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बर्फबारी के बीच बंद हुए भैरवनाथ मंदिर के कपाट, भोलेनाथ के जयकारों से गूंजा केदारधाम

bhairavnath temple doors closed केदारनाथ धाम के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ मंदिर के कपाट आज बंद कर दिये गये हैं. भैरवनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद अब केदारनाथ धाम कपाटबंदी की तैयारियां तेज हो गई हैं.

Bhairavnath temple doors
बर्फबारी के बीच बंद हुए भैरवनाथ मंदिर के कपाट
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 11, 2023, 4:23 PM IST

Updated : Nov 11, 2023, 4:38 PM IST

बर्फबारी के बीच बंद हुए भैरवनाथ मंदिर के कपाट

रुद्रप्रयाग: द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी भगवान केदारनाथ के क्षेत्र रक्षक के रूप में पूजे जाने वाले बाबा भैरवनाथ के कपाट आज विधि-विधान और पौराणिक परंपराओं के साथ बंद कर दिये गये हैं. दोपहर बाद मंदिर के मुख्य पुजारी और मंदिर समिति के वेद-पाठियों ने आगामी शीतकाल के लिये भगवान भैरवनाथ के कपाट बंद किये. भैरवनाथ के कपाट बंद होते ही केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की तैयारियां भी हो गई हैं. अब भगवान केदारनाथ की विशेष पूजा-अर्चना नहीं होगी, जबकि अन्य पूजाएं भी कम हो जाएंगी.

केदारनाथ धाम में केदारनाथ से लगभग एक किमी दूर भगवान भैरवनाथ का मंदिर स्थित है. भैरवनाथ को भगवान केदारनाथ का क्षेत्र रक्षक माना जाता है. मान्यता है कि केदारनाथ के कपाट जब शीतकाल में बंद होते हैं तो भैरव बाबा ही केदारनगरी की रक्षा करते हैं. पौराणिक परंपराओं का निर्वहन करते हुये केदारनाथ के कपाट बंद होने से पूर्व भैरवनाथ के कपाट बंद किये जाते हैं. भैरवनाथ के कपाट मंगलवार या फिर शनिवार को ही बंद होते हैं. भैरवनाथ के कपाट बंद होते ही अब केदारनाथ की पूजा-अर्चना भी कम हो जाएगी. अब बाबा केदार की विशेष पूजा-अर्चना भी नहीं होगी.

Bhairavnath temple doors closed
भैरवनाथ मंदिर में पूजा अर्चना

पढ़ें- छोटी दीपावली पर प्रकृति ने किया बदरीनाथ केदारनाथ का बर्फ से श्रृंगार, आज -9° रहा न्यूनतम तापमान

शनिवार को केदारनाथ के मुख्य पुजारी शिव लिंग ने ठीक बारह बजे केदारनाथ मंदिर में भोले बाबा की पूजा अर्चना कर भोग लगाया. इसके उपरान्त लगभग एक बजे केदारनाथ के मुख्य पुजारी, तीर्थ पुरोहित एवं बद्री-केदार मंदिर समिति के कर्मचारियों के साथ केदारपुरी की पहाड़ी बसे भैरवनाथ मंदिर पहुंचे. जहां भैरवनाथ के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू की गई. भैरवनाथ मंदिर में वैदिक मंत्रों के साथ पाषाण मूर्तियों का दूध व घी से अभिषेक किया. वेदपाठी एवं तीर्थपुरोहितों ने मंत्रों के साथ जौ, तिल व घी से हवन किया.इस दौरान भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का वातावतरण भक्तिमय हो गया. मंदिर में करीब दो घंटे चली पूजा-अर्चना के बाद ठीक तीन बजे भगवान भैरवानाथ के कपाट पौराणिक रीति रिवाजों के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए.

