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बिना ई-पास केदारनाथ जाने की जिद पर अड़े यात्री, 2 अक्टूबर से व्यापारियों का धरना - चारधाम ई पास का विरोध

बिना ई-पास केदारनाथ जाने की मांग को लेकर यात्रियों ने केदारनाथ हाईवे पर धरना दिया. इन लोगों को पुलिस ने अन्य मंदिरों के दर्शन पर जाने की सलाह दी. उधर, केदारघाटी के व्यापारियों ने 2 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन धरना देने की चेतावनी दी है. वहीं, डीएम मनुज गोयल ने यात्रियों को ई-पास को लेकर दलालों के चंगुल न फंसने को कहा है.

ई पास का विरोध
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Published : Sep 30, 2021, 7:43 PM IST

Updated : Sep 30, 2021, 8:36 PM IST

रुद्रप्रयागः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा जारी है, लेकिन ई-पास की अनिवार्यता से ज्यादातर श्रद्धालु दर्शन नहीं कर पा रहे हैं. जिसे लेकर श्रद्धालुओं और यात्रियों में भारी रोष है. गुरुवार को भी केदारनाथ हाइवे पर कुंड में ई-पास के विरोध में श्रद्धालु सड़क पर धरने पर बैठ गए. श्रद्धालु बिना ई-पास के केदारनाथ जाने की मांग कर रहे थे. वहीं, आगामी 2 अक्टूबर को ई-पास के विरोध में केदारघाटी के व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने का ऐलान किया है.

दरअसल, गुरुवार को सैकड़ों यात्री बिना ई-पास के कुंड पहुंचे. जहां पर पुलिस ने बैरियर में उन्हें रोक दिया. जिसके बाद यात्री धरने पर बैठ गए. यात्रियों के धरने पर बैठने से ई-पास के साथ केदारनाथ जाने वाले और स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. पुलिस प्रशासन ने यात्रियों को ओंकारेश्वर, तुंगनाथ, मध्यमहेश्वर आदि अन्य मंदिरों के दर्शन करने की राय दी, लेकिन सभी यात्री सड़क पर बैठ गए. करीब ढाई घंटे बाद बमुश्किल से पुलिस प्रशासन की ओर से समझाने पर यात्री माने.

ई-पास का विरोध.

बाहरी राज्यों के यात्री हो रहे परेशानः बता दें कि राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक आदि राज्यों से सैकड़ों की संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं, लेकिन बिना पास के रोके जाने पर मायूस हो रहे हैं. एसओ रविंद्र कौशल ने बताया कि सघन चेकिंग अभियान चलाकर यात्रियों के ई-पास चेक किए जा रहे हैं. जिनके पास ई-पास नहीं हैं, उन्हें अन्य मंदिरों के दर्शन करने की सलाह दी जा रही है.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रियों ने सरकार से दर्शन करने की मांगी अनुमति, ई-पास बना सिरदर्द

ई-पास के विरोध में 2 अक्टूबर को अनिश्चितकालीन धरनाः चारधाम यात्रा में ई-पास की अनिवार्यता से जहां एक ओर श्रद्धालु खासे परेशान हैं तो वहीं तीर्थ पुरोहित समाज के साथ ही व्यापारियों और मजदूरों में आक्रोश बना हुआ है. ऐसे में चारधाम यात्रा पर दर्शनों के लिए सीमित ई-पास व्यवस्था को खत्म करने को लेकर केदारघाटी के व्यापारियों ने 2 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने व बाजार बंद रखने का निर्णय लिया है. वहीं, कांग्रेस ने भी व्यापारियों के आंदोलन का समर्थन किया है.

