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कालीमठ घाटी में कई परिवारों पर मंडराया खतरा! कविल्ठा गांव के निचले हिस्से में हो रहा भूस्खलन

Kaviltha Village Landslide कालीमठ घाटी में कई परिवार खतरे की मुहाने पर खड़े हैं. कविल्ठा गांव में घरों में दरार आ गई है. ऐसे में खौफजदा 3 परिवारों ने घर खाली कर दिया है. उन्होंने दूसरों के यहां शरण ली है. इसके अलावा कविल्ठा, कोटमा और खोन्नू गांव के निचले हिस्से से भूस्खलन हो रहा है. जिससे ग्रामीण दहशत में है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 31, 2023, 7:33 PM IST

Kaviltha Villagers Are Panic Due to Landslide
कविल्ठा गांव में भूस्खलन

रुद्रप्रयागः कालीमठ घाटी में बारिश से जगह-जगह भूस्खलन होने से कई परिवार खतरे की जद में हैं. ज्यादातर मकानों पर दरारें पड़ने से लोगों को भविष्य में बड़ी अनहोनी होने की आशंका सता रही है. मकानों में दरारें पड़ने की वजह कालीमठ घाटी में बहने वाली काली गंगा के किनारे हो रहे भू धंसाव को माना जा रहा है. जल्द ही काली गंगा के किनारे हो रहे भू धंसाव का ट्रीटमेंट नहीं किया जाता है तो भविष्य में ग्रामीणों पर कुदरत का कहर बरस सकता है.

कविल्ठा गांव के प्रधान अरविंद सिंह राणा ने गांव के निचले हिस्से में भूस्खलन के कारण तीन मकानों में दरारें पड़ी है. ऐसे में उन्हें दूसरे के घरों में रात काटनी पड़ रही है. जबकि, 18 ग्रामीणों की घरों और गौशालाओं में दरारें पड़ने से खतरा बना हुआ है. उन्होंने बताया कि काली गंगा के किनारे हुए भूस्खलन से काश्तकारों की कृषि भूमि समेत पैदल संपर्क मार्गों को भी भारी क्षति पहुंची है.

Kaviltha Villagers Are Panic Due to Landslide
कालीमठ घाटी में कई परिवारों पर मंडराया खतरा
ये भी पढ़ेंः कालीमठ घाटी के ब्यूंखी में बादल फटने से दहशत में ग्रामीण, खतरे की जद में आए कई परिवार

सामाजिक कार्यकर्ता बलवंत सिंह रावत ने बताया कि मूसलाधार बारिश के कारण कविल्ठा गांव के विभिन्न स्थानों पर हुए भूस्खलन से भविष्य के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है. यदि काली गंगा नदी से हो रहे भू धंसाव का ट्रीटमेंट नहीं किया गया तो भविष्य में कई परिवारों पर खतरा मंडरा सकता है.

Kaviltha Villagers Are Panic Due to Landslide
कालीमठ घाटी में बारिश ने मचाई तबाही

प्रधान कोटमा आशा सती ने बताया कि कोटमा गांव के निचले और ऊपरी हिस्से में बीते दिनों हुए भूस्खलन से करीब 30 परिवारों को खतरा है. पूर्व प्रधान लक्ष्मण सिंह सत्कारी ने बताया कि खोन्नू गांव के निचले हिस्से में भूस्खलन से 10 मकानें और 20 गौशालाओं को खतरा बना हुआ है. भविष्य में 52 परिवार खतरे की जद में आ सकते हैं.

Kaviltha Villagers Are Panic Due to Landslide
घरों और गौशाला में हो रहा भू धंसाव

उत्तराखंड जल विद्युत निगम का वादा अधूराः उन्होंने बताया कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम ने साल 2008 में काली गंगा प्रथम जल विद्युत परियोजना का काम शुरू किया था. उस समय खोन्नू गांव के निचले हिस्से में काली गंगा के किनारे सुरक्षा दीवारों का निर्माण करने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया था, लेकिन आज तक सुरक्षा दीवारों का निर्माण न होने से काली गंगा के किनारे लगातार भू धंसाव हो रहा है.

