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इस युवा ने नौकरी छोड़ खेतों को किया सरसब्ज, स्वरोजगार की जगाई अलख - kapil sharma of rudraprayag

रुद्रप्रयाग जिले के कपिल शर्मा ने पहाड़ों में खेती कर लोगों को आयना दिखाने का काम किया है. टेमरियां गांव का कपिल पहाड़ों में खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

पहाड़ों में खेती.
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Published : Sep 29, 2019, 5:27 PM IST

रुद्रप्रयाग: पहाड़ में बड़े पैमाने पर खेती बंजर होती जा रही है. जंगली जानवरों के आतंक से तंग आकर किसान खेती को छोड़ रहे हैं और रोजगार की तलाश में शहरों और महानगरों में बस रहे हैं. लेकिन अपनी मेहनत के बूते किसी भी बाधा से किनारा पाया जा सकता है. जिसका उदाहरण रुद्रप्रयाग जिले के टेमरियां गांव निवासी कपिल शर्मा ने दिया है.

पहाड़ों में खेती को दिया बढ़ावा.

अगस्त्यमुनि विकासखण्ड के टेमरियां गांव के कपिल शर्मा ने अपने गांव में कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन और डेरी व्यवसाय को आजीविका का जरिया बनाया. साथ ही दो और लोगों को भी रोजगार दिया. बता दें कि इससे पहले कपिल पहाड़ के अन्य युवाओं के तरह की तरह नौकरी की तलाश में चंड़ीगढ़ गया था. एक प्राइवेट कंपनी में मार्केटिंग की नौकरी मिली, लेकिन परिवार चलाने लायक भी कमाई नहीं हो पाई.

पढ़ें: पौड़ी में तीव्र मोड़ से हटाए जाएंगे होर्डिंग-बैनर, जानिए क्या है वजह ?

इसके बाद एक साल में ही कपिल नौकरी छोड़कर वापिस अपने गांव आ गया. घर का इकलौता लड़का होने के कारण परिवार की जिम्मेदारी भी कपिल के कंधों पर थी. इसलिए गांव में रहकर ही कुछ करने का मन बनाया. शुरूआत के दिनों में कुछ खेतों में मौसमी सब्जी का उत्पादन शुरू किया. जिसमें पहले ही सीजन में 40 हजार का मुनाफा हुआ. मन में आशा जगी तो ग्रामीणों के बंजर पड़े खेतों को भी उसने लीज पर ले लिया और फिर उनमें चकबंदी कर सब्जियां उगाई. इस कार्य में परिवार का साथ मिला तो कारोबार फलने-फूलने लगा.

सब्जियां उगाने के बाद कपिल पशुपालन विभाग के सम्पर्क में आया और डेरी व्यवसाय का काम भी शुरू कर दिया. पहले एक गाय रखी और मुनाफ अच्छा देख धीरे-धीरे गायों की संख्या में भी इजाफा कर दिया. आज कपिल के पास पूरी 17 दुधारू गाय हैं, जिनसे हर रोज करीब 70 लीटर दूध अगस्त्यमुनि के साथ ही नजदीकी मार्केट में बिकता है. साथ ही सब्जी से भी वह अच्छा मुनाफा कमा रहा है, जबकि अपने साथ दो अन्य लोगों को भी रोजगार दिया है.

रुद्रप्रयाग: पहाड़ में बड़े पैमाने पर खेती बंजर होती जा रही है. जंगली जानवरों के आतंक से तंग आकर किसान खेती को छोड़ रहे हैं और रोजगार की तलाश में शहरों और महानगरों में बस रहे हैं. लेकिन अपनी मेहनत के बूते किसी भी बाधा से किनारा पाया जा सकता है. जिसका उदाहरण रुद्रप्रयाग जिले के टेमरियां गांव निवासी कपिल शर्मा ने दिया है.

पहाड़ों में खेती को दिया बढ़ावा.

अगस्त्यमुनि विकासखण्ड के टेमरियां गांव के कपिल शर्मा ने अपने गांव में कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन और डेरी व्यवसाय को आजीविका का जरिया बनाया. साथ ही दो और लोगों को भी रोजगार दिया. बता दें कि इससे पहले कपिल पहाड़ के अन्य युवाओं के तरह की तरह नौकरी की तलाश में चंड़ीगढ़ गया था. एक प्राइवेट कंपनी में मार्केटिंग की नौकरी मिली, लेकिन परिवार चलाने लायक भी कमाई नहीं हो पाई.

पढ़ें: पौड़ी में तीव्र मोड़ से हटाए जाएंगे होर्डिंग-बैनर, जानिए क्या है वजह ?

इसके बाद एक साल में ही कपिल नौकरी छोड़कर वापिस अपने गांव आ गया. घर का इकलौता लड़का होने के कारण परिवार की जिम्मेदारी भी कपिल के कंधों पर थी. इसलिए गांव में रहकर ही कुछ करने का मन बनाया. शुरूआत के दिनों में कुछ खेतों में मौसमी सब्जी का उत्पादन शुरू किया. जिसमें पहले ही सीजन में 40 हजार का मुनाफा हुआ. मन में आशा जगी तो ग्रामीणों के बंजर पड़े खेतों को भी उसने लीज पर ले लिया और फिर उनमें चकबंदी कर सब्जियां उगाई. इस कार्य में परिवार का साथ मिला तो कारोबार फलने-फूलने लगा.