गौर हो कि बीते 27 सितंबर को भी ई-पास के विरोध में केदारघाटी के सभी बाजार को बंद किया गया था. केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, किशन बगवाड़ी का कहना है कि श्रद्धालुओं के लिए ई-पास की व्यवस्था खत्म कर देनी चाहिए, जिससे श्रद्धालु आसानी से बाबा केदार के दर्शन कर सकें. देवस्थानम बोर्ड के गठन से परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. यह बोर्ड व्यापारियों के हित में नहीं है. वहीं, कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री लक्ष्मी राणा ने कहा कि दो साल से कोरोना महामारी के कारण लोग परेशान हैं और अब ई-पास की अनिवार्यता से लोगों को रोजगार से वंचित रहना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ेंः ई-पास के विरोध में केदारघाटी के बाजार बंद, यात्रियों को चाय तक नहीं मिला

भ्रामक जानकारी देने वाले दलालों से रहें सावधान: जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि देश के विभिन्न कोनों से लोग चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं. कुछ ऐसे दलाल हैं, जो श्रद्धालुओं को बेवकूफ बनाने में लगे हैं और अपना फायदा देखकर उन्हें यात्रा पर बुला रहे हैं. श्रद्धालु ऐसे दलालों के झांसे में न आएं. यात्री पहले देवस्थानम बोर्ड की साइट पर जाकर ई-पास बनवाएं. उसके बाद ही यात्रा पर निकलें. पास नहीं होने पर उन्हें अनावश्यक परेशान होना पड़ेगा.

डीएम गोयल ने बताया कि 15 अक्तूबर तक ई-पास से केदारनाथ आने वाले यात्रियों की बुकिंग फुल हो चुकी है और अब तक हजारों तीर्थयात्रियों को ई-पास न होने पर वापस भेजा जा चुका है. इसलिए इस बीच जो भी केदारधाम धाम आने की योजना बना रहे हैं, वो फिलहाल अपना प्लान रोक दें. केदारनाथ में एक दिन में 800 श्रद्धालुओं को ही दर्शन की व्यवस्था है. यात्री कम होने की स्थिति में ही ई-पास से यहां पहुंचे यात्रियों को दर्शन हो सकते हैं, लेकिन इसकी संभावनाएं काफी कम हैं.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा: समय कम और चुनौतियां ज्यादा, क्यों HC जाने में देर कर रही धामी सरकार, जानें मामला

ई-पास को लेकर दलाल के चंगुल न फंसेंः तीर्थयात्री दलालों के बहकावे में आकर केदारनाथ धाम आने की कोशिश न करें. पहले देवस्थानम बोर्ड की साइट पर अपना ई-पास जारी करवाएं. उसके बाद ही यात्रा पर निकलें. अगर तीर्थयात्रियों के पास ई-पास नहीं होगा तो उन्हें धाम में नहीं जाने दिया जाएगा. उन्हें जिले की सीमा सिरोबगड़ और चिरबटिया से वापस भेज दिया जाएगा. कुछ लोग तीर्थयात्रियों को बेवकूफ बनाकर अपना फायदा निकालने में लगे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस की ओर से सख्त कार्रवाई की जा रही है.

बता दें कि बीते 16 सितंबर को नैनीताल होईकोर्ट ने चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को सशर्त खोलने की अनुमति दी थी. जिसके बाद 18 सितंबर से प्रदेश में चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. ऐसे में श्रद्धालुओं और पर्यटकों में खासा उत्साह देखा जा रहा है, लेकिन चारधाम में दर्शन की तय सीमित संख्या उन्हें निराश कर रही है. क्योंकि, बिना ई-पास के दर्शन की अनुमति नहीं दी जा रही है.

ये भी पढ़ेंः AAP ने की चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सरल करने की मांग, धामी को बताया जीरो वर्क CM

बाहरी यात्रियों का पंजीकरण अनिवार्यः चारधाम में रोजाना दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या भी निर्धारित की गई है. इसके तहत बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री धाम में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 यात्री ही रोजाना दर्शन कर पाएंगे. यात्रियों के रुझान के चलते रोजाना तय की गई संख्या के सापेक्ष 15 अक्टूबर तक की बुकिंग पहले ही हो चुकी है. वहीं, यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल की वेबसाइट smartcitydehradun.uk.gov.in पर अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. वहीं, उत्तराखंड के लोगों को स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है.

