रुद्रप्रयाग: द्वादश ज्योर्तिलिगों में अग्रणी बाबा केदार की चल विग्रह उत्सव डोली अपने द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए गुप्तकाशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची. इस दौरान हजारों तीर्थ यात्री और स्थानीय लोगों ने डोली का आशीर्वाद लिया.
बता दें, रविवार को बाबा की डोली केदार धाम से रवाना हुई थी और डोली का रात्रि प्रवास रामपुर में हुआ. मंगलवार सुबह बाबा की उत्सव डोली रामपुर से फाटा, बड़ासू, नारायणकोटी, मस्ता से होते हुए अपने द्वितीय पड़ाव गुप्तकाशी पहुंची हैं. गुप्तकाशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंचने के बाद डोली ने मुख्य मंदिर और अर्धनारेश्वर मंदिर की परिक्रमा पूर्ण करके अपना स्थान अन्नकूट में लिया.
बाबा केदार की उत्सव डोली बुधवार सुबह आठ बजे अपने अंतिम पड़ाव ओंकारेश्वर मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी. ओंकारेश्वर मंदिर में बाबा की भोग मूर्तियों को निकालकर उनका शुद्धिकरण किया जाएगा. तत्पश्चात पंचमुखी डोली अपने विश्राम स्थल में सुरक्षित रखी जाएगी. आगामी शीतकाल के छह माह की पूजा अर्चना ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में संपादित की जाएंगी. डोली के साथ यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु चल रहे हैं. इसकी जानकारी विश्वनाथ मंदिर पुजारी विपिन सेमवाल ने दी है.
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वहीं, इस बार स्थानीय लोगों में मायूसी भी देखने को मिल रही है. कोरोना महामारी के कारण व्यापारियों का व्यवसाय ठप रहा. आखिरी दिनों में शुरू हुई केदारनाथ यात्रा से स्थानीय लोगों को कुछ खास लाभ नहीं हुआ. केदारघाटी के लोग केदारनाथ यात्रा पर ही निर्भर रहते हैं और छह माह का रोजगार करने के बाद सालभर की आजीविका एकत्रत करते हैं, मगर इस साल कोरोना महामारी का केदारनाथ यात्रा पर भी बुरा असर पड़ा है. ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि अगले वर्ष की यात्रा सुखद होगी और उनका व्यापार अच्छे तरीके से चलेगा.