सब्जियां उगाने के बाद कपिल पशुपालन विभाग के सम्पर्क में आया और डेरी व्यवसाय का काम भी शुरू कर दिया. पहले एक गाय रखी और मुनाफ अच्छा देख धीरे-धीरे गायों की संख्या में भी इजाफा कर दिया. आज कपिल के पास पूरी 17 दुधारू गाय हैं, जिनसे हर रोज करीब 70 लीटर दूध अगस्त्यमुनि के साथ ही नजदीकी मार्केट में बिकता है. साथ ही सब्जी से भी वह अच्छा मुनाफा कमा रहा है, जबकि अपने साथ दो अन्य लोगों को भी रोजगार दिया है.

Intro:स्पेशल -
काश्तकार कपिल की कर्मठता से फूटा मेहनत का अंकुर
चड़ीगढ़ से घर लौटकर खेती को दिया बढ़ावा
गांव में कृषि, बागवानी, डेरी और मत्स्य पालन कर क्षेत्र में बने मिसाल
रुद्रप्रयाग। कहते हैं मेहनत की बदौलत कामयाबी हासिल की जा सकती है। यदि मन मंे कुछ ठान लिया और उसे करने का जज्बा हो तो मेहनत का अंकुर एक दिन जरूर फूटता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है रुद्रप्रयाग जिले के टेमरियां गांव निवासी कर्मठ किसान कपिल शर्मा ने। युवा काश्तकार की मेहनत और कर्मठता की मिशाल आज पूरा क्षेत्र दे रहा है। देखिए इस खास रिपोर्ट में-Body:वीओ -1- भले ही पहाड़ के परिपेक्ष में अकसर ये कहावत कही जाती है कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के कभी काम नहीं आती है, लेकिन इस कहावत से बार-बार पहाड़ को कोसने वालों को कई युवा आइना दिखा रहे हैं। अगस्त्यमुनि विकासखण्ड के टेमरियां गांव के कपिल शर्मा ने अपने गांव में कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन और डेरी व्यवसाय को आजीविका का एक बेहतर जरिया बनाकर आज एक ऐसा उदाहरण पेश किया है, जिसकी नजीर पूरे क्षेत्र में दी जा रही है।
बाइट - कपिल शर्मा, काश्तकार
वीओ -2- पहाड़ के हर नौजवान की तरह नौकरी की तलाश में कपिल भी चड़ीगढ गया। एक प्राइवेट कम्पनी में मार्केटिंग की नौकरी मिली, मगर हाड़तोड़ मेहनत के बावजूद भी परिवार चलाने लायक कमाई नहीं हो पाई। एक साल में ही नौकरी से मन भर गया तो वापस अपने गांव आ गए। घर का इकलौता लड़का होने के कारण परिवार की जिम्मेदारी भी कपिल के कंधों पर थी, इसलिए गांव में रहकर ही कुछ करने का मन बनाया। शुरूआत के दिनों में कुछ खेतों में मौसमी सब्जी का उत्पादन शुरू किया तो पहले ही सीजन में 40 हजार का मुनाफा हुआ। मन में आशा जगी तो ग्रामीणों के बंजर पड़े खेतों को भी उन्होंने लीज पर ले लिया और फिर उनमें चकबंदी कर सब्जियां उगाई। पूरी जीतोड़ मेहनत की तो सफलता कदम चूमने लगी। अच्छा खासा मुनाफा भी होने लगा। इस कार्य में परिवार का साथ मिला तो कारोबार फलने-फूलने लगा।
बाइट - कपिल, काश्तकार की मांConclusion:वीओ -3- इसके बाद कपिल पशुपालन विभाग के सम्पर्क में आया तो डेरी व्यवसाय का कार्य भी आरम्भ कर दिया। पहले एक गाय रखी और मुनाफ अच्छा देख धीरे-धीरे गायों की संख्या में भी इजाफा कर दिया। आज कपिल के पास पूरी 17 दुधारू गाय हैं, जिनसे हर रोज करीब 70 लीटर दूध अगस्त्यमुनि के साथ ही नजदीकी मार्केट में बिकता है। वहीं सब्जी से भी वह अच्छा मुनाफा कमा रहा है, जबकि अपने साथ दो अन्य लोगों को भी रोजगार दे रखा है।
बाइट - रमेश नितवाल, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी
बाइट - राजकिशोर डाॅक्टर
फाइनल - पहाड़ में बड़े पैमाने पर खेती बंजर होती जा रही है। जंगली जानवरों के आतंक से तंग आकर किसान खेती को छोड़ रहे हैं और रोजगार की तलाश में शहरों और महानगरों में बस रहे हैं, लेकिन अगर मेहनत, कर्मठता और जुनून हो तो किसी भी बाधा से किनारा पाया जा सकता है। जिसका नायाब उदाहरण युवा काश्तकार कपिल शर्मा ने दिया है।
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