ई-पास रजिस्ट्रेशन जरूरीः वहीं, ई-पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in या http://badrinah-Kedarnath.uk.gov.in प्रत्येक श्रद्धालु को कोविड निगेटिव रिपोर्ट या फिर दोनों डोज वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जमा करना है. वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के 15 दिन बाद ही यात्रा मार्ग पर जाने की अनुमति दी जाएगी. जिन लोगों को दोनों डोज नहीं लगी होंगी, उन्हें अपनी कोविड RT-PCR की 72 घंटे पुरानी निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी. केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज के बाद भी निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी, जिसके बाद ही उन्हें दर्शन का पास दिया जाएगा.

रुद्रप्रयागः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा जारी है, लेकिन ई-पास की अनिवार्यता से ज्यादातर श्रद्धालु दर्शन नहीं कर पा रहे हैं. जिसे लेकर श्रद्धालुओं और यात्रियों में भारी रोष है. गुरुवार को भी केदारनाथ हाइवे पर कुंड में ई-पास के विरोध में श्रद्धालु सड़क पर धरने पर बैठ गए. श्रद्धालु बिना ई-पास के केदारनाथ जाने की मांग कर रहे थे. वहीं, आगामी 2 अक्टूबर को ई-पास के विरोध में केदारघाटी के व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने का ऐलान किया है.

दरअसल, गुरुवार को सैकड़ों यात्री बिना ई-पास के कुंड पहुंचे. जहां पर पुलिस ने बैरियर में उन्हें रोक दिया. जिसके बाद यात्री धरने पर बैठ गए. यात्रियों के धरने पर बैठने से ई-पास के साथ केदारनाथ जाने वाले और स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. पुलिस प्रशासन ने यात्रियों को ओंकारेश्वर, तुंगनाथ, मध्यमहेश्वर आदि अन्य मंदिरों के दर्शन करने की राय दी, लेकिन सभी यात्री सड़क पर बैठ गए. करीब ढाई घंटे बाद बमुश्किल से पुलिस प्रशासन की ओर से समझाने पर यात्री माने.

ई-पास का विरोध.

बाहरी राज्यों के यात्री हो रहे परेशानः बता दें कि राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक आदि राज्यों से सैकड़ों की संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं, लेकिन बिना पास के रोके जाने पर मायूस हो रहे हैं. एसओ रविंद्र कौशल ने बताया कि सघन चेकिंग अभियान चलाकर यात्रियों के ई-पास चेक किए जा रहे हैं. जिनके पास ई-पास नहीं हैं, उन्हें अन्य मंदिरों के दर्शन करने की सलाह दी जा रही है.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रियों ने सरकार से दर्शन करने की मांगी अनुमति, ई-पास बना सिरदर्द

ई-पास के विरोध में 2 अक्टूबर को अनिश्चितकालीन धरनाः चारधाम यात्रा में ई-पास की अनिवार्यता से जहां एक ओर श्रद्धालु खासे परेशान हैं तो वहीं तीर्थ पुरोहित समाज के साथ ही व्यापारियों और मजदूरों में आक्रोश बना हुआ है. ऐसे में चारधाम यात्रा पर दर्शनों के लिए सीमित ई-पास व्यवस्था को खत्म करने को लेकर केदारघाटी के व्यापारियों ने 2 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने व बाजार बंद रखने का निर्णय लिया है. वहीं, कांग्रेस ने भी व्यापारियों के आंदोलन का समर्थन किया है.

गौर हो कि बीते 27 सितंबर को भी ई-पास के विरोध में केदारघाटी के सभी बाजार को बंद किया गया था. केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, किशन बगवाड़ी का कहना है कि श्रद्धालुओं के लिए ई-पास की व्यवस्था खत्म कर देनी चाहिए, जिससे श्रद्धालु आसानी से बाबा केदार के दर्शन कर सकें. देवस्थानम बोर्ड के गठन से परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. यह बोर्ड व्यापारियों के हित में नहीं है. वहीं, कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री लक्ष्मी राणा ने कहा कि दो साल से कोरोना महामारी के कारण लोग परेशान हैं और अब ई-पास की अनिवार्यता से लोगों को रोजगार से वंचित रहना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ेंः ई-पास के विरोध में केदारघाटी के बाजार बंद, यात्रियों को चाय तक नहीं मिला

भ्रामक जानकारी देने वाले दलालों से रहें सावधान: जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि देश के विभिन्न कोनों से लोग चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं. कुछ ऐसे दलाल हैं, जो श्रद्धालुओं को बेवकूफ बनाने में लगे हैं और अपना फायदा देखकर उन्हें यात्रा पर बुला रहे हैं. श्रद्धालु ऐसे दलालों के झांसे में न आएं. यात्री पहले देवस्थानम बोर्ड की साइट पर जाकर ई-पास बनवाएं. उसके बाद ही यात्रा पर निकलें. पास नहीं होने पर उन्हें अनावश्यक परेशान होना पड़ेगा.

