग की हालत खस्ता हो गयी है. केदारघाटी की जनता और केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, वह पिछल दो दिनों से आपदाग्रस्त क्षेत्रों में जाकर लोगों की समस्याओं को सुन रहे हैं.

ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ी

प्रशासन का पूरा ध्यान केदारनाथ-ऋषिकेश नेशनल हाईवे खोलने पर रहता है, जबकि ग्रामीण इलाकों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले 12 लिंक मार्ग भी पिछले दो हफ्तों से बंद पड़े हुए हैं, जिन पर प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. इन लिंक मार्गों के बंद होने से कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है.

लिंक मार्गों के बंद होने से ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्यान आपूर्ति भी समय से नहीं हो पा रही है. ऐसे में ग्रामीण मिलो का पैदल सफर तय करके जरुरत का सामान लेने के लिए शहर पहुंच रहे है. हालांकि, संबंधित विभाग की ओर से मोटर मार्गों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनों को तैनात किया गया है, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण जगह-जगह मलबा गिर रहा है. ऐसे में मार्गों खोलने में काफी परेशानियां आ रही है.

बंद पड़े लिंक मार्ग

छेनागाड़-बक्सीर, मयाली-रणधार व गोरपा-सिरवाड़ी मोटरमार्ग दो सप्ताह से बंद पड़ा हुआ है. ये मोटर मार्ग कई जगहों पर वासआउट हो चुका है. इसके अलावा रैंतोली-जसोली, कांडई-कमोल्डी, आश्रम-घरड़ा, गुप्तकाशी-कालीमठ-कोटमा सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण, तोणीधार-पैलिंग, जुगासू-रांसी, फाटा-जामू, भीरी-परकंडी मोटरमार्ग भी बंद पड़ा हुआ है. जिन्हें खोलने के लिए मशीन लगाई गई है.

इसके साथ ही भीरी-परकंडी-मक्कू मार्ग के कई दिनों से बंद है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. परकंडी, जलई, सुरसाल, ओरिंग, पैलिंग, उथिण्ड, पल्द्वाड़ी और मक्कू गांवों का संपर्क में जिला और तहसील मुख्यालय से कट गया है.

विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी ने कहा कि जहां-जहां मोटर मार्ग बंद पड़े हैं, वहां आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भेजी जा रही है. तहसील प्रशासन को निर्देश दिए गए है कि प्रभावित गांवों में समय से राहत पहुंचाई जाए. साथ ही संबंधित अभियंताओं को जल्द मोटर मार्गो को दुरूस्त करने को कहा गया है.

रुद्रप्रयाग: केदारघाटी में बीते कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे घाटी के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है. भारी बारिश के कारण केदारनाथ-ऋषिकेश नेशनल हाईवे के अलावा अन्य 12 लिंक मार्गों भी भूस्खलन की वजह से बंद पड़े हुए हैं. सबसे ज्यादा बुरे हालात केदारनाथ-ऋषिकेश नेशनल हाईवे के है, जो पिछले सात दिनों से बंद पड़ा हुआ है.

केदारनाथ-ऋषिकेश नेशनल हाईवे के बंद होने से केदार घाटी का संपर्क जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से कट गया है. जिससे केदारनाथ यात्रा भी प्रभावित हुई है. जानकारी के मुताबिक, केदारनाथ हाईवे पर सीतापुर और गौरीकुंड में बड़ी पार्किंग के समीप भारी मात्रा में बोल्डर और मलबा आ गया था. जिस कारण राजमार्ग पर आवाजाही ठप है. ऐसे में तीर्थ यात्रियों को सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच पांच किमी का सफर पैदल ही तय करना पड़ रहा है. हालांकि, बांसबाड़ा, भीरी और फाटा में आवाजाही तो रही है, लेकिन यहां भी रात के समय हाईवे पर मलबा गिर रहा है. इसके अलावा सीतापुर में हाईवे बंद पड़ा हुआ है. जिसे खोलने में विभाग जुटा हुआ है.

12 लिंक मार्गों की भी यही स्थिति.

पढ़ें- आराकोट आपदा @1 साल पूरा, ग्रामीणों के काला दिवस मनाने के बाद टूटी प्रशासन की नींद

गौरीकुंड के पास भारी मात्रा में बोल्डर और मलबा आने से हाईवे पिछले सात दिनों से बंद पड़ा हुआ है. हाईवे को खोलने के लिए विभाग ने एक ही जेसीबी मशीन लगा रखी है, इसीलिए हाईवे खोलने में ज्यादा समय लग रहा है. हाईवे बंद होने से केदारनाथ जाने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भी कमी आई है, जहां पहले प्रतिदिन 100 से 150 तीर्थयात्री केदारनाथ जा रहे थे. वहीं, अब तीस से चालीस यात्री ही धाम जा रहे हैं. जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी ने कहा कि ऑल वेदर कार्य के चलते राजमार्ग की हालत खस्ता हो गयी है. केदारघाटी की जनता और केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, वह पिछल दो दिनों से आपदाग्रस्त क्षेत्रों में जाकर लोगों की समस्याओं को सुन रहे हैं.

ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ी

प्रशासन का पूरा ध्यान केदारनाथ-ऋषिकेश नेशनल हाईवे खोलने पर रहता है, जबकि ग्रामीण इलाकों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले 12 लिंक मार्ग भी पिछले दो हफ्तों से बंद पड़े हुए हैं, जिन पर प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. इन लिंक मार्गों के बंद होने से कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है.

लिंक मार्गों के बंद होने से ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्यान आपूर्ति भी समय से नहीं हो पा रही है. ऐसे में ग्रामीण मिलो का पैदल सफर तय करके जरुरत का सामान लेने के लिए शहर पहुंच रहे है. हालांकि, संबंधित विभाग की ओर से मोटर मार्गों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनों को तैनात किया गया है, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण जगह-जगह मलबा गिर रहा है. ऐसे में मार्गों खोलने में काफी परेशानियां आ रही है.

बंद पड़े लिंक मार्ग

छेनागाड़-बक्सीर, मयाली-रणधार व गोरपा-सिरवाड़ी मोटरमार्ग दो सप्ताह से बंद पड़ा हुआ है. ये मोटर मार्ग कई जगहों पर वासआउट हो चुका है. इसके अलावा रैंतोली-जसोली, कांडई-कमोल्डी, आश्रम-घरड़ा, गुप्तकाशी-कालीमठ-कोटमा सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण, तोणीधार-पैलिंग, जुगासू-रांसी, फाटा-जामू, भीरी-परकंडी मोटरमार्ग भी बंद पड़ा हुआ है. जिन्हें खोलने के लिए मशीन लगाई गई है.

इसके साथ ही भीरी-परकंडी-मक्कू मार्ग के कई दिनों से बंद है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. परकंडी, जलई, सुरसाल, ओरिंग, पैलिंग, उथिण्ड, पल्द्वाड़ी और मक्कू गांवों का संपर्क में जिला और तहसील मुख्यालय से कट गया है.

विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी ने कहा कि जहां-जहां मोटर मार्ग बंद पड़े हैं, वहां आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भेजी जा रही है. तहसील प्रशासन को निर्देश दिए गए है कि प्रभावित गांवों में समय से राहत पहुंचाई जाए. साथ ही संबंधित अभियंताओं को जल्द मोटर मार्गो को दुरूस्त करने को कहा गया है.

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