Kaviltha Villagers Are Panic Due to Landslide
दरार से दहशत में ग्रामीण
ये भी पढ़ेंः जोशीमठ और जाखन जैसे विस्थापन की आस ताकते सैकड़ों गांव, 2022 में मात्र 118 परिवार को मिला आसरा

क्या बोले डीएम? वहीं, मामले में रुद्रप्रयाग डीएम सौरभ गहरवार का कहना है कि उप जिलाधिकारी को क्षेत्र का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं. गांव में जो भी प्रभावित लोगों हैं, उन्हें सहायता दी जाएगी. साथ ही क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को घबराने की जरूरत नहीं है. प्रशासन हर कदम पर प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा है.

Cracks in Kalimath Valley
घरों में दरार

रुद्रप्रयागः कालीमठ घाटी में बारिश से जगह-जगह भूस्खलन होने से कई परिवार खतरे की जद में हैं. ज्यादातर मकानों पर दरारें पड़ने से लोगों को भविष्य में बड़ी अनहोनी होने की आशंका सता रही है. मकानों में दरारें पड़ने की वजह कालीमठ घाटी में बहने वाली काली गंगा के किनारे हो रहे भू धंसाव को माना जा रहा है. जल्द ही काली गंगा के किनारे हो रहे भू धंसाव का ट्रीटमेंट नहीं किया जाता है तो भविष्य में ग्रामीणों पर कुदरत का कहर बरस सकता है.

कविल्ठा गांव के प्रधान अरविंद सिंह राणा ने गांव के निचले हिस्से में भूस्खलन के कारण तीन मकानों में दरारें पड़ी है. ऐसे में उन्हें दूसरे के घरों में रात काटनी पड़ रही है. जबकि, 18 ग्रामीणों की घरों और गौशालाओं में दरारें पड़ने से खतरा बना हुआ है. उन्होंने बताया कि काली गंगा के किनारे हुए भूस्खलन से काश्तकारों की कृषि भूमि समेत पैदल संपर्क मार्गों को भी भारी क्षति पहुंची है.

Kaviltha Villagers Are Panic Due to Landslide
कालीमठ घाटी में कई परिवारों पर मंडराया खतरा
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सामाजिक कार्यकर्ता बलवंत सिंह रावत ने बताया कि मूसलाधार बारिश के कारण कविल्ठा गांव के विभिन्न स्थानों पर हुए भूस्खलन से भविष्य के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है. यदि काली गंगा नदी से हो रहे भू धंसाव का ट्रीटमेंट नहीं किया गया तो भविष्य में कई परिवारों पर खतरा मंडरा सकता है.

Kaviltha Villagers Are Panic Due to Landslide
कालीमठ घाटी में बारिश ने मचाई तबाही

प्रधान कोटमा आशा सती ने बताया कि कोटमा गांव के निचले और ऊपरी हिस्से में बीते दिनों हुए भूस्खलन से करीब 30 परिवारों को खतरा है. पूर्व प्रधान लक्ष्मण सिंह सत्कारी ने बताया कि खोन्नू गांव के निचले हिस्से में भूस्खलन से 10 मकानें और 20 गौशालाओं को खतरा बना हुआ है. भविष्य में 52 परिवार खतरे की जद में आ सकते हैं.

Kaviltha Villagers Are Panic Due to Landslide
घरों और गौशाला में हो रहा भू धंसाव

उत्तराखंड जल विद्युत निगम का वादा अधूराः उन्होंने बताया कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम ने साल 2008 में काली गंगा प्रथम जल विद्युत परियोजना का काम शुरू किया था. उस समय खोन्नू गांव के निचले हिस्से में काली गंगा के किनारे सुरक्षा दीवारों का निर्माण करने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया था, लेकिन आज तक सुरक्षा दीवारों का निर्माण न होने से काली गंगा के किनारे लगातार भू धंसाव हो रहा है.

Kaviltha Villagers Are Panic Due to Landslide
दरार से दहशत में ग्रामीण
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क्या बोले डीएम? वहीं, मामले में रुद्रप्रयाग डीएम सौरभ गहरवार का कहना है कि उप जिलाधिकारी को क्षेत्र का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं. गांव में जो भी प्रभावित लोगों हैं, उन्हें सहायता दी जाएगी. साथ ही क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को घबराने की जरूरत नहीं है. प्रशासन हर कदम पर प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा है.

Cracks in Kalimath Valley
घरों में दरार
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