केदारनाथ में हुई बर्फबारी:इससे पहले आज केदारनाथ धाम में जमकर बर्फबारी हुई. धाम में एक फीट से अधिक तक बर्फ जम गई है. बर्फबारी के बाद पूरी केदारनगरी सफेद नजर आ रही है. धाम पहुंच रहे तीर्थ यात्री भी बर्फबारी का जमकर आनंद ले रहे हैं. हालांकि बर्फबारी के कारण धाम में अत्यधिक ठंड बढ़ गई है. साथ ही धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य भी बंद हो गये हैं.

बर्फबारी के बीच बंद हुए भैरवनाथ मंदिर के कपाट

रुद्रप्रयाग: द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी भगवान केदारनाथ के क्षेत्र रक्षक के रूप में पूजे जाने वाले बाबा भैरवनाथ के कपाट आज विधि-विधान और पौराणिक परंपराओं के साथ बंद कर दिये गये हैं. दोपहर बाद मंदिर के मुख्य पुजारी और मंदिर समिति के वेद-पाठियों ने आगामी शीतकाल के लिये भगवान भैरवनाथ के कपाट बंद किये. भैरवनाथ के कपाट बंद होते ही केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की तैयारियां भी हो गई हैं. अब भगवान केदारनाथ की विशेष पूजा-अर्चना नहीं होगी, जबकि अन्य पूजाएं भी कम हो जाएंगी.

केदारनाथ धाम में केदारनाथ से लगभग एक किमी दूर भगवान भैरवनाथ का मंदिर स्थित है. भैरवनाथ को भगवान केदारनाथ का क्षेत्र रक्षक माना जाता है. मान्यता है कि केदारनाथ के कपाट जब शीतकाल में बंद होते हैं तो भैरव बाबा ही केदारनगरी की रक्षा करते हैं. पौराणिक परंपराओं का निर्वहन करते हुये केदारनाथ के कपाट बंद होने से पूर्व भैरवनाथ के कपाट बंद किये जाते हैं. भैरवनाथ के कपाट मंगलवार या फिर शनिवार को ही बंद होते हैं. भैरवनाथ के कपाट बंद होते ही अब केदारनाथ की पूजा-अर्चना भी कम हो जाएगी. अब बाबा केदार की विशेष पूजा-अर्चना भी नहीं होगी.

Bhairavnath temple doors closed
भैरवनाथ मंदिर में पूजा अर्चना

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शनिवार को केदारनाथ के मुख्य पुजारी शिव लिंग ने ठीक बारह बजे केदारनाथ मंदिर में भोले बाबा की पूजा अर्चना कर भोग लगाया. इसके उपरान्त लगभग एक बजे केदारनाथ के मुख्य पुजारी, तीर्थ पुरोहित एवं बद्री-केदार मंदिर समिति के कर्मचारियों के साथ केदारपुरी की पहाड़ी बसे भैरवनाथ मंदिर पहुंचे. जहां भैरवनाथ के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू की गई. भैरवनाथ मंदिर में वैदिक मंत्रों के साथ पाषाण मूर्तियों का दूध व घी से अभिषेक किया. वेदपाठी एवं तीर्थपुरोहितों ने मंत्रों के साथ जौ, तिल व घी से हवन किया.इस दौरान भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का वातावतरण भक्तिमय हो गया. मंदिर में करीब दो घंटे चली पूजा-अर्चना के बाद ठीक तीन बजे भगवान भैरवानाथ के कपाट पौराणिक रीति रिवाजों के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए.

केदारनाथ में हुई बर्फबारी:इससे पहले आज केदारनाथ धाम में जमकर बर्फबारी हुई. धाम में एक फीट से अधिक तक बर्फ जम गई है. बर्फबारी के बाद पूरी केदारनगरी सफेद नजर आ रही है. धाम पहुंच रहे तीर्थ यात्री भी बर्फबारी का जमकर आनंद ले रहे हैं. हालांकि बर्फबारी के कारण धाम में अत्यधिक ठंड बढ़ गई है. साथ ही धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य भी बंद हो गये हैं.

Last Updated : Nov 11, 2023, 4:38 PM IST
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