रुद्रप्रयाग: देश में जहां अनेक मठ-मंदिरों के द्वार भक्तों के लिए खुल गए हैं. वहीं केदारनाथ धाम में बाहरी प्रांतों से आने वाले भक्तों को दर्शन की अनुमति नहीं दी गई है. साथ ही शासन-प्रशासन ने कोरोना के चलते स्थानीय लोगों को ही दर्शन की परमिशन दी है. जबकि, जून माह में प्रत्येक दिन बाबा के दर्शनों के लिए 20 से 25 हजार यात्री पहुंचते थे. ऐसे में करीब एक किमी से अधिक भक्तों की लंबी कतारे लगती थी. लेकिन, पहली बार ऐसा हुआ है कि केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद भी मंदिर परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है.
केदारनाथ धाम में लॉकडाउन के कारण विगत डेढ़ माह से सन्नाटा पसरा हुआ है. जबकि 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए थे. लेकिन, कपाट खुलने से लेकर अब तक कोरोना के चलते धाम में कोई खास गतिविधि देखने को नहीं मिली. जबकि पिछले साल तक इन दिनों में देश-विदेश के हजारों श्रद्धालु प्रत्येक दिन बाबा के दर्शनों के लिए पहुंचते थे. लेकिन, इस बार कोरोना महामारी ने भक्तों के केदारनाथ आगमन में व्यवधान पैदा कर दिया है.
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हालांकि, लाॅकडाउन समाप्त होने के बाद देश-विदेश के अनेक मठ-मंदिर भ्क्तों के दर्शनों के लिए खुल गए हैं. ऐसे में भक्त भी दर्शन के लिए मंदिरों में जा भी रहे हैं. लेकिन, केदारनाथ धाम के द्वार अभी भी भक्तों के लिए बंद हैं. वहीं केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित भी भक्तों के केदारनाथ धाम आने का विरोध कर रहे हैं.