रुद्रप्रयाग: दिवाली पर केदारनाथ धाम की रौनक देखते ही बन रही थी. बाबा केदारनाथ मंदिर को 10 कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया. धाम में मौजूद भक्तों ने बाबा के जयकारे लगाकर पूरे केदारधाम को गुंजायमान कर दिया. भक्त स्थानीय वाद्य यंत्रों की थाप पर मंदिर परिसर में बाबा केदार के भजनों पर जमकर थिरके. धाम को शानदार ढंग से रोशन किया गया है.
बता दें, दिवाली पर बाबा केदार के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में भक्त पहुंचे हैं. विश्व प्रसिद्ध धाम भगवान केदारनाथ के कपाट सोमवार यानी भैयादूज के पर्व पर पौराणिक रीति रिवाज के साथ आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद कर दिए जाएंगे. कपाट बंद होने से पूर्व मंदिर को 10 कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया है. शीतकाल में छह माह तक पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पूजा-अर्चना संपन्न होगी. देवास्थानम बोर्ड ने भी मंदिर के कपाट बंद करने को लेकर तैयारियां शुरू कर ली हैं.
बता दें, विश्वप्रसिद्ध धाम केदारनाथ के कपाट आगामी 16 नवम्बर यानी भैयादूज को पौराणिक रीति रिजावों एवं परम्पराओं के अनुसार सुबह साढे़ आठ बजे बंद कर दिए जाएंगे. इसी दिन बाबा की उत्सव डोली अपने प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए रवाना होगी.
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17 नवम्बर को बाबा केदार की उत्सव डोली रामपुर से प्रस्थान कर फाटा, नारायणकोटी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी. 18 नवम्बर को केदारनाथ की उत्सव डोली विश्वनाथ मंदिर से प्रस्थान कर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी. जिसके बाद यहां गर्भस्थल में विराजमान होने के बाद शीतकाल के छह महीने तक भक्तों को यहीं पर दर्शन देंगे. केदारनाथ के कपाट बंद करने को लेकर उत्तराखंड देवास्थानम बोर्ड ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. मंदिर को 10 कुंतल फूलों और रंग-बिरंगी लड़ियों से सजाया गया है.