डीएम गोयल ने बताया कि 15 अक्तूबर तक ई-पास से केदारनाथ आने वाले यात्रियों की बुकिंग फुल हो चुकी है और अब तक हजारों तीर्थयात्रियों को ई-पास न होने पर वापस भेजा जा चुका है. इसलिए इस बीच जो भी केदारधाम धाम आने की योजना बना रहे हैं, वो फिलहाल अपना प्लान रोक दें. केदारनाथ में एक दिन में 800 श्रद्धालुओं को ही दर्शन की व्यवस्था है. यात्री कम होने की स्थिति में ही ई-पास से यहां पहुंचे यात्रियों को दर्शन हो सकते हैं, लेकिन इसकी संभावनाएं काफी कम हैं.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा: समय कम और चुनौतियां ज्यादा, क्यों HC जाने में देर कर रही धामी सरकार, जानें मामला

ई-पास को लेकर दलाल के चंगुल न फंसेंः तीर्थयात्री दलालों के बहकावे में आकर केदारनाथ धाम आने की कोशिश न करें. पहले देवस्थानम बोर्ड की साइट पर अपना ई-पास जारी करवाएं. उसके बाद ही यात्रा पर निकलें. अगर तीर्थयात्रियों के पास ई-पास नहीं होगा तो उन्हें धाम में नहीं जाने दिया जाएगा. उन्हें जिले की सीमा सिरोबगड़ और चिरबटिया से वापस भेज दिया जाएगा. कुछ लोग तीर्थयात्रियों को बेवकूफ बनाकर अपना फायदा निकालने में लगे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस की ओर से सख्त कार्रवाई की जा रही है.

बता दें कि बीते 16 सितंबर को नैनीताल होईकोर्ट ने चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को सशर्त खोलने की अनुमति दी थी. जिसके बाद 18 सितंबर से प्रदेश में चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. ऐसे में श्रद्धालुओं और पर्यटकों में खासा उत्साह देखा जा रहा है, लेकिन चारधाम में दर्शन की तय सीमित संख्या उन्हें निराश कर रही है. क्योंकि, बिना ई-पास के दर्शन की अनुमति नहीं दी जा रही है.

ये भी पढ़ेंः AAP ने की चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सरल करने की मांग, धामी को बताया जीरो वर्क CM

बाहरी यात्रियों का पंजीकरण अनिवार्यः चारधाम में रोजाना दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या भी निर्धारित की गई है. इसके तहत बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री धाम में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 यात्री ही रोजाना दर्शन कर पाएंगे. यात्रियों के रुझान के चलते रोजाना तय की गई संख्या के सापेक्ष 15 अक्टूबर तक की बुकिंग पहले ही हो चुकी है. वहीं, यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल की वेबसाइट smartcitydehradun.uk.gov.in पर अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. वहीं, उत्तराखंड के लोगों को स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है.

ई-पास रजिस्ट्रेशन जरूरीः वहीं, ई-पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in या http://badrinah-Kedarnath.uk.gov.in प्रत्येक श्रद्धालु को कोविड निगेटिव रिपोर्ट या फिर दोनों डोज वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जमा करना है. वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के 15 दिन बाद ही यात्रा मार्ग पर जाने की अनुमति दी जाएगी. जिन लोगों को दोनों डोज नहीं लगी होंगी, उन्हें अपनी कोविड RT-PCR की 72 घंटे पुरानी निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी. केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज के बाद भी निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी, जिसके बाद ही उन्हें दर्शन का पास दिया जाएगा.

Last Updated : Sep 30, 2021, 8:36 PM IST
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